Sunday, December 15, 2019

बॉडी पर 1 लाख महीने का खर्च, अब फिल्मों के ऑफर December 15, 2019 at 08:20PM

आमीन अली, नई दिल्लीकिसी ने नहीं सोचा था, कि एक महीने के भीतर की जिंदगी इतनी बदल जाएगी। अब उनका शेड्यूल काफी बिजी है और उन्हें लोग स्टोर उद्घाटन और अन्य सार्वजनिक समारोहों में बुलाते हैं। उनके पास फिल्म में रोल के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं। गत 10 नवंबर तक उनकी जिंदगी ऐसी नहीं थी। साउथ कोरिया में वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग और फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बनने के बाद चित्रेश नतेसन का जीवन पूरी तरह बदल गया। अपने दोस्तों के बीच चिथु के नाम से मशहूर चित्रेश पिछले एक दशक से लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं। एक दिन में 3-4 घंटे एक्सरसाइज करते हैं, जबकि निजी ट्रेनर के तौर पर भी काम करते हैं ताकि अपनी डाइट और अन्य जरूरतों को पूरा कर सकें। पढ़ें, उनके पास पहले से ही मिस्टर इंडिया और मिस्टर एशिया खिताब हैं। अब अपनी प्रतिभा का लोहा वैश्विक स्तर पर मनवाने के बाद उन्हें दिग्गज सचिन तेंडुलकर जैसे खेल सितारों ने भी बधाई दी। पहले था हॉकी से प्यारकोच्चि से तिरुवनंतपुरम के लक्ष्मीबाई नैशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन तक का उनका सफर काफी लंबा रहा। जहां पहले उन्हें हॉकी से प्यार था, फिर बॉडी कल्चर में वर्ल्ड आइकॉन बने। सपॉर्ट के लिए उनके कॉलेज के दोस्त सागर एम पी, उनके माता-पिता, दो बहनें और कुछ दोस्त ही थे। फिर दिल्ली में एक फिटनेस ग्रुप (आरएफजी) उन्होंने जॉइन किया जहां एक निजी ट्रेनर के तौर पर नौकरी की। पढ़ें, सागर को बनाया ट्रेनर, कड़ी मेहनतआरएफजी में नतेसन को जुनून सवार हुआ और अपनी बॉडी पर काफी काम किया। छह साल पहले उन्होंने सागर को अपना निजी ट्रेनर नियुक्त किया। विडंबना यह थी कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए एक पेशेवर बॉडी बिल्डर को ट्रेनिंग देने के बारे में सागर को ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन उन्होंने बतायाकि अपने 'शिष्य' से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने का तरीका जानने के लिए ऑनलाइन विडियो का सहारा लिया। दोनों ने साथ काम किया, सही डाइट और बेस्ट वर्कआउट के बारे में पढ़ा, ऑनलाइन विडियो देखे, शरीर के अलग-अलग अंगों पर काम करने के लिए मशीनों और वेट वाले जिम खोजे, तब जाकर विश्व खिताब के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। हर महीने 1 लाख से ज्यादा का खर्च नतेसन मानते हैं कि उनके इस अभियान में लोगों का हाथ है। सागर और उन्होंने दूसरों को ट्रेनिंग देने के बजाय वर्कआउट पर ध्यान दिया जिससे कमाई पर भी फर्क पड़ा। उन्होंने कहा, 'जितने ज्यादा लोगों ने मेरा मनोबल तोड़ा, उतना ही लक्ष्य हासिल करने को लेकर मेरा संकल्प मजबूत होता गया।' हर महीने उनकी बॉडी बिल्डिंग पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च होते थे। फिर दोस्तों और परिजनों ने सपॉर्ट किया। कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने नतेसन को स्पॉन्सर किया जबकि अन्य ने उन्हें सपने को पूरा करने के लिए पैसे उधार दिए। नसीबा से शादी, बदली किस्मतइसी प्रक्रिया के दौरान उन्हें उज्बेकिस्तान की नसीबा मिलीं। साल 2014 में कंधे की चोट से उबरने के दौरान नतेसन ने फिट रहने के लिए डांस क्लास में शामिल होने का फैसला किया। दोनों की मुलाकात हुई, नजदीकियां बढ़ीं और कुछ साल बाद शादी कर ली। यहां उनका भाग्य भी बदला और उन्होंने मिस्टर दिल्ली प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया जिससे मिस्टर इंडिया में प्रवेश मिला जिसे उन्होंने जीता। पत्नी का भूल गए बर्थडेजैसे ही 2019 मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता नजदीक आई, नतेसन ने सख्ती से अपने लक्ष्य पर काम करना शुरू किया। सात महीने तक, उन्होंने जिम में दिन में 2-2 बार एक्सरसाइज की। नसीबा ने कहा, 'वह अपने लक्ष्य पर इतना ज्यादा केंद्रित थे कि मेरा बर्थडे तक भूल गए।' साउथ कोरिया के जेजू आइलैंड में 10 नवंबर को नतेसन के प्रयास सफल हुए। एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागतनतेसन ने कहा, 'जब मैं खिताब जीतकर लौटा, मैंने एयरपोर्ट पर आरएफजी के 200 ट्रेनर्स को देखा। मेरी घर तक की सवारी के दौरान झंडे और तख्तियों के साथ एक जुलूस था। यह बहुत ही इमोशनल था।' उनकी जीत की खबर के बाद दिग्गज हस्तियों के ट्वीट और बधाई संदेशों की झड़ी लग गई। वह कोच्चि में रातोंरात स्टार बन गए। हर कोई चाहता था कि उन्हें अपने समारोह में मुख्य अतिथि बनाएं। उन्होंने फिटनेस पर सलाह देने के लिए बड़ी फीस भी चार्ज करनी शुरू कर दी। 'शॉर्टकट ना खोजें युवा'आरएफजी से जुड़े जेके फ्रांसिस ने कहा कि नतेसन को और अधिक खिताब जीतने के लिए सरकार के सपॉर्ट की जरूरत है। नतेसन फिलहाल खिताब जीतने के बाद सामाजिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए जिम से तीन महीने के ब्रेक पर हैं। नतेसन की युवाओं को एकमात्र सलाह यही है कि कुछ हासिल करने के लिए शॉर्टकट नहीं खोजना चाहिए।

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