Thursday, September 16, 2021

टी20 की कप्तानी छोड़ने के बावजूद कोहली की 50 ओवर की कप्तानी पर भी खतरा September 16, 2021 at 06:54AM

नई दिल्ली विराट कोहली (Virat Kohli) का अगले महीने विश्व कप (World Cup) के बाद भारत की टी20 कप्तानी छोड़ने का फैसला (Virat Kohli quit T20I Captaincy) निश्चित तौर पर बल्ले से लय हासिल करने से जुड़े हैं लेकिन इससे संकेत मिलते हैं कि एक दिवसीय ढांचे में भी उन्हें इसी तरह की चीजों का सामना करना पड़ सकता है। कोहली (Kohli) ने कहा है कि वह अन्य दो प्रारूपों में कप्तान बने रहेंगे लेकिन कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह स्वदेश में 2023 में होने वाले विश्व कप में भारत की 50 ओवर की टीम के कप्तान (Virat Kohli 50 Over Captain) होंगे। काम के बोझ का प्रबंधन टी20 कप्तानी छोड़ने के लिए बिलकुल स्वीकार्य कारण है लेकिन अगर 2023 तक भारत के कार्यक्रम को देखा जाए तो विश्व कप के अलावा टीम को लगभग 20 द्विपक्षीय टी20 मुकाबले ही खेलने हैं। 'कोहली ने अच्छा ही किया' बीसीसीआई (BCCI) के एक सूत्र ने बताया, ‘विराट (Virat Kohli) को पता है कि अगर टीम यूएई में टी20 विश्व कप (UAE T20 World Cup) में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उन्हें सीमित ओवरों की कप्तान से हटाया जा सकता था। जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उन्होंने हटकर अच्छा किया है।’ उन्होंने कहा, ‘उसने अपने ऊपर से थोड़ा दबाव कम किया है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि वह अपनी शर्तों पर यह काम कर रहे थे। अगर टी20 में प्रदर्शन में गिरावट आती है तो शायद 50 ओवर में प्रारूप में ऐसा नहीं हो।’ '50 ओवर की टीम की कप्तानी भी जा सकती है'बीसीसीआई अगर निकट भविष्य में कोहली से 50 ओवर के प्रारूप की कप्तानी भी ले लेता है तो यह हैरानी भरा नहीं होगा। टी20 विश्व कप में ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहने के बाद कोहली को 50 ओवर में प्रारूप में भी विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है। 'लीडर हैं रोहित शर्मा' इसमें कोई संदेह नहीं कि ड्रेसिंग रूम में भी उप कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को ‘नेतृत्वकर्ता’ माना जाता है जिन्होंने युवा खिलाड़ियों को साथ लेकर चलना सीख लिया है और वह इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के साथ साल-दल-साल ऐसा करते आए हैं। 'कोहली को ड्रेसिंग रूम का समर्थन नहीं' कोहली (Kohli) को पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूम में पूर्ण समर्थन हासिल नहीं है। उनको करीब से देखने वालों का मानना है कि उनकी कार्यशैली में लचीलापन नहीं है। साउथम्पटन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दो स्पिनरों के साथ उतरना हो या 2019 विश्व कप से पहले चौथे स्थान पर किसी खिलाड़ी को स्थापित नहीं होने देना, उनके अंदर लचीलेपन की कमी देखने को मिलती है। भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में भले ही 2-1 की बढ़त बनाई हो लेकिन दुनिया के नंबर एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को नहीं खिलाने के फैसले पर सवाल उठते हैं। 'एडीलेड टेस्ट के बाद बदले हालात' पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड टेस्ट से पूर्व उन्हें पूर्ण समर्थन हासिल था लेकिन उस मैच में भारत के 36 रन पर सिमटने और फिर कोहली ने पितृत्व अवकाश पर जाने से चीजें काफी बदल गई। किसी ने खुलकर नहीं कहा लेकिन भारत ने जब अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ खेल रहे आस्ट्रेलिया (2018-19 के विपरीत) को पिछड़ने के बावजूद हराया तो खिलाड़ी अधिक एकजुट महसूस कर रहे थे। कोहली जब इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टीम से जुड़े तो उन्हें पता था कि युवा खिलाड़ियों ने अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से अपनी छाप छोड़ी है। 