Monday, March 8, 2021

पार्थिव पटेल का जन्मदिन: सबसे युवा विकेटकीपर बन रचा इतिहास, पहली बार गुजरात को बनाया चैंपियन March 08, 2021 at 05:23PM

नई दिल्ली हर्षा भोगले ने इंग्लैंड में भारतीय ड्रेसिंग रूम के पास एक छोटे से लड़के को देखा। इस क्रिकेट कॉमेंटेटर को लगा वह टीम के खिलाड़ियों से मिलने आया है। पर जल्द ही उन्हें अहसास हो गया कि यह वही युवा विकेटकीपर है जिसने टीम इंडिया के लिए चुना गया है। सिर्फ 17 साल 153 दिन की उम्र में इस विकेटकीपर ने भारत के लिए डेब्यू किया। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे युवा विकेटकीपर। आज उसी पॉकेट डायनेमो- है। आज ही के दिन 1985 में अहमदाबाद में उनका जन्म हुआ था। 2002 में टेस्ट डेब्यू साल 2002 की बात है पार्थिव भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड गए। पहली पारी में खाता नहीं खुला लेकिन दूसरी में 19 रन बनाकर भारत को हार से बचाया। पटेल की बल्लेबाजी की तारीफ होती थी। वह पारी की शुरुआत करते थे और तेज गेंदबाजों के खिलाफ सहज नजर आते थे। उनके पास कट और पुल जैसे शॉट थे। लेकिन समस्या विकेटकीपिंग में थे। उसे लेकर अकसर सवाल उठते रहे। उंगली गंवाई पर हौसला नहीं पटेल जब नौ साल के थे तो उन्होंने अपने हाथ की एक उंगली गंवा दी थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और क्रिकेट पर फोकस बनाए रखा। टीम इंडिया में जब पटेल आए तो विकेटकीपिंग को लेकर काफी प्रयोग किए जा रहे थे। बैटिंग अच्छी, विकेटकीपिंग पर सवाल पटेल की बल्लेबाजी उनके पक्ष में जाती थी। साल 2002-2003 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन इसके बाद वह प्रभाव नहीं छोड़ पाए। विकेटकीपिंग पर प्रश्नचिह्न अब भी था। खास तौर पर स्पिनर्स के सामने उनकी कीपिंग अच्छी नहीं कही जा सकती थी। सिडनी में धमाकेदार पारी- टीम से बाहर- चार साल बाद वापसी उन्होंने सिडनी में 2003-2004 में आक्रामक 62 रन की पारी खेली और फिर पाकिस्तान के खिलाफ पारी की शुरुआत करते हुए 69 रन बनाए। लेकिन साल 2004 में उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया। चार साल बाद 2008 में उन्हें श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट मैच के लिए मौका मिला। 2016 में आखिरी टेस्ट साल 2016 में पार्थिव को इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने पारी की शुरुआत की और दो हाफ सेंचुरी लगाईं। छह साल बाद वनडे टीम में वापसी2010 में छह साल बाद वह वनडे टीम का हिस्सा बने। उन्हें इंजरी रिप्लेसमेंट के तौर पर बतौर सलामी बल्लेबाज आजमाया गया था। तब उन्होने न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ 10 पारियों में चार हाफ सेंचुरी बनाई थीं। हालांकि 2003 में वनडे न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका डेब्यू हुआ था। बल्ले से वह बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए थे। शुरुआती 15 मैचों में एक भी हाफ सेंचुरी नहीं थी। साल 2004 में उन्हें वनडे टीम से बाहर होना पड़ा था। साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ ब्रिसबेन में उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला। गुजरात को बनाया रणजी चैंपियन उसी सीजन उन्होंने गुजरात की कप्तानी की। उनकी कप्तानी में गुजरात ने पहली बार रणजी ट्रोफी का खिताब जीता। स्टीव वॉ को किया था स्लेज 2003-04 में वह टीम इंडिया के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे। एक मैच के दौरान उन्होंने अपनी आखिरी सीरीज खेल रहे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज कप्तान स्टीव वॉ को स्लेज किया था। इस पर वॉ ने जवाब दिया था कि जितनी तुम्हारी उम्र है मैं उतने साल से क्रिकेट खेल रहा हूं। इसलिए अच्छा रहेगा कि तुम चुप ही रहो। रोहित को बताया था बेहतर टी20 कप्तान पटेल ने रोहित शर्मा को विराट कोहली से बेहतर टी20 कप्तान बताया था। आईपीएल में मुंबई इंडियंस की जीत के बाद पटेल ने कहा था कि विराट खराब कप्तान नहीं हैं लेकिन चूंकि रोहित ने मल्टीनेशन टूर्नमेंट जैसे निदाहास ट्रोफी, एशिया कप जीते हैं और साथ ही पांच बार आईपीएल जीता है जिसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले को सीधा भारतीय टीम में जगह मिलती है, तो ऐसे में उनकी नजर में रोहित की कप्तानी बेहतर है।

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