Wednesday, September 9, 2020

MSK प्रसाद ने बताए अपने करियर के 3 मुश्किल फैसले September 08, 2020 at 08:16PM

नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की चयन समिति के पूर्व मुख्य चयनकर्ता () को अपने कई फैसलों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने बतौर चीफ सिलेक्टर अपने तीन सबसे मुश्किल फैसलों का जिक्र किया है। प्रसाद ने बताया कि आखिर अपने कार्यकाल के दौरान ऐसे कौन से फैसले से थे जिन्हें लेने में उन्हें खासी मुश्किलें पेश आईं। इसमें से एक 2019 विश्व कप में अंबाती रायूडू को नहीं शामिल करना भी एक रहा। प्रसाद ने उन फैसलों का जिक्र किया जिनके लिए उनकी काफी आलोचना हुई। रायूडू को वर्ल्ड कप टीम में न चुनना, करुण नायर को इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में तिहरा शतक लगाने के बाद भी पर्याप्त मौके न देना और महेंद्र सिंह धोनी को एक फेयरवेल मैच न दे पाना उनके करियर के सबसे कठिन फैसले कहे जाते हैं। स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए प्रसाद ने बताया कि आखिर क्यों नायर टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए।, 'करुण नायर ने तिहरा शतक लगाया था। इसके बाद वह तीन चार टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इसके बाद अगले एक साल तक भारत ए के अगले एक-दो दौरों पर भी वह असफल रहे। इसके बाद भी हमने उन्हें 2018 में इंग्लैंड दौरे पर भेजा लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। 2018-19 का उनका रणजी सीजन भी अच्छा नहीं रहा। इसी वजह से वह दौड़ में पिछड़ गए।' अंबाती रायूडू को विश्व कप 2019 के लिए टीम में शामिल न करने पर भी प्रसाद ने अपनी राय रखी। हालांकि उन्होंने कोई एक निश्चित कारण नहीं बताया पर कहा कि किसी के मन में रायूडू के खिलाफ कोई बात नहीं थी। प्रसाद के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी। भारतीय टीम टूर्नमेंट में नंबर चार पर बिना किसी स्थायी बल्लेबाज के उतरी थी। एमएसके प्रसाद ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमने रायुडू को इस पोजीशन (नंबर चार) के लिए तैयार किया था और आखिर में उनके स्थान पर भेजा गया। इससे मुझे भी थोड़ा दुख हुआ। लेकिन इसके पीछे एक कारण था... इसमें कोई भी निजी नहीं था। सब कुछ टीम और टीम के हित में लिया गया फैसला था।' एमएसके प्रसाद ही टीम के मुख्य चयनकर्ता थे जब रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा को सीमित ओवरों की टीम से बाहर किया था। भारतीय टीम जब 2017 के चैंपियंस ट्रोफी के फाइनल में पाकिस्तान से हारी थी इसके बाद इन दोनों को सीमित ओवरों की टीम से बाहर कर दिया गया था। हालांकि जडेजा ने अपनी जगह वापस बना ली है लेकिन अश्विन ने जुलाई 2017 के बाद से भारत के लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में नहीं खेला है। प्रसाद ने कहा, 'चैंपियंस ट्रोफी के बाद हमने अश्विन और जडेजा को ब्रेक देने का फैसला किया। हमने सोचा कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को मौका दिया और उन दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया। उस समय अश्विन और जडेजा आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 और नंबर की पायदान पर थे। हम उनके साथ ही आगे बढ़ने का विचार कर रहे थे। यह विश्व कप से पहले एक तैयारी के तौर पर आजमाया गया था।' नतीजा यह हुआ कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल सीमित ओवरों के प्रारूप में स्थायी हो गए। एमएसके प्रसाद ने बीसीसीआई की सिलेक्शन कमिटी के चेयरमैन के तौर पर सितंबर 2016 से मार्च 2020 तक काम किया। उनके स्थान पर टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर सुनील जोशी के पदभार संभाला।

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