Friday, August 20, 2021

एक रुपये में खाना... गौतम गंभीर की जन रसोई के कायल हुए हरभजन, वीडियो शेयर दागा सैल्यूट August 20, 2021 at 05:24AM

नई दिल्ली पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा बीजेपी सांसद गौतम गंभीर अपनी कई खासियतों के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट करियर के दौरान उनकी छवि दबंग खिलाड़ी की थी। पाकिस्तानी क्रिकेटर भी उनसे भिड़ने से कतराते थे। जब उन्होंने संन्यास लिया तो विराट कोहली सहित कई क्रिकेटरों को लेकर बेबाकी से बयान देते रहते हैं। इसके अलावा वह बेहद साफ-पाक दिलवाले की भी छवि है। शहीदों के परिवार की मदद करना हो या फिर कोरोना वायरस के मुश्किल दौर में लोगों की मदद, सभी नेक कामों में वह आगे बढ़कर हिस्सा लेते नजर आए। अब उन्होंने गरीबों को महत एक रुपये में भोजन उपलब्ध कराने की ठानी है। वह अपने संसदीय क्षेत्र पूर्व दिल्ली में पहले से ही दो रसोई चला रहे थे, जहां महज एक रुपये में खाना मिल रहा था। अब उन्होंने शुक्रवार को तीसरी जन रसोई की शुरुआत की है। गंभीर की यह रसोई ईस्ट दिल्ली में ही विनोद नगर में शुरू हुई है, जो हर दिन एक हजार लोगों को खाना खिलाएगी। इससे पहले दिसंबर 2020 में गांधीनगर और फरवरी 2021 में न्यू अशोकनगर में एक-एक ‘जन रसोई' की शुरुआत की थी। उनके इस नेक काम की तारीफ में उनके साथी क्रिकेटर हरभजन सिंह ने एक वीडियो अपलोड किया है। उन्होंने कहा कि भूखे को खाना खिलाना पुण्य का काम है। आप इसी तरह से लोगों का पेट भरते रहिए। आपके काम को सैल्यूट है। भज्जी के अलावा भी ढेरों लोगों ने गौतम गंभीर के काम की तारीफ की है। भूख के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी: गंभीर गंभीर ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमारी तीसरी ‘जन रसोई’ 20 अगस्त से दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए उपलब्ध रहेगी। दिल्ली में भूख के खिलाफ हमारी लड़ाई इससे मजबूत होगी।’ क्रिकेट से राजनीति की दुनिया में आए गंभीर ने कहा कि इस रसोईघर का उद्देश्य गरीबों को सम्मान के साथ पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम एक रुपया प्रतीक के रूप में लेते हैं। हमारे स्वयंसेवक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी यहां आकर भरपेट भोजन कर सके।’ उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसी कुछ और जन रसोई खोलने की उनकी योजना है। गंभीर ने कहा, ‘पटपड़गंज विधानसभा को दिल्ली सरकार लगातार नजरअंदाज करती रही है और इस क्षेत्र में कोई वास्तविक विकास नहीं हुआ है। यहां झुग्गियों में रहने वाले लोग तनाव में रहते हैं लेकिन उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिलती। उनके पुनर्वास को लेकर भी राज्य सरकार के पास कोई योजना नहीं है।’

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