Saturday, January 2, 2021

AUS vs IND: डेविड वॉर्नर ने बताया- सिडनी टेस्ट मैच में खेलेंगे या नहीं! January 01, 2021 at 11:45PM

मेलबर्नऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज ने कहा है कि भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में खेलना उनकी बल्लेबाजी पर नहीं बल्कि फील्डिंग पर निर्भर करता है। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि वह 100 फीसदी फिट नहीं भी होते हैं तो भी खेलने की कोशिश करेंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच सिडनी में 7 मार्च से खेला जाएगा। शुरुआती दोनों टेस्ट मैच से बाहर रहे वॉर्नर ने कहा कि अगर वह कैच लेते समय स्ट्रेच कर पाने और विकेट के बीच दौड़ने में सहज रहते हैं तो वह खेलेंगे। पढ़ें, ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व उप-कप्तान को 29 नवंबर को सिडनी में ही खेले गए दूसरे वनडे में ग्रोइन में चोट लग गई थी। वार्नर ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘क्या मैं 100 फीसदी फिट हो जाऊंगा? इसमें काफी संदेह है, लेकिन में पूरी कोशिश करूंगा। अगर मैं पूरी तरह से फिट नहीं हुआ तो भी मैं मैदान पर जाकर खेलने की कोशिश करूंगा। मैं चाहूंगा कि चयनकर्ता मुझे खेलने के लिए हरी झंडी दें।’ वॉर्नर ने कहा कि शनिवार और रविवार को होने वाले अभ्यास सत्र में उनको पता चल जाएगा कि वह कितने फिट हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें अभी दो दिन ट्रेनिंग करनी है। मैं आपको और ज्यादा संकेत नहीं दे सकता कि मेरी फिटनेस कैसी है। मैंने बीते कुछ दिन से रनिंग नहीं की है, लेकिन अब दो दिन में मुझे पता चल जाएगा कि मैं कहां हूं।’ 34 वर्षीय वॉर्नर ने कहा कि वह वह अपने शॉट्स तो खेल पा रहे हैं लेकिन विकेटों के बीच दौड़ने में और कैच लेने में दाईं-बाईं तरफ जाने में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, ‘नेट्स में बल्लेबाजी करने से मुझे मदद मिली क्योंकि मैं अपने एरिया में गेंद के आने का इंतजार कर रहा था। मुझे अपने हाथ फेंकने नहीं पड़ रहे हैं इसी कारण मैं अच्छे से खेल पा रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह विकेटों के बीच तेजी से दौड़ने की बात है, यही मायने रखता है। यह मायने नहीं रखता कि मैं कौन से शॉट्स खेल पा रहा हूं और कौन से नहीं। यह खेल कर तुरंत भागने की बात है और दूसरे छोर पर खड़े खिलाड़ी की मदद करने की। मैं इन चीजों पर काम कर रहा हूं। इस चीज में मैं 100 प्रतिशत फिट रहना चाहता हूं। मैं नेट्स में इस पर काम कर रहा हूं। यह मेरे लिए और टीम के लिए काफी अच्छा रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘जानता हूं कि मैं शॉट्स लगा सकता हूं। बात यह है कि मैं बाएं और दाएं तरफ कैच पकड़ पाता हूं या नहीं। मैं पहली स्लिप पर या लेग स्लिप पर फील्डिंग करूंगा तो वहां पर खड़ा होने के लिए मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि मैं फुर्तीला रहूं। मैं कैच छोड़ना नहीं चाहता।’

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