Friday, April 10, 2020

..जब कप्तान रात 3 बजे कॉल पर माना- मैच फिक्स किया April 10, 2020 at 04:53PM

नई दिल्ली क्रिकेट इतिहास में 11 अप्रैल का दिन साउथ अफ्रीका के लिए बुरा कहा जा सकता है क्योंकि 20 साल पहले इसी दिन उसके सबसे विवादित कप्तान ने माना था कि वह भी मैच फिक्सिंग में संलिप्त थे। क्रोन्ये को दो तरह से याद किया जाता है। पहला, क्रिकेट का तेज दिमाग और दूसरा, मैच फिक्सिंग प्रकरण। क्रोन्ये की जून 2002 में एक हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी। उनका पूरा नाम था वेसल जोहानिस क्रोन्ये, जिन्होंने करियर में 68 टेस्ट और 188 वनडे इंटरनैशनल मैच खेले। से जुड़े थे तारसाल 2000, दिन 7 अप्रैल - यह दिन उनकी छवि पर कभी न धुलने वाला दाग लग गया। उनकी और संजय चावला, जो भारत में फिक्सिंग सिंडिकेट का हिस्सा थे, के बीच हुई बातचीत से यह सब सामने आया था। क्रोन्ये के अलावा तीन अन्य साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों, हर्शल गिब्स, निकी बोए और पीटर स्ट्राडम पर भी ऐक्शन लिया गया। रात 3 बजे कॉल कर मानी गलती11 अप्रैल यानी आरोपों के 4 दिन बाद उन्होंने रात 3 बजे क्रिकेट बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर अली बाशर को कॉल किया और माना कि वह पूरी तरह ईमानदार नहीं हैं। इसके तुरंत बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। टेस्ट करियर में उनके नाम 3714 रन और वनडे में 5565 रन दर्ज हैं। उन्होंने टेस्ट में 43 और वनडे में 114 विकेट भी झटके। लगा लाइफ बैनमामले की जांच के लिए किंग कमीशन बनाया गया। इसकी जांच के बाद क्रोन्ये पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया। वह जीवनभर क्रिकेट से जुड़े किसी भी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन सकते थे। उन्होंने लाइफ बैन के खिलाफ अपील की लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। वर्ल्ड कप में डेब्यूक्रोन्ये ने साउथ अफ्रीका के लिए 1992 के आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में डेब्यू किया था। ऑस्ट्रेलिया में खेले गए इस विश्व कप में क्रोन्ये ने अपना पहला मैच सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेला। साल 1994 में कैप्लर वैसल्स के चोट लगने के कारण क्रोन्ये को कप्तानी सौंपी गई। उन्होंने एडिलेड में 1994 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में पहली बार कप्तानी की। बैन लगने के दिन तक वह साउथ अफ्रीका के कप्तान रहे। क्रोन्ये ने 138 मैचों में साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम की कप्तानी की। इसमें से 99 में टीम को जीत मिली। ऐसे हुआ था हादसाक्रोन्ये साउथ अफ्रीका की आउटनिक्वूआ माउंटेन के ऊपर से हेलिकॉप्टर में उड़ान भर रहे थे, तब हादसा हुआ था। 1 जून 2002 को वह हवाई जहाज से जोहानिसबर्ग से जॉर्ज जाने वाले थे। तकनीकी दिक्कतों की वजह से क्रोन्ये को हेलिकॉप्टर से जाना पड़ा। हेलिकॉप्टर पर क्रोन्ये अकेले यात्री के रूप में सवार हुए। उनके साथ दो अन्य पायलट थे। जॉर्ज एयरपोर्ट के करीब बादलों के चलते विजिबिलिटी गायब हो गई। नेविगेशन सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था, जिसके चलते पायलट हेलिकॉप्टर को लैंड नहीं करवा पाए। उनका हेलिकॉप्टर काफी वक्त तक एयरपोर्ट के करीब चक्कर काटता रहा और फिर पहाड़ों से टकरा गया।

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