Saturday, August 7, 2021

मामूली अंतर से ओलिंपिक पदक चूकीं भारतीय गोल्फर अदिति अशोक August 06, 2021 at 07:24PM

तोक्यो भारत की अदिति अशोक ओलंपिक खेलों की गोल्फ स्पर्धा में पदक से मामूली अंतर से चूक गईं। खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर कर अदिति चौथे स्थान पर रहीं। अदिति का कुल स्कोर 15 अंडर 269 रहा और वह दो स्ट्रोक्स से चूक गईं। ओलिंपिक में ऐतिहासिक पदक के करीब पहुंची अदिति ने सुबह दूसरे नंबर से शुरुआत की थी लेकिन वह पिछड़ गईं। रियो ओलिंपिक में 41वें स्थान पर रही अदिति ने हालांकि आशातीत प्रदर्शन किया है। आखिरी दौर में उन्होंने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाया और नौवें तथा 11वें होल पर बोगी किए। दुनिया की नंबर एक गोल्फर नैली कोरडा ने दो अंडर 69 के साथ 17 अंडर कुल स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को के बीच रजत पदक के लिए प्लेऑफ खेला गया जिसमें इनामी ने बाजी मारी। तूफान के कारण कुछ समय खेल बाधित रहा जब 16 होल पूरे हो चुके थे। इस बीच काफी ड्रामा देखा गया कि यह दौर पूरा होगा या नहीं लेकिन मौसम ठीक होने के बाद खेल बहाल हुआ। अगर खेल नहीं होता तो अदिति को रजत पदक मिलता क्योंकि वह तीन दौर के बाद कोरडा के बाद दूसरे स्थान पर थीं। अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी लेकिन दो बोगी से वह को से पीछे रह गई जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाए तीन ही ड्रॉप शॉट खेले। अदिति ने चौथे स्थान पर रहने के बाद कहा , 'किसी और टूर्नामेंट में मुझे खुशी होती लेकिन ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल है। मैंने अच्छा खेला और अपना शत प्रतिशत दिया। आखिरी दौर में पांच बर्डी और दो बोगी करने वाली अदिति ने कहा , 'मुझे लगता है कि आखिरी दौर में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी ।' उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों की इस खेल में रुचि बढ़ेगी जिसे अभी तक अभिजात्य वर्ग का खेल माना जाता रहा है। भारत की दीक्षा डागर संयुक्त 50वें स्थान पर रही जिन्होंने आखिरी दौर में एक अंडर 70 और कुल छह ओवर 290 स्कोर किया। 5 साल की उम्र से गोल्फ खेलना शुरू किया अदिति का गोल्फ के लिए प्यार बहुत छोटी सी उम्र में जाग गया था। उन्होंने सिर्फ पांच साल की उम्र में गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था। साल 2016 के रियो ओलिंपिक में खेलने पहुंचते ही उन्होंने इतिहास रच दिया था। तोक्यो में अदिति की मां बनीं कैडी अदिति के पिता ने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था, 'मैं सिर्फ उसका बैग उठाता था बाकी काम वह खुद किया करती थीं।' तोक्यो में अदिति अपनी मां के साथ पहुंची थीं। मां न सिर्फ उनका हौसला बढ़ा रही थीं बल्कि एक भावनात्मक सहयोग भी दे रही थीं। मां और बेटी दोनों का एक ही सपना - ओलिंपिक पदक हासिल करना था।

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