विश्व के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) का वैक्सीन बनाने के लिए दुनियाभर के साइंटिस्ट जुटे हुए हैं। इससे पहले ही सर्बिया के टेनिस स्टार और वर्ल्ड नंबर-1 नोवाक जोकोविच ने इसका व्यक्तिगत तौर पर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि टीका लगवाना है या नहीं, यह लोगों की मर्जी होनी चाहिए। इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। हाल ही में पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी एमी मैरेस्मो ने कहा था कि टेनिस शुरू होने से पहले सभी खिलाड़ियों और दर्शकों को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य होना चाहिए।
एमी ने 31 मार्च को ट्वीट किया था, ‘‘टेनिस से जुड़े सभी खिलाड़ी, स्टॉफ, सदस्य और मैच देखने आए दर्शकों के लिए टीकाकरण जरूरी होना चाहिए।’’ एमी ने एक स्लोगन भी लिखा, ‘नो वैक्सीन-नो टेनिस।’ इसके बाद से ही खेल जगत में चर्चा होने लगी थी कि कोरोना का टीका बनने के बाद कोई अगर विदेश जाता है तो उसके लिए टीकाकरण जरूरी होगा।
‘व्यक्तिगत तौर पर वैक्सीन का विरोध कर रहा’
जोकोविच ने साथी प्लेयर्स के साथ एक लाइव फेसबुक चैट में कहा, ‘‘व्यक्तिगत तौर पर मैं वैक्सीन का विरोध कर रहा हूं। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि किसी खिलाड़ी को विदेश यात्रा करने से पहले वैक्सीन लगाया जाए। यदि यह अनिवार्य हो जाता है, तो क्या होगा? मुझे खुद को यह फैसला करना चाहिए। मैं इस मामले में अपने विचार अलग रखता हूं, जो किसी फैसले में बदल जाएंगे, मुझे नहीं पता। यदि जुलाई, अगस्त या सितंबर में टेनिस टूर्नामेंट शुरू होता है, जिसकी संभावना कम है, तब क्वारैंटाइन से बाहर आए लोगों के लिए टीका जरूरी होगा। वैसे अभी कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं बनी।’’
सभी टेनिस टूर्नामेंट्स 13 जुलाई तक टले
मौजूदा समय में 13 जुलाई तक के सभी प्रोफेशनल टेनिस टूर्नामेंट्स को रोक दिया गया है। इनके अलावा इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है, जबकि क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगति कर दी गई। सितंबर में एशिया कप और अक्टूबर-नवंबर में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, जिस पर संकट के बादल छाए हुए हैं। वहीं, फुटबॉल टूर्नामेंट्स में यूरोपियन चैम्पियंस लीग (यूईएफए) और यूरोपा समेत अन्य देशों की घरेलू लीग को भी अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।
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