नई दिल्ली पहलवान सुशील कुमार को खेल जगत में उनकी उपलब्धियों के लिए पद्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। लेकिन क्या उनसे इसे वापस लिया जा सकता है। अब चूंकि इस अवॉर्ड को कैंसिल करने का कोई स्पष्ट नियम नहीं है चूंकि इससे पहले कोई भी पद्म अवॉर्ड धारक इतने भयानक अपराध में गिरफ्तार नहीं किया गया है। सरकार की ओर से भी इस मामले में थोड़ा संयम अपनाए जाने की बात लग रही है। ऐसा लगता नहीं कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार पहलवान से पद्मश्री वापस लेने पर कोई फैसला जल्द ही हो सकता है। कुमार को रविवार को साथी पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर हत्या, उगाही और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। कुमार ने दो ओलिंपिक मेडल जीते हैं। साल 2008 में बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 में लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल उन्होंने अपने नाम किया था। 2011 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इस मामले पर अभी कुछ कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह सही समय पर सही फैसला लेंगे। पूर्व गृह सचिव एन गोपालास्वामी का मानना है कि हालांकि गृह मंत्रालय पद्म अवॉर्ड की समीक्षा करने में सक्षम है। भले ही सुशील पर चार्जशीट दर्ज हो गई हो लेकिन राष्ट्रपति से सुशील का अवॉर्ड केंसल करने से पहले वह अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहेगा। गोपालस्वामी ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'चार्जशीट फाइल होने के बाद, राष्ट्रपति द्वारा अवॉर्ड कैंसल किया जा सकता है। और अगर वह अदालत से बरी हो जाते हैं, तो अवॉर्ड कैंसल करने का फैसला वापस लिया जा सकता है।'
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