Sunday, August 16, 2020

गुजरात के गुहार मोती का धोनी के रिटायरमेंट से क्या है कनेक्शन? August 16, 2020 at 05:26PM

नई दिल्ली शनिवार को स्वतंत्रता दिवस वाले दिन महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni Retirement) ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उनके करियर के खास लम्हे थे। बैकग्राउंड में गीत बज रहा था। फिल्म कभी-कभी का साहिर लुधियानवी का लिखा और मुकेश की आवाज में गाया हुआ। एक वीडियो के साथ शेयर किए गए कैप्शन ने भारतीय क्रिकेट और क्रिकेट फैंस में हलचल मचा दी। इस पर लिखा था- 'इस सफर के लिए आपके प्यार और समर्थन के लिए बहुत शुक्रिया। आज 1929 (शाम सात बजकर 29 मिनट) से मुझे रिटायर समझा जाए।' बात पर चंद अफ्लाज की थी लेकिन इनमें काफी कुछ कहा गया। धोनी के साथ एक करियर का पटाक्षेप हो गया। पर एक सवाल जेहन में जरूर रहा। आखिर धोनी ने वक्त 1929 क्यों चुना। हां, वह सेना में रहे हैं जहां एक-एक मिनट कीमती हैं। हां, धोनी को लोगों को हैरान करने की आदत है। अपने करियर में उन्होंने कई बार ऐसा किया है। पर उन्होंने अपने करियर का अंत भी इस 'रहस्यमय' वक्त के साथ क्यों किया। महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के करीबियों ने इस वक्त के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को भारत में अंतिम सूर्यास्त रात 1929 पर हुआ। गुजरात स्थित भारत के सबसे पश्चिमी इलाके- गुहार मोटी (जिसे कई बार गौहर मोटा) में सूरज 1929 पर डूबा। एक करीबी सूत्र ने कहा, 'महेंद्र सिंह धोनी अपने करियर को एक सामांनतर अंत देना चाहते थे। वह सूर्यास्त में चले जाने के समान लकीर खींचना चाहते थे। यह बहुत सोच-समझकर लिया गया फैसला था। जिस तरह उन्होंने वक्त लिखा- 1929 hrs- यह समय लिखने का सेना का तरीका है। यह सेना के लिए उनके प्यार को दिखाता है। वह चीजों को ऐसे ही करते हैं।' क्या 15 अगस्त की तारीख भी सोच-समझकर तय की गई थी चूंकि इस दिन स्वतंत्रता दिवस था? सूत्र ने कहा, 'इस सवाल का जवाब सिर्फ धोनी ही दे सकते हैं।' फिलहाल, धोनी इस पर कुछ नहीं कह रहे हैं। उन्होंने इशारों में अपने करियर पर सूर्यास्त पर का इशारा दिया। धोनी की छवि सीमित ओवरों में सर्वश्रेष्ठ 'फिनिशर' की रही है, और एक बार फिर, धोनी ने एक बार फिर स्टाइल में खेल को अलविदा कहा।

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