Wednesday, July 21, 2021

नहीं बन पाओगे क्रिकेटर... 'हीरो' दीपक चाहर को जब ग्रेग चैपल ने किया था रिजेक्ट July 21, 2021 at 01:49AM

नई दिल्लीश्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में जीत का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह हैं दीपक चाहर। पूर्व क्रिकेटर्स से लेकर सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैंस तक दीपक की तारीफ कर रहे हैं। ऐसा होना भी चाहिए, क्योंकि फास्ट बोलिंग स्पेशलिस्ट दीपक चाहर ने पहले गेंदबाजी में कमाल करते हुए दो विकेट झटके, इसके बाद 193 रन पर 7 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही टीम इंडिया के लिए नाबाद 69 रनों की मैच विनिंग पारी खेलकर तारणहार बने। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। कभी ग्रेग ने रिजेक्ट किया थाआज भले ही दीपक को पूरी दुनिया सलाम कर रही है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें ये तक कह दिया गया था कि वह क्रिकेटर नहीं बन सकते। भारत की जीत के बाद पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट कर उस वाकए की याद दिलाई है। दरअसल, 2008 में ग्रेग चैपल राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन अकैडमी के डायरेक्टर थे। ऑस्ट्रेलिया में एक अंडर-19 टूर्नमेंट खेल स्वदेश लौटे दीपक को ग्रेग ने रिजेक्ट कर दिया था। बस फिर क्या चैपल की इस बात को दीपक ने दिल से लगा लिया। अंतिम-50 में भी नहीं चुना थाअपने उस पल को याद करते हुए दीपक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने (ग्रेग चैपल) मुझे राजस्थान के अंतिम 50 में भी नहीं चुना। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें नहीं लगता कि मैं उच्च स्तर पर क्रिकेट खेल सकता हूं। मुझे ये बात बहुत बुरी लगी। मेरे पूरे करियर में वो एक ऐसा दिन था जब मुझे रोने का मन हुआ। हालांकि अच्छा ही हुआ की मुझे घर भेज दिया गया, क्योंकि इसके बाद मैंने जमकर मेहनत की और दो साल के भीतर मैं राजस्थान के लिए रणजी ट्रोफी खेल रहा था। यूं धोनी ने बदली तकदीरदीपक का मानना है कि उनमें बदलाव 2019 आईपीएल में आया। उनको हमेशा से पता था कि लाल गेंद को कैसे स्विंग कराया जाता है लेकिन 2018 में ड्वेन ब्रावो के नहीं होने के कारण महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें पावरप्ले और डेथ ओवरों में अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। यह टर्निंग पॉइंट था। उन्होंने स्विंग के अनुकूल हालात नहीं होने पर भी गेंदबाजी करना सीखा। दीपक चाहर के बारे में खासताजमहल की नगरी आगरा में 7 अगस्त 1992 को जन्मे दीपक की पहचान स्विंग गेंदबाज के रूप में है। वह थोड़ी भी मददगार पिच पर बेहद घातक साबित होते हैं। दीपक पहली बार सुर्खियों में नवंबर, 2010 में आए थे। उन्होंने अपने करियर का पहला फर्स्ट क्लास मैच रणजी ट्रोफी में राजस्थान के लिए हैदराबाद के खिलाफ खेला था। उसमें पहले दिन ही 7.3 ओवर में 10 रन देकर 8 विकेट झटके थे, जिससे हैदराबाद टीम 21 रन पर लुढ़क गई थी।

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