Thursday, April 2, 2020

6,6,6,6- और वेस्टइंडीज बना वर्ल्ड चैंपियन April 02, 2020 at 05:36PM

नई दिल्ली जमीन पर बैठे थे (और इंग्लैंड की टीम भी)। दोनों हाथों से अपने सिर को पकड़े हुए। कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान पर उनके साथ जो अभी-अभी हुआ था उसकी उम्मीद न उनको थी और न ही शायद मैदान और टीवी पर देख रहे दर्शकों को। क्रिकेट की अनिश्चितताओं और रोमांच का चरम अभी होकर गुजरा था। पर उस रोमांच के एक सिरे पर वेस्टइंडीज की टीम थी जो कैरेबियाई स्टाइल में मस्त होकर झूम रही थी तो दूसरी ओर किसी सदमे से आवाक खड़ी इंग्लैंड की टीम। कार्लोस ब्राथवेट... यह नाम याद रखना। टीवी पर इयान बिशप यह लाइन दोहरा रहे थे और बेशक क्रिकेट के मुरीद इस नाम को और उसकी इस कारगुजारी को लंबे समय तक याद रखेंगे। दरअसल, इतनी बात बताने का मकसद यह है कि आज ही की तारीख यानी 3 अप्रैल को साल 2016 में वेस्ट इंडीज ने टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। खिताब जीतना बेशक बड़ी बात है लेकिन जिस अंदाज में वेस्ट इंडीज ने ऐसा किया था उसने उसे 'चैंपियन' बनाया था। वेस्ट इंडीज को आखिरी ओवर में जीत के लिए 19 रन चाहिए थे। रन ज्यादा थे और दबाव बल्लेबाजी करने वाली टीम पर। वेस्टइंडीज पर भी होगा। और उस पर इस लिहाज से भी ज्यादा था कि उसकी अंडर-19 टीम ने वर्ल्ड कप और महिला टीम ने वर्ल्ड टी20 का खिताब जीत लिया था। अब पुरुष टीम के सामने तिकड़ी करने की चुनौती थी। कार्लोस ब्राथवेट नाम के इस लंबे-चौड़े ऑलराउंडर ने बेन स्टोक्स की पहली ही गेंद पर छक्का लगा दिया। मैच में रोमांच बढ़ा। स्टोक्स इससे पहले दो ओवर में 24 रन दे चुके थे। इंग्लैंड के कप्तान इयॉन मॉर्गन के पास अधिक विकल्प नहीं थे तो उन्होंने इस ऑलराउंडर को गेंद थमाई। दूसरी गेंद फिर मैदान से बाहर, इसी तरह तीसरी गेंद भी सीमा रेखा के पार गई। अब स्कोर बराबर था। यानी वेस्टइंडीज हार नहीं सकती थी। तीन गेंद पर उसे जीत के लिए सिर्फ एक रन चाहिए था। कोई दूसरी टीम होती तो आराम से एक रन देकर मैच अपने नाम करती। लेकिन वेस्टइंडीज हमेशा से ही अलग, बेलौस अंदाज के खेल के लिए जानी जाती रही है। ब्राथवेट ने गेंद को डीपमिडविकेट बाउंड्री के पार भेजा। इसके बाद वह दोनों हाथ ऊपर कर इस जीत का जश्न मना रहे थे। महिला टीम भी दौड़कर मैदान पर आ चुकी थी। स्टोक्स को यकीन नहीं हुआ कि आखिर उनके साथ क्या गुजरी है। वेस्टइंडीज ने दूसरी बार वर्ल्ड टी20 (अब टी20 वर्ल्ड कप) की ट्रोफी पर कब्जा किया। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को 155 रन पर रोक दिया। ब्राथवेट ने तीन विकेट भी लिया। वेस्टइंडीज की हालत भी अच्छी नहीं थी। तीसरे ओवर तक उसके चोटी के तीन बल्लेबाज पविलियन लौट चुके थे। जोनसन चार्ल्स, क्रिस गेल और भारत के खिलाफ सेमीफाइनल के हीरो रहे लिंडल सिमंस आउट हो गए थे। यहां से ड्वेन ब्रावो के साथ मिलकर मार्वन सैमुअल्स ने पारी को संभाला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 75 रन जोड़े। ब्रावो 25 रन बनाकर आउट हुए और पारी फिर लड़खड़ाई। आंद्रे रसल और कप्तान डैरन सैमी भी सस्ते में आउट हो गए। लेकिन भाग्य ने शायद ब्राथवेट के हाथों से विजयश्री लिखी थी। ब्राथवेट की पारी का वजन ऐसा था कि दूसरे छोर पर खड़े सैमुअल्स को लोग अकसर नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने 66 गेंद पर नाबाद 85 रन की पारी खेली थी। मैन ऑफ द मैच भी रहे थे। लेकिन क्रिकेट के प्यारे से पूछें तो उसे ब्राथवेट के सिक्स और जमीन पर उकड़ू बैठे स्टोक्स की तस्वीर याद होगी। अपने दोनों हाथों से सिर को पकड़े हुए।

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