Wednesday, August 19, 2020

बीसीसीई ने कहा- वीवो ने अगले साल आईपीएल टाइटल स्पॉन्सर के लिए 440 करोड़ रु. दिए, तो हम 240 करोड़ में सेटल क्यों करेंगे? August 18, 2020 at 10:27PM

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नए टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर तीन साल के लिए फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम-11 को चुना गया है। हालांकि, इस ऐलान के अगले दिन बीसीसीआई की एक शर्त ड्रीम-11 का यह सपना तोड़ती हुई नजर आ रही है। दरअसल, बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि चाइनीज कंपनी वीवो के साथ अगले 3 साल का करार खत्म नहीं हुआ है। यह वह फिर से सालाना 440 करोड़ रुपए देगी तो ड्रीम-11 के साथ 240 करोड़ का करार खत्म माना जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि यदि ज्यादा रकम नहीं मिलती है, तो बीसीसीआई ड्रीम-11 के साथ कॉन्ट्रैक्ट जारी रख सकेगी। टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर ड्रीम-11 बीसीसीआई को इस बार 222 करोड़ रुपए देगी। जबकि 2021-22 के लिए कंपनी हर साल 240 करोड़ रुपए देना होगा।

ड्रीम-11 के साथ आधिकारिक कॉन्ट्रैक्ट नहीं हुआ
भारत और चीन के बीच विवाद के कारण देश में चीनी सामान और कंपनियों का बायकॉट किया जा रहा है। इसी के चलते बीसीसीआई ने सालाना 440 करोड़ रुपए देने वाली चाइनीज कंपनी वीवो से आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप का करार तोड़ लिया था। इसके बाद ड्रीम-11 से कॉन्ट्रैक्ट हुआ। सूत्रों की मानें तो बोर्ड ने फैंटेसी फर्म के साथ 2021-2022 के लिए आधिकारिक कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है।

स्पॉन्सरशिप के लिए आधिकारिक आदेश नहीं आया
बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘यह जरूरी नहीं था कि ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी को ही स्पॉन्सरशिप मिलेगी। यह बात पहले से ही स्पष्ट कर दिया गया था। यह सिर्फ बोर्ड के इंटरेस्ट पर निर्भर था। हालांकि, ड्रीम-11 ने सबसे ज्यादा बोली लगाई और उसे ही स्पॉन्सरशिप के लिए चुना गया है। हालांकि, अभी आधिकारिक आदेश आने से पहले और भी कई पहलूओं पर विचार किया जा रहा है।’’

वीवो के साथ बीसीसीआई का कॉन्ट्रैक्ट अब भी बरकरार
बीसीसीआई ड्रीम-11 के साथ अगले दो साल के कॉन्ट्रैक्ट के लिए पैसे बढ़ाने को लेकर बात कर रही है। अधिकारी के मुताबिक, ‘‘वह (ड्रीम-11) सिर्फ 2020 सीजन के लिए स्पॉन्सर रहेगा। इसके लिए वह 222 करोड़ रुपए देगा। तीन साल के करार के लिए बोर्ड की ओर से एक सशर्त करार किया गया है। हमारी वीवो के साथ अब भी डील बरकरार है।’’

बोर्ड को अब भी वीवो के 440 करोड़ रुपए का इंतजार
अधिकारी ने सवालिया लहजे में पूछा, ‘‘हमने इसे (वीवो के साथ करार) खत्म नहीं किया है, सिर्फ रोका है। यदि हमें 440 करोड़ रुपए मिलेंगे, तो फिर हम क्यों 240 करोड़ रुपए में सेटल करेंगे?’’ इन सबको देखने के बाद अब ड्रीम-11 के पास सिर्फ दो ही ऑप्शन नजर आ रहे हैं। पहला है कि वह 222 करोड़ रुपए के साथ इस साल 4 महीने और 13 दिन की डील पर ही संतोष कर ले। या फिर बोर्ड की सशर्त के हिसाब से राशि बढ़ाकर अगले 2 साल का कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल कर ले।

ड्रीम-11 में भी चीनी कंपनी के 720 करोड़ रुपए निवेश
ड्रीम-11 के साथ नया करार करने के बावजूद बीसीसीआई की आलोचना हो रही है, क्योंकि ड्रीम-11 में भी चाइनीज और हांगकांग की 1-1 कंपनी का पैसा लगा है। चीन की टेक कंपनी टेन्सेंट ने 2018 में ड्रीम-11 में 10 करोड़ डॉलर ( उस वक्त के हिसाब से 720 करोड़ रुपए या मौजूदा हिसाब से 746 करो़ड़ रुपए) का निवेश किया था। चीनी नियंत्रण वाले हांगकांग की कंपनी स्टेडव्यू कैपिटल ने भी 2019 में 6 करोड़ डॉलर(448 करोड़ रुपए) निवेश किया था।



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इस साल कोरोना के कारण आईपीएल 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई में होगा। - फाइल फोटो

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