Thursday, February 6, 2020

भारत से हार पर भड़के अख्तर, PCB को लताड़ा February 06, 2020 at 05:12PM

नई दिल्लीअंडर-19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत से मिली 10 विकेटों की बड़ी हार को पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर पचा नहीं पा रहे हैं। इस हार के बाद जहां उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और टीम की जमकर तारीफ की है तो दूसरी ओर पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (PCB) को लताड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि जब पीसीबी बड़े खिलाड़ियों को कोच बनने का ऑफर देता है तो उनसे मोलभाव करता है, जिससे कोई भी बड़ा खिलाड़ी उनसे नहीं जुड़ता। रावलपिंडी ऐक्सप्रेस नाम से मशहूर शोएब अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर साउथ अफ्रीका में जारी महासमर में शर्मनाक हार झेलने वाली अंडर-19 टीम को दिलासा दिया। उन्होंने कहा, 'आप सेमीफाइनल में पहुंचे थे। भारत से हार गए। उन्होंने अच्छा किया। अपना दिल मत छोटा कीजिए। यह अंडर-19 क्रिकेट है। आपको विफलताओं से सीख लेने की जरूरत है। यह निराशाजनक नहीं है, ये तो मौके हैं। हां, लेकिन आपने अपनी विफलताओं से नहीं सीखे तो बेवकूफी है।' द्रविड़ और भारत से सीखो इस मौके पर दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज ने भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने 2018 में अंडर-19 विश्व कप जीता था। उस वक्त टीम के कोच राहुल द्रविड़ थे। बोर्ड ने उन्हें ऑफर दिया और वह जुड़े। उन्होंने टीम को संवारा और अपने अनुभव से टीम को चैंपियन बनाया। अगर आप युवाओं का सही से विकास करना चाहते हैं तो आपको उनपर पैसे खर्च करने की जरूरत है। पढ़ें- पीसीबी कोच के लिए करता है मोलभावउन्होंने बोर्ड को लताड़ लगाते हुए कहा, 'उनके पास अच्छा कोचिंग स्टाफ है.. बड़े नाम हैं। लेकिन पाकिस्तान में यूनिस को कोच का ऑफर तो दिया, लेकिन पैसे पर मोलभाव करने लगे। 15 लाख नहीं, 13 लाख ले लो। फिर उन्होंने (यूनिस) कहा दिया कि आप ही इसे रख लो। क्या आप ऐसा ही अपने स्टार प्लेयर्स के साथ व्यवहार करते हैं। आपके पास मोहम्मद यूसुफ, यूनिस खान हैं... मैं हूं। हमसे भी पूछ लो। हम मदद को तैयार हैं।' पढ़ें- पाक को लताड़, यशस्वी की तारीफसाथ ही उन्होंने पाक टीम की खामियां बताते हुए कहा, 'टीम ने बहुत ही गंदी फील्डिंग की। भारत को देखो उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया। वह जीत के हकदार थे। वह डिजर्स करते हैं फाइनल में खेलना। उनके खिलाड़ियों ने यहां तक का सफर संघर्ष करके तय किया है। विनिंग सेंचुरी लगाने वाले यशस्वी जायसवाल गांव से मुंबई आए थे। दूध की डेयरी पर सोते थे, लेकिन मेहनत ही है जो यहां तक पहुंचे हैं।'

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