Sunday, September 13, 2020

भारत-चीन तकरार का बैडमिंटन पर असर, खिलाड़ियों को नहीं मिल रही शटल्स September 13, 2020 at 06:36PM

बेंगलुरु लॉकडाउन के बाद देश में खेलों ने धीरे-धीरे पटरी पर लौटना शुरू कर दिया है। लेकिन भारतीय बैडमिंटन के लिए राह आसान नहीं दिख रही है। कोविड- 19 के बीच पड़ोसी देश चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर संबंध तल्ख () हो गए हैं और ऐसे में केंद्र सरकार ने लगा दिया है। बैडमिंटन के लिए शटल्स की आपूर्ति भी चीन से ही होती थी लेकिन अब इस बैन के चलते देश में शटल्स के स्टॉक में भारी कमी हो गई है। देश भर के बैडमिंटन खिलाड़ी यहां तक की नैशनल कैंप में अभ्यास करने वाले खिलाड़ी भी योनिक्स शटल्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन देश भर के ज्यादातर डीलरों का कहना है शटल्स का उनका स्टॉक खत्म होने की ओर है क्योंकि जून के बाद चीन से नया स्टॉक नहीं आया है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, दुनिया भर में 90 फीसदी शटल्स की आपूर्ति चीनी कंपनियां ही करती हैं। शटल के लिए जरूरी कच्चे सामान जैसे कि बत्तख के पंख का इंतजाम चीन में आसानी से हो जाता है। शटल के बिजनस पर चीन का एकाधिकार है। लेकिन फिलहाल सरकार ने सभी फेदर (पंख) उत्पादों के चीन से आयात पर बैन लगा दिया है ऐसे में शटल की आपूर्ति संभव नहीं दिख रही है। राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने स्वीकार किया है नैशनल कैंप में शटल की कमी हो रही है और अगर समय पर इंतजाम नहीं हो पाया तो खिलाड़ियों के प्रैक्टिस बुरी तरह से प्रभावित होगी। राष्ट्रीय कोच ने कहा, 'हमें थॉमस ऐंड उबेर कप की तैयारी के लिए शटल्स नहीं मिली हैं। अगर हमें यह जल्दी ही नहीं मिली तो इससे हमारी ट्रेनिंग प्रभावित होगी।' इस समय देश भर में अकैडमी और ट्रेनिंग सेंटर अपने पुराने स्टॉक का ही इस्तेमाल कर रहे हैं, जो ज्यादा नहीं बचा है।

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