Wednesday, January 5, 2022

लटकी तलवार तो पुजारा ने ठोकी जान, जहां खाता खोलने में लगे थे 53 गेंद, वहीं जड़ी तूफानी फिफ्टी January 05, 2022 at 12:53AM

जोहानिसबर्गकहते हैं न मरता क्या न करता... कुछ ऐसा ही देखने को मिला जोहानिसबर्ग के द वांडरर्स क्रिकेट स्टेडियम में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच जारी दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन। खराब फॉर्म की वजह से जगह खतरे में पड़ी तो ने पूरी जान लगा दी और वह तेज बैटिंग करते दिखे। उन्होंने 62 गेंदों में अपने टेस्ट करियर की 32वीं हाफ सेंचुरी पूरी की। रोचक बात यह है कि यह उनकी विदेशी मैदान पर अब तक की सबसे तेज हाफ सेंचुरी है। पुजारा के नाम पिछले 2 वर्ष से कोई सेंचुरी नहीं है और जोहानिसबर्ग में भी यह सिलसिला बदस्तुर जारी रहा। उन्होंने तीसरे दिन शुरुआत तो जबर्दस्त अंदाज में की, लेकिन हाफ सेंचुरी पूरी करने के बाद ही कागिसो रबाडा की गेंद पर LBW हो गए। उन्होंने 86 गेंदों में 10 चौके की मदद से 53 रन बनाए। यह उनका विदेशी मैदान पर सबसे तेज अर्धशतक रहा। उन्होंने सबसे तेज अर्धशतक 2013 में दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा था। तब उन्होंने 54 गेंदें खेली थीं। खैर, चेतेश्वर पुजारा जिस अंदाज में खेलते दिखे वह उनकी शैली नहीं है। वह न केवल शुरुआत में टिकने के लिए काफी वक्त लेते हैं, बल्कि अर्धशतक भी अमूमन 100 से अधिक गेंदों में पूरा होता है। वह वांडरर्स में इसके ठीक उलट दिखाई दिए। उन्होंने तबड़तोड़ चौके जड़े और तेजी से रन बनाने की कोशिश करते दिखे। हालांकि, देखने वाली बात यह है कि इस हाफ सेंचुरी के बाद क्या वह 11 जनवरी से केपटाउन में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में अपनी जगह बचा पाएंगे? एक और रोचक आंकड़ा यह है कि यही वह मैदान है, जहां चेतेश्वर पुजारा ने 2018 में खाता खोलने के लिए 53 गेंदें खेली थीं। हालांकि, तब बात और थी। उस मैच में भारतीय टीम ओपनरों के विकेट महज 13 रन पर गंवाकर संघर्ष कर रही थी और पुजारा ने संकट की घड़ी में 179 गेंदों में धांसू 50 रन ठोके थे। यह मैच भारत ने 63 रनों से अपने नाम किया था।

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