Sunday, August 22, 2021

भारतीय टीम को कहा था बेईमान, मियांदाद के पीछे जूता लेकर भागे थे रवि शास्त्री August 22, 2021 at 12:34AM

नई दिल्ली जावेद मियांदाद के भारतीय टीम के साथ कई यादगार किस्से रहे हैं। फिर चाहे वह 1992 के वर्ल्ड कप में किरण मोरे के साथ हुआ विवाद हो या फिर शारजाह में चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाने की बात हो। मियांदाद कई बार मैदान पर और बाहर भी ऐसी हरकतें करते थे जो सुर्खियां बटोर लेती थीं। ऐसी ही एक घटना का जिक्र भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री ने किया है। शास्त्री ने अपनी किताब में इस घटना के बारे में बताया है। शास्त्री ने अपनी किताब 'स्टारगेजिंग: द प्लेयर्स इन माय लाइफ' में कई मजेदार घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इस किताब के कुछ किस्सों को प्रकाशित किया गया है। जावेद मियांदाद से जुड़ी घटना 1987 की है। पाकिस्तानी टीम भारत के दौरे पर थी। शास्त्री ने लिखा है, 'जब पाकिस्तानी टीम 1987 में भारत के दौरे पर थी तो हैदराबाद वनडे जीतने के बाद मेरा मियांदाद से टकराव हो गया था। यह काफी कड़ा मैच हुआ था और अगर आखिरी गेंद पर अब्दुल कादिर रन लेने के लिए नहीं दौड़ते तो मुकाबला टाई रहता क्योंकि स्कोर बराबर था। पाकिस्तान ने उस मैच में सात विकेट खोए थे और हमने छह। और उस समय के नियमों के अनुसार कम विकेट खोने के कारण हमें जीता घोषित कर दिया गया।' शास्त्री ने बताया कि यह बात पाकिस्तान के मियांदाद को पसंद नहीं आई। वह इससे काफी नाराज हो गए। उन्होंने आगे लिखा है, 'मियांदाद को यह फैसला काफी नापसंद आया। मैच के बाद वह हमारे ड्रेसिंग रूम में आए और कहा कि हम बेईमानी से जीते हैं। उस समय हमारा जोश बढ़ा हुआ था। मियांदाद की इस बात पर मुझे काफी गुस्सा आया, मैंने जूता उठाया और पाकिस्तानी ड्रेसिंग रूम तक उनके पीछे भागा। वहां इमरान खान ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया।' हालांकि इसके बाद दोनों के बीच कोई मन-मुटाव देखने को नहीं मिला। शास्त्री ने लिखा है, 'इस घटना को हम फौरन भूल गए। हालांकि, जब टीमें अगले मैच के लिए जा रही थीं तो हमने फ्लाइट में काफी समय साथ ही बिताया। इस बात का जिक्र न उस वक्त हुआ और न उसके बाद। '

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