भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कहा कि खिलाड़ियों को जीत और हार के बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए। उन्हें सिर्फ खेल को एंजॉय करना चाहिए। ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु ने शुक्रवार को फिट इंडिया के प्रोग्राम को संबोधित किया था। इस दौरान खेल मंत्री किरन रिजिजू और इंडियन फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री भी थे।
अपनी स्पीच में सिंधु ने स्कूली बच्चों को जीवन में खेल का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में घर से लेकर स्कूल तक, किसी न किसी रूप में खेल होना बहुत जरूरी है। फिट रहने के लिए खेल जरूरी हैं।
फिट रहने के लिए 45 मिनट प्रैक्टिस काफी
ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि आप घंटों तक प्रैक्टिस ही करते रहें। फिट रहने के लिए किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए 45 मिनट से 1 घंटे का अभ्यास काफी है। साथ ही हर खेल के खिलाड़ी के लिए फिटनेस जरूरी है। फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग के साथ ही एंड्यूरेंस, एजिलिटी और वेट ट्रेनिंग भी जरूरी है।
माता- पिता का सपोर्ट बहुत जरूरी
सुनील छेत्री ने कहा, ‘‘आजकल के बच्चों के लिए जरूरी है कि वे खेल को करियर के रूप में चुनें। इसमें माता-पिता का सपोर्ट जरूरी है। बच्चों को इच्छा के अनुसार ही खेल को चुनना चाहिए। मेरे माता-पिता ने मेरा सपोर्ट किया, तभी मैं अपनी प्रतिभा को सामने रख पाया।’’
खेल से अनुशासन आता है
छेत्री ने कहा, ‘‘जब कोई खेलने की प्रैक्टिस शुरू करता है, तो वह धीरे-धीरे अनुशासित होने लगता है। साथ ही सोच में भी बदलाव आने लगता है। आप बेहतर सोचना शुरू करते हैं। हम खेल की वजह से बेहतर व्यक्ति बनते हैं, इसलिए खेल को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अच्छे खिलाड़ी बनने के लिए अच्छी नींद लेना और संतुलित भोजन लेना भी जरूरी है।’’
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