'कोहली के साथ संवाद की समस्या' एक पूर्व खिलाड़ी ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान पीटीआई से कहा था, ‘विराट के साथ समस्या संवाद की है। महेंद्र सिंह धोनी के मामले में, उसका कमरा चौबीस घंटे खुला रहता था और खिलाड़ी अंदर जा सकता था, वीडियो गेम खेल सकता था, खाना खा सकता था और जरूरत पड़ने पर क्रिकेट के बारे में बात कर सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘मैदान के बाहर कोहली से संपर्क कर पाना बेहद मुश्किल है।’ पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘रोहित में धोनी की झलक है लेकिन अलग तरीके से। वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर ले जाता है, जब वह निराश होते हैं तो उनकी पीठ थपथपाता है और उसे खिलाड़ियों के मानसिक पहलू के बारे में पता है।’ जहां तक जूनियर खिलाड़ियों का सवाल है तो कोहली के खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वह मुश्किल समय में उन्हें मझधार में छोड़ देते हैं। एक अन्य क्रिकेटर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट के बाद कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) योजनाओं से बाहर हो गया। ऋषभ पंत (Rishabh Pant) जब फॉर्म में नहीं था तो उसके साथ भी ऐसा ही हुआ। भारतीय पिचों पर ठोस प्रदर्शन करने वाले सीनियर गेंदबाज उमेश यादव (Umesh Yadav) को कभी यह जवाब नहीं मिला कि किसी के चोटिल नहीं होने तक उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया जाता।’ 'गांगुली और जय शाह का बयान देखिए'बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को जारी बोर्ड की प्रेस विज्ञप्ति के रोचक पहलू के संदर्भ में कहा, ‘अगर आप सौरभ (Sourav Ganguly) और जय शाह (Jay Shah) के बयान देखो, दोनों ने शुभकामनाएं दी हैं लेकिन एक भी शब्द नहीं कहा कि वह 2023 विश्व कप तक कप्तान रहेगा या नहीं। इसलिए वह कप्तान रहेगा इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।’ पता चला है कि टी20 विश्व कप के बाद पद छोड़ने वाले रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कोहली से विस्तार से बात की है और वह अब अपना ध्यान 100 अंतरराष्ट्रीय शतक के सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar 100 Centuries) के रेकॉर्ड को तोड़ने के अपने लक्ष्य पर लगाएंगे। 'रोहित को हटाना चाहते थे कोहली' कहा जा रहा है कि कोहली (Kohli) चयन समिति के पास यह प्रस्ताव लेकर गए थे कि रोहित (Rohit Sharma) को एक दिवसीय उप कप्तानी से हटा दिया जाए क्योंकि वह 34 साल के हैं। वह चाहते थे कि एक दिवसीय टीम की उप कप्तानी लोकेश राहुल (KL Rahul) को सौंपी जाए जबकि टी20 प्रारूप में यह जिम्मेदारी पंत (Rishabh Pant) निभाएं। सूत्र ने कहा, ‘बोर्ड को यह पसंद नहीं आया जिसका मानना है कि कोहली असल उत्तराधिकारी नहीं चाहते।’ कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने पर रोहित को यह जिम्मेदारी मिलना लगभग तय है और ऐसे में पंत (Rishabh Pant), राहुल (Rahul) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) उप कप्तानी के दावेदार हो सकते हैं। दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की टीम अगर आईपीएल खिताब जीत लेती है तो उसके कप्तान पंत सबसे बड़े दावेदार बन जाएंगे। सूत्र ने कहा, ‘पंत मजबूत दावेदार है लेकिन आप लोकेश राहुल (Lokesh Rahul) को नहीं नकार सकते क्योंकि वह भी आईपीएल कप्तान है। जसप्रीत बुमराह भी छिपा रुस्तम साबित हो सकते हैं।’

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