Saturday, February 27, 2021

'पिंक टेरर' पर ICC से नहीं मिलेगी मोटेरा को गंभीर सजा, अब बदलेगी पिच? February 27, 2021 at 04:53PM

नई दिल्ली डे-नाइट टेस्ट के दो दिन के अंदर खत्म होने के बाद मोटेरा की पिच को भले ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इसे इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से गंभीर सजा मिलने की आशंका नहीं है, क्योंकि अंतिम टेस्ट की पिच बल्लेबाजी के अनुकूल होने की संभावना है। भारत चार टेस्ट की सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा है और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वॉलिफाइ करने के लिए उसे 4 मार्च से अहमदाबाद में ही होने वाले अंतिम टेस्ट को सिर्फ ड्रॉ कराना होगा। अंतिम टेस्ट में एक और स्पिन के अनुकूल पिच की संभावना कम है, क्योंकि घरेलू टीम पिच को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘अच्छी पिच की उम्मीद है जो ठोस रहेगी और समान उछाल मिलेगा। यह बल्लेबाजी के अनुकूल होगी और यह पारंपरिक रेड बॉल का टेस्ट मैच होगा इसलिए यहां अंतिम मुकाबले में काफी बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है।’ पढ़ें, दरअसल, बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के साथ टीम प्रबंधन भी समझता है कि धूल से भरी एक और पिच नए स्थल के लिए अच्छी नहीं होगी जिसके आईपीएल और आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के दौरान कई अहम मैचों की मेजबानी करने की संभावना है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘अगर एक ही स्थल पर दो मैच होते हैं तो आप एक नतीजे को अलग नहीं कर सकते। अंतिम टेस्ट होने दीजिए और इसके बाद ही मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट के आधार पर आईसीसी अपनी कार्रवाई को लेकर फैसला करेगा। साथ ही, अब तक इंग्लैंड की टीम ने भी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।’ अगर एक ही स्थल पर एक अच्छी और एक खराब पिच होती है तो आईसीसी के कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। भारत सीरीज को 3-1 से अपने नाम करके खुश होगा, लेकिन टीम को नतीजा देने वाली स्पिन की अनुकूल पिच की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके लिए ड्रॉ ही काफी है। साथ ही, भारतीय टीम प्रबंधन ऐसी पिच नहीं चाहता जिस पर बेहद महत्वपूर्ण मैच में खेलते हुए उसे नुकसान उठाना पड़े। उन्होंने कहा, ‘पिंक बॉल टेस्ट अच्छा रहा क्योंकि यह गेंद से अधिक जुड़ा हुआ मामला था। गेंद पिच पर गिरकर तेजी से आ रही थी जबकि पिच में कोई समस्या नहीं थी, जैसा इंग्लैंड के कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कह रहे हैं। वे सीधी गेंदों का सामना करने में नाकाम रहे। लेकिन इस तरह की पिचें अपने ऊपर भी भारी पड़ सकती हैं और बीसीसीआई को इसकी अच्छी तरह जानकारी है।’

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