Saturday, January 11, 2020

सचिन का वो 'ड्रीम मोमेंट' लॉरेस अवॉर्ड की रेस में January 11, 2020 at 05:55PM

लंदनपूर्व क्रिकेटर सहित 20 दावेदार 2000 से 2020 तक के सर्वश्रेष्ठ लॉरेस खेल लम्हे की दौड़ में शामिल हैं। भारत की 2011 वर्ल्ड कप में जीत के संदर्भ में तेंडुलकर से जुड़े लम्हे को ‘कैरीड ऑन द शोल्डर्स ऑफ ए नेशन’ शीर्षक दिया गया है। लगभग 9 साल पहले तेंडुलकर अपने छठे वर्ल्ड कप में खेलते हुए विश्व खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य बने थे। भारतीय टीम के सदस्यों ने इसके बाद तेंडुलकर को कंधे में उठाकर मैदान का ‘लैप ऑफ आनर’ लगाया था और इस दौरान इस दिग्गज बल्लेबाज की आंखों से आंसू गिर रहे थे। भारत ने वर्ल्ड कप फाइनल में जीत तेंडुलकर के घरेलू मैदान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दर्ज की। उसने एशिया की ही टीम श्रीलंका को हराते हुए दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। छठी बार वर्ल्ड कप खेलने उतरे थे सचिन उल्लेखनीय है कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने जिस 2011 में वन डे में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप जीता था वह सचिन का छठा विश्व कप था। उससे पहले वे 2003 में फाइनल खेले थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। 17 फरवरी को अवॉर्ड विजेताओं की घोषणा बर्लिन में होगी। फैंस 10 जनवरी से 16 फरवरी तक वोट कर सकते हैं। 1999 से दिया जाता है यह अवॉर्ड बता दें कि लॉरेस अवॉर्ड खेलों की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठिक अवॉर्ड्स में शामिल है। इसकी शुरुआत 1999 में लॉरेस स्पोर्ट फॉर गुड फाउंडेशन के डैमलर और रिचीमॉन्ट ने की थी। पहली बार यह अवॉर्ड 25 मई 2000 को दिए गए थे। इस अवॉर्ड के तहत 13 अलग-अलग कैटिगरी में अवॉर्ड के लिए चुनाव किया जाता है।

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