नई दिल्लीमहान क्रिकेटर () ने बल्ले से कई मैच भारत को जितवाए, लेकिन क्या आप जानते हैं उन्हें अहम मौके पर बड़े विकेट चटकाने के लिए 'मैन विद गोल्डन आर्म' भी कहा जाता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला था 1993 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हीरो कप के सेमीफाइनल में। 24 नवंबर को खेले गए इस मैच में आखिरी ओवर में करिश्मा करते हुए टीम इंडिया को जीत दिला दी थी। भारत ने बनाए थे 195 रन कोलकाता का ऐतिहासिक ईडन गार्डंस स्टेडियम (IND vs SA in 1993) हजारों दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। मैच में भारतीय कप्तान ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कप्तान अजहरुद्दीन के 90 रनों की बदौलत टीम इंडिया ने 50 ओवर में बड़ी मुश्किल से 195 रन बनाए। कप्तान, प्रवीण आमरे (48) और सचिन तेंडुलकर (15) को छोड़ दिया जाए तो कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका था। आखिरी ओवर में चाहिए थे 6 रन जवाब में बैटिंग करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम को भी शुरुआती झटके लगे, हडसन (62) ने एक छोर संभाले रखा। उनके आउट होने के बाद ब्रायन मैकमिलन (नाबाद 48) मैच को जीत के करीब तक ले गए। आखिरी ओवर में 6 रन चाहिए थे और कप्तान अजहर ने सचिन को गेंद थमाकर बड़ा जुआ खेला। कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और मनोज प्रभाकर के ओवर बचे हुए थे, लेकिन अजहर ने ओवर सचिन को दिया। सचिन ने डाला करिश्माई ओवर महान खिलाड़ी ने कप्तान से गेंद लेने के बाद जो करिश्मा किया कि आज भी वह मोमेंट को क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा है। सचिन ने शुरुआती 3 गेंदों पर कोई रन नहीं बनने दिए और चौथी बॉल पर एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए। आखिरी गेंद पर 4 रन की जरूरत थी, लेकिन ब्रायन मैकमिलन करिश्माई शॉट नहीं लगा सके और भारत जीत गया। साउथ अफ्रीका 9 विकेट पर 193 रनों तक पहुंच सका था। यहां भारत ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर हीरो कप भी जीता। कप्तान अजहर ने यह कहा था इस बारे में कप्तान अजहर ने एक बार कहा था, 'आखिरी ओर में 6 रन चाहिए थे, जिसे किसी भी गेंदबाज पर बनाया जा सकता था। मैकमिलन मैदान पर थे तो उनके लिए आसान था इसलिए हमने किसी ऐसे गेंदबाज से बोलिंग करानी चाही जो रन रोक सके। उस वक्त अचानक ही सचिन को गेंद दी थी और उन्होंने जादुई ओवर करते हुए टीम को जीत दिला दी थी।'
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