Thursday, January 16, 2020

ICC U19 वर्ल्ड कप: आज से शुरुआत, जानें इससे जुड़ी हर बात January 16, 2020 at 06:48PM

नई दिल्ली भारत ने चार बार आईसीसी अंडर-19 का खिताब जीता है। साल 2000, 2008, 2012 और 2018 में टीम इंडिया ने इस ट्रोफी पर कब्जा किया है। न सिर्फ भारत सबसे ज्यादा , चार बार इस आईसीसी टूर्नमेंट में चैंपियन बना है, बल्कि उसकी जीत का औसत भी सबसे ज्यादा (76.31) रहा है। तो आज से साउथ अफ्रीका में शुरू हो रहे अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में उम्मीदें उत्तर प्रदेश के प्रियम गर्ग के हाथों में होगी। गर्ग पर मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद और पृथ्वी साव की परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। उत्तर प्रदेश टीम में गर्ग के साथी रहे ध्रुव जुरल इस टीम के उपकप्तान हैं। यशस्वी पर होंगी नजरें मुंबई के 17 साल के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल पर सबकी नजरें होंगी। अक्टूबर में उन्होंने विजय हजारे ट्रोफी में डबल सेंचुरी लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया था। वह भारत की ओर से लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज ते। इसके अलावा मुंबई के अथर्व अंकोलेकर, कर्नाटक के स्पिन बोलिंग ऑलराउंडर शुभांग हेगड़े और हैदराबाद के बल्लेबाज तिलक वर्मा से भी काफी उम्मीदें होंगी। अंडर-19 टीम की कमान पूर्व तेज गेंदबाज पारस महाम्ब्रे के हाथों में है। इस टीम ने पिछले साल अंडर-19 एशिया कप, इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज में जीत हासिल की है। 2018 के अंडर-19 विश्व कप के बाद से इस टीम ने कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं गंवाई है। टीम ने साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और अफगानिस्तान को हराया है। देखें- 16 टीमें चार ग्रुप मौजूदा चैंपियन भारत को ग्रुप ए में न्यू जीलैंड, श्रीलंका और पहली बार क्वॉलिफाइ करके यहां पहुंची जापान के साथ रखा गया है। भारतीय टीम का पहला मैच रविवार को श्रीलंका के खिलाफ होगा। 16 टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप से दो टीमें सुपर लीग स्टेज के लिए क्वॉलिफाइ करेंगी। टूर्नमेंट का फाइनल 9 फरवरी को खेला जाएगा। इस सिस्टम से आए कई खिलाड़ी अगर हम ध्यान से देखें तो इस युवा क्रिकेट ने टीमों को काफी फायदा पहुंचाया है। टीमों को ऐसी प्रतिभाएं मिलती हैं जिन्हें सीनियर टीम में मौका दिया जा सकता है। और इनमें से कई खिलाड़ी लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहते हैं। कैफ और कोहली के अलावा कई मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने अंडर-19 से सफर तय किया। इनमें वीरेंदर सहवाग, हरभजन सिंह (1998 का संस्करण), युवराज सिंह (2000), शिखर धवन (2004), रोहित शर्मा (2006) और रविंद्र जडेजा (2006, 2008) ने भी इन टूर्नमेंट्स में अपनी पहचान बनाई। लारा से लेकर आजम तक और अंतरराष्ट्रीय नामों की बात करें तो ब्रायन लारा, इंजमाम-उल-हक और सनथ जयसूर्या ने 1988 के पहले अंडर-19 विश्व कप में शुरुआत की थी। इसके अलावा माइकल क्लार्क (ऑस्ट्रेलिया), ब्रैंडन मैकलम ( न्यू जीलैंड), बाबर आजम (पाकिस्तान) और क्रिस गेल (वेस्ट इंडीज) जैसे नामी खिलाड़ियों को भी अंडर-19 विश्व कप के जरिए अपनी पहचान बनाने में मदद मिली।

No comments:

Post a Comment