Monday, October 18, 2021

मैं जमीन पर सोता हूं, तुम पलंग ले लो.. जब बुरे वक्त में धोनी ने दिया था हार्दिक पंड्या का साथ October 18, 2021 at 06:54AM

नई दिल्लीपिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले एमएस धोनी के बिना भारत का यह पहला टी-20 विश्व कप है। टीम इंडिया को पहले मैच में 24 अक्टूबर को पाकिस्तान से खेलना है। माही को टूर्नामेंट के लिए टीम का मेंटॉर बनाया गया है। अब स्टॉर ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने धोनी के साथ अपने पर्सनल रिलेशन पर खुलासा किया है। मेरे ऊपर बड़ी जिम्मेदारी‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो की क्रिकेट मंथली’ को दिए गए इंटरव्यू में पंड्या ने अपने जीवन की कई चुनौतियों और धोनी के साथ असाधारण तालमेल पर बात की। पंड्या ने कहा, ‘यह कैरियर की सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इस बार महेंद्र सिंह धोनी नहीं है। सब कुछ मेरे कंधों पर है। मैं इसी तरह से सोचता हूं क्योंकि इससे मेरे लिए चुनौती बढ़ जाती है। एमएस मुझे बखूबी समझते हैंधोनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालात अनुकूल नहीं होने पर, परेशानी में या खुद को समझने के लिए वह धोनी के पास जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘एमएस मुझे शुरू ही से समझते आए हैं। मैं कैसे काम करता हूं या मैं कैसा इंसान हूं। मुझे क्या पसंद नहीं है, सब कुछ।’ अपने कमरे में दी जगह पंड्या ने बताया कि एक टीवी शो पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद निलंबन पूरा करके जब वह 2019 में न्यूजीलैंड दौरे पर वापसी कर रहे थे तो धोनी ने उनसे बात की। उन्होंने कहा, ‘शुरू में मेरे लिए कोई होटल रूम नहीं था। फिर मुझे फोन आया कि यहां आ जाओ। एमएस ने कहा कि वह बिस्तर पर नहीं सोते हैं। वह नीचे सोएंगे और मैं उनके बिस्तर पर। धोनी मेरे भाई हैंधोनी ने कहा कि वह पहले व्यक्ति हैं जो हमेशा साथ थे। वह मुझे गहराई से जानते हैं। मैं उनके काफी करीब हूं। वही मुझे शांत रख सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब यह सब हुआ, उन्हें पता था कि मुझे सहयोग की जरूरत है। मुझे एक कंधा चाहिए था जो मेरे क्रिकेट करियर में उन्होंने मुझे कई बार दिया। मैने उन्हें एमएस धोनी, एक महान क्रिकेटर के रूप में कभी नहीं देखा। मेरे लिए वह मेरे भाई हैं।' फोन पर अक्सर होती है बातपंड्या ने कहा कि कई बार वह अपने ही ख्यालों में उलझ जाते थे और धोनी ऐसे में उनकी मदद करते थे। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें फोन करके कहता था कि ये सोच रहा हूं, क्या चल रहा है बताओ। फिर वह बताते थे। मेरे लिए वह लाइफ कोच हैं, उनके साथ रहकर आप परिपक्व और विनम्र होना सीखते हैं।’

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