Saturday, October 16, 2021

17 साल ग्राउंड्स में अपने फन का मनवाया लोहा...अब डगआउट में 'मेंटोर' धोनी पर होगी सबकी नजरें October 16, 2021 at 02:52AM

नई दिल्ली चेन्नई सुपर किंग्स को चौथी बार आईपीएल खिताब दिलाने के बाद महेंद्र सिंह धोनी अब टी20 विश्व कप में मैदान के बाहर टीम इंडिया के ‘मेंटोर’ की भूमिका में होंगे। पिछले 17 वर्ष मैदान के भीतर अपने फन का लोहा मनवाने के बाद मैदान से बाहर की इस भूमिका में माही को देखना दिलचस्प होगा। इसमें धोनी का काम अपने अनुभव और समझ को साझा करने का होगा लेकिन यह कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री पर निर्भर करेगा कि वह उसका इस्तेमाल कैसे करते हैं। भारतीय क्रिकेट में ‘मेंटर’ शब्द के व्यापक मायने हैं जो एक रणनीतिकार, प्रेरणास्रोत या सलाहकार (साउंडिंग बोर्ड) हो सकता है। धोनी के मामले में वह सलाहकार हो सकते हैं क्योंकि बड़े टूर्नामेंट नहीं जीतने के बावजूद यह भारतीय टीम लंबे समय से 'ऑटो पायलट मोड' में हैं। धोनी को जानने वालों को पता है कि वह जरूरत पड़ने पर ही बोलेंगे और शास्त्री या कोहली के काम में कभी दखल नहीं देंगे। टीम इंडिया उठा सकती है धोनी के अनुभव का फायदा इस टीम के अधिकांश सीनियर खिलाड़ियों के वह कप्तान रहे हैं जिन्होंने उनके कप्तान रहते पदार्पण किया और उनके मार्गदर्शन से सुपरस्टार बने। भारतीय टीम के साथ एक महीने जुड़कर धोनी को क्या फायदा होगा। उन्हें यह आकलन करने का मौका मिलेगा कि क्या वह सीधे मेंटोर बनकर अगले आईपीएल के लिए सीएसके की रिटेंशन फीस बचा सकते हैं। धोनी ने आईपीएल में अपने भविष्य को लेकर खुलकर कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा है कि सीएसके में उनकी भूमिका बीसीसीआई की रिटेंशन नीति पर निर्भर होगी। वह टीम इंडिया के डग आउट का हिस्सा होंगे और अगर उन्हें लगता है कि वह कोहली की टीम को मदद करने में सफल रहे हैं तो अगले सत्र में आईपीएल में मैदान पर मौजूद रहे बिना मेंटर की भूमिका में सीएसके के साथ हो सकते हैं। अपने फैसलों को थोपने मे विश्वास नहीं रखते धोनी धोनी अपने फैसलों को थोपने में विश्वास नहीं रखते। उनका मानना है कि फैसले बाध्यता में नहीं लिए जाते। बतौर सलाहकार कुछ मसलों पर उनकी राय काफी मायने रखेगी। मसलन रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज केएल राहुल करेंगे या ईशान किशन। चूंकि सीएसके में रुतुराज गायकवाड़ और फाफ डु प्लेसिस की सलामी जोड़ी काफी कामयाब रही है। पंड्या और शार्दुल पर धोनी से ली जा सकती है राय इसके अलावा हार्दिक पंड्या को सिर्फ बल्लेबाज के रूप में उतारने या शार्दुल ठाकुर को हरफनमौला के तौर पर खिलाने को लेकर भी उनसे राय ली जा सकती है। टीम संयोजन और रणनीति से जुड़े मसलों पर धोनी की राय काफी मायने रखेगी।

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