Tuesday, December 29, 2020

Australia vs India: शुभमन गिल और अजिंक्य रहाणे की कामयाबी के बाद सोशल मीडिया पर छाए राहुल द्रविड़ December 28, 2020 at 09:23PM

नई दिल्ली अजिंक्य रहाणे ने जैसे ही नाथन लायन की गेंद को ऑन साइड पर खेलकर एक रन पूरा किया टीम इंडिया ने मेलबर्न में मैदान मार लिया। रहाणे ने पहली पारी में शतक लगाने के बाद दूसरी पारी में नाबाद 27 रन बनाए। डेब्यू मैच खेल रहे शुभमन गिल ने नाबाद 35 रन बनाए। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया से ऐडिलेड में मिली हार का हिसाब बराबर किया। सीरीज अब 1-1 से बराबर है। भारत की इस जीत के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ एक बार फिर चर्चा में आ गए। सोशल मीडिया पर द्रविड़ के चाहने वाले टीम की इस जीत को कहीं न कहीं द्रविड़ से जोड़ने लगे। द्रविड़ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इंडिया अंडर-19 और इंडिया-ए की टीमों की कोचिंग का जिम्मा संभाला। फिलहाल वह नैशनल क्रिकेट अकादमी के प्रमुख का पद संभाल रहे हैं। हालांकि उन्हें भारतीय सीनियर पुरुष टीम का कोच बनाए जाने की मांग भी उठी थी। द्रविड़ ने हालांकि पारिवारिक कारणों का हवाला देकर उससे मना कर दिया था। द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को निखारा, संवारा और उन्हें अगले मंच के लिए तैयार किया। पृथ्वी साव और शुभमन गिल भी उसी कड़ी का हिस्सा हैं। गिल और साव 2018 में न्यूजीलैंड में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। तब द्रविड़ की टीम के कोच थे। द्रविड़ न सिर्फ जबर्दस्त तकनीक के बल्लेबाज रहे लेकिन साथ ही खेल के साथ-साथ मानसिक रूप से खुद को कैसे तैयार करना है इसमें भी उनका कोई सानी नहीं था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि वह खिलाड़ियों की मनोदशा और खेल के प्रति उनके नजरिए को संवारने में ज्यादा यकीन रखते हैं। शुभमन गिल, जिन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करीब 70 के औसत से रन बनाए हैं, ने अपने पहले ही टेस्ट में इसका प्रमाण भी दिया। मेलबर्न में 70 का लक्ष्य हालांकि बड़ा नहीं था लेकिन ऐडिलेड का कड़वा अनुभव टीम को सता रहा होगा। खास तौर पर तब जब 19 के स्कोर पर ही मयंक अग्रवाल और चेतेश्वर पुजारा पविलियन लौट चुके हों। लेकिन यहां उन्होंने धैर्य और आक्रामकता का अच्छा मेल दिखाया। कुछ आकर्षक शॉट खेले लेकिन धैर्य खोए बिना। क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो के संपादक संबित बल ने मैच के बाद ट्वीट करके बताया कि कैसे द्रविड़ ने पांच साल पहले ही उनसे शुभमन गिल की तारीफ की थी। उन्होंने लिखा, 'करीब पांच साल पहले राहुल द्रविड़ ने शुभमन गिल पर निगाह बनाए रखने को कहा था। भारतीय क्रिकेट के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने के लिए कई युवा क्रिकेटर तैयार हैं यह कोई छोटी बात नहीं है। और यह सब राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में ही संभव हो पाया है।' द्रविड़ टीम मैन रहे हैं। नेपृथ्य में रहकर अपना काम करने वाले। कुछ ऐसी ही खूबी उनकी मेंटॉरशिप में रहने वाले खिलाड़ियों में भी नजर आती है। द्रविड़ का नियम रहा है अपना बेस्ट दो और बाकी सब अपने-आप होता जाएगा। यही आपको अजिंक्य रहाणे में भी नजर आता है। द्रविड़ को अपना आदर्श मानने वाले रहाणे में इसकी झलक साफ नजर आती है। इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स में राहुल द्रविड़ के साथ काफी वक्त बिताने वाले रहाणे तकनीक से लेकर मैदान पर अपने सौम्य व्यवहार तक कई लिहाज से द्रविड़ के करीब नजर आते हैं। रन आउट होने के बाद जडेजा का हौसला बढ़ाने की बात हो या फिर दिन का खेल खत्म होने के बाद डेब्यू कर रहे खिलाड़ी को मैदान के बाहर टीम को लीड करने को कहना हो। रहाणे टीम मैन की मिसाल नजर आते हैं। अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट जीत के बाद विजयी ट्रोफी के साथ अफगान टीम को भी साथ बैठाना भी इस बात का गवाह है कि वह खेल भावना और उसकी अहमियत को जानते समझते हैं। क्रिकेट टीम गेम है और टीम गेम में किसी भी खिलाड़ी से बेस्ट निकलवाने के लिए उसे प्रेरित करना और उसमें भरोसा करना बहुत जरूरी होता है। रहाणे ने मेलबर्न में इसकी शानदार मिसाल पेश की। पाकिस्तान के इकलौते विश्व कप विजेता कप्तान इमरान खान ने कहा था कि क्रिकेट में मैदान पर बाकी कई खेलों के मुकाबले कप्तान की भूमिका सबसे ज्यादा होती है। फुटबॉल या हॉकी से कहीं ज्यादा। कप्तान खेल लीड करता है। बात फिर द्रविड़ की करते हैं। जैंटलमेन की तरह खेलने वाले द्रविड़ खेल को लौटाने में जुट गए। कच्ची मिट्टी को संवारने, उसे आकार देने और तैयार करने में। टीम इंडिया के अगले कोच के लिए यूं ही द्रविड़ का नाम एक बार फिर चर्चा में नहीं है। और यूं ही रहाणे के उस विजयी रन को 2003 में राहुल द्रविड़ के ऐडिलेड में लगाए गए विजयी रन से जोड़कर नहीं देखा जा रहा।

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