Monday, March 1, 2021

घर पर हो टेस्ट तो टीम इंडिया के लिए क्यों बेहद जरूरी हैं रोहित शर्मा? March 01, 2021 at 06:33PM

गौरव गुप्ता, मुंबईटीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज (Rohit Sharma) टेस्ट क्रिकेट में भी कमाल कर रहे हैं। यह समझना आसान है कि रोहित ने ऐसा क्यों महसूस किया कि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट में उस मुश्किल विकेट पर, जहां मैच 48 घंटे के अंदर ही खत्म हो गया, बल्लेबाजी करना आसान था। ऐसी पिच पर जहां हर गेंद पर स्पिनर बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे, लगातार आउट कर रहे थे, हर दूसरे मिनट में एक विकेट गिर रहा था, वहीं रोहित ने पहली पारी में 66 रन बनाए। भारतीय टीम 145 रन पर ऑलआउट हो गई। इसके बाद दूसरी पारी में भी जमे रहे और फिर सिक्स से मैच समाप्त किया। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने अहमदाबाद टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट झटके जहां ऑफ स्पिन काफी खतरनाक दिख रही थी। पढ़ें, सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में भी रोहित ने भारतीय टीम के 329 में से 161 रन बनाए। रोहित की इसी पारी ने मैच बदलने में बड़ा योगदान दिया। कई लोगों ने महसूस किया कि यह स्टार मुंबईकर मैन ऑफ द मैच का हकदार था। बाद में रविचंद्रन अश्विन ने 10 विकेट लेने के अलावा शतक जड़ा, जो मैन ऑफ द मैच रहे। फिर भी यह 'मास्टरक्लास' पारी थी कि स्पिनरों को कैसे रोका जाए। ऐसी पिच जिसे बीबीसी के जोनाथन एग्न्यू ने 'टेस्ट क्रिकेट के लिए बेहतर नहीं' करार दिया था। रोहित इतने खतरनाक बल्लेबाज कैसे हैं? इस पर उनके पूर्व साथी और करीबी दोस्त अभिषेक नायर कहते हैं कि मुंबई का कोई भी खिलाड़ी जब स्थानीय क्रिकेट में बल्लेबाजी करता है तो उसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, 'रोहित लाल मिट्टी वाली विकेट पर काफी खेले हैं, जिस पर गेंद बहुत ज्यादा घूमती है। कांगा लीग में तो स्पिनर और भी खतरनाक होते हैं, चूंकि विकेट और गेंद दोनों गीले हो जाते हैं और गेंद काफी स्किड करती है।' देखें, आईपीएल टीम केकेआर के मौजूदा सहायक कोच नायर ने आगे कहा, 'जैसा कि अहमदाबाद में हुआ, आपको नहीं पता कि गेंद रुकेगी या कैसे आएगी, सीधे या टर्न लेगी। यदि आप उस पर स्वीप शॉट देखते हैं, तो यह बहुत स्वाभाविक है। 'मुंबइया शॉट' स्वीप टर्निंग परिस्थितियों में खेलते हुए काम आता है। यही कारण है कि ज्यादातर मुंबई के बल्लेबाज, जैसे कि श्रेयस अय्यर, स्पिन गेंदबाजी का बहुत अच्छे से सामना करते हैं। यदि आप स्पिन खेलना नहीं जानते हैं, तो आप स्थानीय क्रिकेट लीग में नहीं टिक पाएंगे।' यह अकेला कारण नहीं है जो रोहित को 'स्पेशल' बल्लेबाज बनाता है, खासकर भारत में टेस्ट क्रिकेट में। नायर ने कहा, 'रोहित की सबसे बड़ी ताकत गेंद को खेलने में लगने वाला समय है। वह गेंद को बहुत जल्दी समझ लेते हैं। अब उन्हें समझ में आ गया है कि उनकी ताकत क्या है, और वह एक स्पिनर पर हावी हो सकते हैं।' पूर्व ऑलराउंडर को लगता है कि 33 साल की उम्र में ही रोहित अब एक परिपक्व व्यक्ति बन गए हैं, जो मैदान पर और बाहर दोनों जगह इसकी बानगी दिखाते हैं। मुंबई के ही दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर ने कहा, 'उम्र और समय के साथ वह एक क्रिकेटर के रूप में परिपक्व हो गया है। वह अब भारतीय टीम में एक सीनियर क्रिकेटर की तरह हैं। वह मैच फिनिश कर रहे हैं। जब वह अटैक करने पर आते हैं तो गेंदबाजों की खूब धुनाई करते हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2019 में उन्होंने स्पिनरों को खूब निशाना बनाया और स्वीप शॉट खेले। वह हालांकि विकेट पर जमने में वक्त लेते हैं लेकिन यह रिस्क-फ्री क्रिकेट है।' रोहित के बचपन के कोच दिनेश लाड ने कहा, 'पहले लोग रोहित को अपना विकेट गंवाने के लिए दोषी मानते थे, लेकिन अब वह बहुत अधिक फोकस होकर खेलते हैं। वह 'कम्फर्ट जोन में है। वह गेंद का इंतजार करते हैं और हर समय स्कोर करना चाहते हैं। जो बात उन्हें सबसे ज्यादा सफल बनाती है, वह यह है कि वह गेंद का इंतजार करते हैं, बजाय उसे बहुत जल्दी खेलने की कोशिश करने के।' मुंबई के पूर्व कोच और फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट कोच प्रवीण आमरे ने कहा, 'अभी वह मानसिक तौर पर काफी बेहतर हैं, जिससे उन्हें फैसला करने में आसानी हो जाती है। जिस शॉट सिलेक्शन को लेकर उन्हें एक वक्त पर काफी आलोचना झेलनी पड़ती थी, अब वही शॉट उनके लिए आसान बन गया है। वह डिफेंस करने में भरोसा रखते हैं। स्पिनर के खिलाफ तो वह कमाल हैं।'

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