Monday, July 12, 2021

यूरो फाइनल में अश्वेत खिलाड़ियों पर नस्ली टिप्पणी के बाद पीटरसन ने उठाए सवाल July 12, 2021 at 02:07AM

लंदन इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने यूरो फाइनल में हारने के बाद सोशल मीडिया पर फुटबॉल टीम के तीन अश्वेत खिलाड़ियों के साथ नस्ली दुर्व्यवहार की निंदा की है। पीटरसन का कहना है कि ऐसी स्थिति में क्या उनके देश को 2030 फीफा विश्व कप की मेजबानी का अधिकार मिलना चाहिए। दाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज पीटरसन वेम्बले स्टेडियम में खेले गए फाइनल में इंग्लैंड के शानदार प्रदर्शन के बाद पेनल्टी शूटआउट में इटली से हारने के बाद फैली अराजकता में फंस गए थे। पीटरसन से पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और इंग्लैंड में इस खेल की संचालन संस्था फुटबॉल संघ (एफए) ने पेनल्टी शूट आउट में इटली के खिलाफ गोल करने चूकने वाले इंग्लैंड के तीन अश्वेत खिलाड़ियों के प्रति नस्ली टिप्पणी की निंदा की थी। रविवार रात हुए फाइनल में मार्कस रशफोर्ड की पेनल्टी गोल पोस्ट से टकरा गई थी जबकि बुकायो साका और जेडन सांचो की पेनल्टी को इटली के गोलकीपर ने रोक दिया। नियमित और अतिरिक्त समय में मुकाबला 1-1 से बराबर रहने के बाद इटली ने पेनल्टी शूट आउट में 3-2 से जीत दर्ज की। पीटरसन से ट्वीट किया, 'कल रात मैं डायलन के साथ अपनी कार से घर आ रहा था तो स्थिति पूरी तरह से भयानक थी। 2021 में ऐसा व्यवहार ?? हमें इतनी खुशी देने वाले खिलाड़ियों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल ??' उन्होंने कहा, 'क्या हम वास्तव में 2030 विश्व कप (मेजबानी) के लायक हैं?' इससे पहले प्रधानमंत्री जॉनसन ने ट्वीट किया, 'ये खिलाड़ी नायक की तरह तारीफ के हकदार हैं, न कि सोशल मीडिया पर नस्लीय दुर्व्यवहार के।' उन्होंने कहा, 'इस तरह के घटिया दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए।' पीटरसन ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'ब्रिटेन में मीडिया शायद दुनिया में सबसे शक्तिशाली है। यह उनकी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि सोशल मीडिया कंपनियों को हर उस व्यक्ति का सत्यापन करने के लिए मजबूर किया जाए जिसका उस पर खाता (जो सोशल मीडिया पर मौजूद) है।' कोई रोबोट या कोई नकली खाता नहीं होना चाहिए। सभी के लिए जवाबदेही होनी चाहिए। यह समाज को नष्ट कर रहा है।' यूनाइटेड किंगडम 2030 में विश्व कप की मेजबानी के लिए दावा पेश करने वाले देशों में शामिल है।

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