Sunday, December 29, 2019

रंगास्वामी, गायकवाड़ के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत ‘अप्रासंगिक’ करार December 28, 2019 at 09:45PM

नई दिल्ली बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने पूर्व क्रिकेटरों और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य शांता और के खिलाफ दायर हितों के टकराव की शिकायत को अप्रासंगिक करार दिया जबकि के मामले पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ। जैन ने रंगास्वामी, गायकवाड़ और कपिल को 27 और 28 दिसंबर को उनके समक्ष पेश होने का नोटिस दिया था। तीनों हालांकि पहले ही सीएसी से इस्तीफा दे चुके है। जैन ने यह नोटिस मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर जारी किया गया था। गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि सीएसी सदस्य एक साथ कई भूमिकाएं निभा रहे हैं जबकि बीसीसीआई संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक बार में एक से अधिक पद पर नहीं रह सकता। जैन ने रविवार को कहा, ‘चूंकि वे (गायकवाड़ और रंगास्वामी) अपने पद से इस्तीफा दे चुके है इसलिए शिकायत को निरस्त कर दिया गया है। कपिल के मामले में शिकायतकर्ता को आवेदन देने के लिए और अधिक समय चाहिए, मैंने उसे समय दे दिया है।’ रंगास्वामी और गायकवाड़ अब भारतीय क्रिकेटर्स संघ के प्रतिनिधि के रूप में शीर्ष परिषद का हिस्सा हैं। रंगास्वामी ने भारतीय क्रिकेटर संघ (आईसीए) में निदेशक का पद छोड़ दिया है। कपिल और रंगास्वामी जैन के समक्ष पेश नहीं हुए जबकि गयकवाड़ यहां पहुंचे। हितों के टकराव के मामले का सामना कर रहे बीसीसीआई अधिकारी मयंक पारिख पर भी कोई फैसला नहीं हुआ। कपिल की अगुआई वाली सीएसी ने पुरुष और महिला टीमों के राष्ट्रीय कोच का चयन किया था। इस विश्व कप विजेता कप्तान ने पहले भी कहा था कि सीएसी का हिस्सा होना मानद काम है और हितों का टकराव वैसे लोगों पर नहीं लागू होना चाहिए जिन्हें उनकी सेवा के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाता। हितों का टकराव बीसीसीआई में गंभीर मुद्दा बन गया है जिसके लिए बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से निर्देश मांगा है।

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