Tuesday, December 22, 2020

कभी सुधारी थी विराट की तकनीक, अब राजपूत का पृथ्वी को 'ऑफर' December 22, 2020 at 07:02PM

गौरव गुप्ता, मुंबईभारतीय टीम के पूर्व ओपनर ने युवा को उनकी बल्लेबाजी तकनीक में सुधार की मदद की पेशकश की है। ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज ग्रेग चैपल ने हाल ही में राजपूत को भारतीय कप्तान विराट कोहली को 2014 के इंग्लैंड दौरे के बाद तकनीक सुधारने में मदद का श्रेय दिया था। एडिलेड टेस्ट में ओपनिंग करते हुए पृथ्वी साव पहली पारी में तो खाता ही नहीं खोल सके जबकि दूसरी पारी में 4 रन बनाकर बोल्ड हो गए। इससे उनकी एक बड़ी तकनीकी कमजोरी भी सामने आ गई। पढ़ें, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स फ्रैंचाइजी में उन्हें कोचिंग देते हुए शॉ की कमजोरी को देखा था। वहीं, राजपूत कहते हैं कि उन्होंने 21 वर्षीय बल्लेबाज की कमी को कुछ समय पहले ही देखा। राजपूत ने हरारे से हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'पृथ्वी को एक बड़ी समस्या है कि वह अपने बल्ले और पैड के बीच थोड़ा सा अंतर छोड़ देते हैं। मैं न्यूजीलैंड में भी उनके साथ यह देख सकता था। उनका बल्ला लगभग गली क्षेत्र से आगे आता है, और जब वह अपना बैट नीचे करते हैं तो वह एक अंतर बना देता है।' जिम्बाब्वे के मौजूदा नैशनल कोच राजपूत ने कहा, 'आसान तरीका यही है कि उनका बैकलिफ्ट सीधा रहना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी दाहिनी कोहनी पेट से छूते हुए रहे। ऐसा करने से उसका बल्ला सीधा हो जाएगा, और इस तरह वह गैप भी नहीं रहेगा। वह उस गेंद का सामना कर सकते हैं जो अंदर आती है। मुझे यकीन है कि अगर वह कुछ दिनों के लिए मेरे साथ (नेट्स में) रहते हैं, तो मैं उनकी मदद कर सकता हूं।' 2007 में भारत की टी20 विश्व कप विजेता टीम के कोच रहे राजपूत इससे पहले अफगानिस्तान और कई घरेलू टीमों को भी कोचिंग दे चुके हैं। मुंबई के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आश्चर्य जताया कि साव की इस कमी पर अभी तक उनके किसी कोच ने भी काम क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा, 'हर कोई कह रहा है कि वह बल्ले और पैड के बीच एक बड़ा अंतर छोड़ देता है, लेकिन कोई इस पर काम क्यों नहीं कर रहा है? वह एक अच्छे स्ट्रोक प्लेयर हैं। केवल एक चीज यह है कि जब आप अच्छे फॉर्म में होते हैं तो आप कमियों को नहीं देखते हैं। हालांकि, जब आप रन नहीं बना पा रहे होते हैं तो समस्या सामने आती है, जहां विपक्षी गेंदबाज, खासकर अगर वे थोड़े तेज होते हैं, तो आप को परेशान करते हैं।' पढ़ें, भारत के पूर्व कोच चैपल ने कोहली के 2014 के खराब दौरे के बाद उनकी प्रतिभा को जल्दी पहचानने का श्रेय राजपूत को दिया था। राजपूत ने कहा, 'विराट को इंग्लैंड में समस्या थी क्योंकि वह शुरुआत में जेम्स एंडरसन की गेंद पर बोल्ड हो गए थे। इसके बाद उन्होंने चौथे या पांचवें स्टंप पर गेंदबाजी करते हुए उन्हें परेशान किया, जहां वह केवल रन बनाने के बाद ही कैच आउट हुए। जब वह मुंबई (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में शरद पवार इंडोर अकैडमी में) आए, तो उन्होंने मेरे साथ कुछ वक्त बिताया।' उन्होंने कहा, 'सबसे पहली और अहम बात यही थी कि वह अपने सिर को उठाकर खेलते थे, उन्हें लगता था कि गेंद उनके करीब रहेगी। हालांकि वह चौथे या पांचवें स्टंप पर गेंद खेल रहे थे। जब वह अकैडमी में आए तो उन्हें पहले सिर को स्थिर रखने की कोशिश कराई गई। जो आइडिया था, यही था कि वह गेंद की लाइन में रहें जहां गेंद पड़ रही है।'

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