Friday, September 11, 2020

वेस्टइंडीज के लौटते ही 'संदेश' भूली इंग्लैंड टीम, माइकल होल्डिंग को आया गुस्सा September 11, 2020 at 12:33AM

मैनचेस्टर महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमों की आलोचना की है। उनका कहना है कि जारी वनडे सीरीज के दौरान इन दोनों टीमों ने ‘’ (बीएलएम - अश्वेत जिंदगी भी मायने रखती है) के समर्थन में एक घुटने के बल पर नहीं बैठे। वेस्टइंडीज के खिलाफ सभी तीन टेस्ट और आयरलैंड के खिलाफ वनडे में दोनों टीमों के खिलाड़ियों, अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ ने मैच शुरू होने से पहले एक घुटने के बल बैठने की मुद्रा बनाई थी, लेकिन पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैचों से पहले ऐसा नहीं किया। टीमों पर भड़के होल्डिंग वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज को यह बात पसंद नहीं आयी। हाल में उन्होंने खेल में नस्लवाद के अपने अनुभव के बारे में बताया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी। होल्डिंग ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘अब वेस्टइंडीज टीम स्वदेश लौट गई है तो इसका यह मतलब यह नहीं है कि आपको इस संदेश का और इसका मतलब क्या है, उसका सम्मान नहीं करना चाहिए।’ अभियान से संदेश फैलाने की जिम्मेदारी उन्होंने कहा, ‘हां, अमेरिका में यह (नस्लवाद) अन्य स्थानों की तुलना में काफी ज्यादा है लेकिन पूरी दुनिया के लोगों ने इस अभियान को फैलाने और इस संदेश को देने की जिम्मेदारी उठायी कि अब बराबरी का समय है और यह समान न्याय का समय है।’ होल्डिंग इस अभियान के लिए काफी मुखर रहे हैं जो अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद काफी तेज हो गया। इसके बाद दुनियाभर के खिलाड़ियों ने इस अभियान का समर्थन किया। ईसीबी ने दिया बचकाना बयान उन्होंने कहा, ‘यह महज श्वेत बनाम अश्वेत नहीं था। इसलिए पाकिस्तान और इंग्लैंड का ऐसा नहीं करना ..... किसी भी टीम ने ऐसा नहीं किया और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इस सदंर्भ में बड़ा बचकाना बयान दिया।’ होल्डिंग ने कहा, ‘पूरी दुनिया में यह अब अश्वेत बनाम श्वेत का मामला नहीं रह गया है, यह मानवता के एकजुट होने का मामला है और फैसला करना, ‘ देखिए, हमें सभी से समानता से व्यवहार करने की जरूरत है’।’ फिंच के बयान से सहमत नहींऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने सीरीज से पहले कहा था कि उनकी टीम एक घुटने के बल नहीं बैठेगी क्योंकि ‘विरोध से ज्यादा शिक्षा अहम है।’ होल्डिंग फिंच के विचार से सहमत नहीं थे, उन्होंने कहा, ‘फिंच ऐसा कह रहा है क्योंकि वह खुश है कि वह उस खेल का हिस्सा है जिसमें किसी को खेलने से रोका नहीं जाता, भले ही आपकी जाति, लिंग, धर्म कुछ भी हो।’

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