Monday, January 18, 2021

आर्थर मॉरिस- फर्स्ट क्लास डेब्यू पर दो शतक, ब्रैडमैन के जीरो पर दूसरे छोर पर खड़े थे और 18 बार एक ही गेंदबाज का बने शिकार January 18, 2021 at 04:23PM

नई दिल्ली आज ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर (Arthur Morris) का जन्मदिन है। रन-मशीन कहे जाने वाले आर्थर का जन्म आज ही के दिन 1922 को हुआ था। उन्होंने अपने पहले ही फर्स्ट क्लास मैच में रेकॉर्ड बना दिया था। यह 1940 का दिसंबर था। 18 साल का एक युवा क्रिकेटर आर्थर मॉरिस अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू कर रहा था। वह अपने पहले ही प्रथम-श्रेणी मैच की दोनों पारियों में शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने। न्यू साउथ वेल्स के लिए क्वींसलैंड के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने यह कारनामा किया था। मॉरिस ने जब फर्स्ट-क्लास क्रिकेट की शुरुआत की तब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका था। ऐसे में 18 साल की उम्र में फर्स्ट-क्लास करियर शुरू करने के बाद उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने में छह साल का इंतजार करना पड़ा। यह उनके करियर का प्राइम था लेकिन उनके पास सिवाय इंतजार के कोई दूसरा विकल्प नहीं था। मॉरिस को 1946-47 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। वर्ल्ड वॉर खत्म हो चुकी थी और दुनिया धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी थी। ऑर्थर की शुरुआती तीन पारियां अच्छी नहीं रहीं। 2, 5, और 21 रन बने। लेकिन मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपना रंग दिखाया। करियर की पहली सेंचुरी ठोकी 155 रन बनाकर। इसके बाद दो शतक और लगाए। यानी लगातार तीन। जब ब्रैडमैन को पीछे छोड़ा बहुत कम बल्लेबाज किसी टेस्ट सीरीज में ब्रैडमैन से आगे निकलने का दावा कर सकते हैं। लेकिन आर्थर मॉरिस ने ऐसा किया है। यह 1948 में ऑस्ट्रेलिया के इंग्लैंड दौरे की बात है। यह ब्रैडमैन की आखिरी टेस्ट सीरीज थी। उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में 72.57 के औसत से 508 रन बनाए थे। वहीं मॉरिस ने 87 के औसत से 696 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। ब्रैडमैन जीरो पर हुए थे आउट, सामने थे आर्थर ब्रैडमैन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में जीरो पर आउट हुए। एरिक हॉरिस ने ब्रैडमैन को बोल्ड कर दिया था। इसी वजह से वह टेस्ट में 100 की औसत का जादुई आंकड़ा नहीं छू पाए। लेकिन इसी पारी में आर्थर 196 रन बनाए थे। शायद ही किसी को याद हो कि जब ब्रैडमैन आउट होकर पविलियन लौट रहे थे तब आर्थर ही दूसरे छोर पर खड़े थे। इतना ही नहीं वह उस मैच में दोहरे शतक से सिर्फ चार रन से चूक गए थे। 196 के स्कोर पर वह रन-आउट हो गए थे। जनवरी 1951 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में अपना सर्वोच्च स्कोर 206 रन बनाया। 1948-49 के बाद फॉर्म में गिरावट 1948-49 के बाद उनकी फॉर्म में गिरावट आने लगी। तब तक 19 टेस्ट मैचों में उनका बल्लेबाजी औसत 67.77 का था। इसके बाद एलेक बेडसर ने उन्हें परेशान करना शुरू किया। उनकी स्विंग और कट के सामने वह जूझने लगे। आखिरी 27 टेस्ट मैचों में उन्होंने 34.03 के औसत से 1703 रन बनाए। एलक ने बनाया 18 बार शिकार इंग्लैंड के तेज गेंदबाज एलेक बेडसर (Alec Bedser) ने आर्थर को काफी परेशान किया। आर्थर ने इंग्लैंड के खिलाफ रन तो बनाए लेकिन बेडसर ने उन्हें 18 बार आउट किया। यह एक गेंदबाज द्वारा किसी बल्लेबाज को सबसे ज्यादा बार आउट करने का रेकॉर्ड रहा। 1946 से 1954 के बीच 21 मुकाबलों में 18 बार वह बेडसर का शिकार बने। इस रेकॉर्ड को ग्लेन मैकग्रा ने तोड़ा। साल 2001 में मैकग्रा ने इंग्लैंड के ओपनर माइकल आर्थटन को 19 बार आउट कर यह रेकॉर्ड अपने नाम किया। मैकग्रा ने सिर्फ 17 मैचों में यह उपलब्धि हासिल कर ली। 12 सेंचुरी और 12 ही हाफ सेंचुरी वेस्टइंडीज के खिलाफ 1955 में अपने आखिरी टेस्ट में आर्थर ने 7 रन बनाए। यह उनके करियर का आखिरी मुकाबला साबित हुआ। 46 मैचों में आर्थर ने 46.48 के औसत से 3533 रन बनाए। अपने करियर में उन्होंने 12 सेंचुरी और इतनी ही हाफ सेंचुरी बनाई। 22 अगस्त 2015 को 93 साल की उम्र में उनका निधन हुआ।

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