Saturday, May 9, 2020

लौटेगी खेल की रौनक, थोड़ा सब्र रखिए: रिजिजू May 09, 2020 at 01:11AM

नई दिल्लीघातक कोरोना वायरस के कारण देशभर में जनजीवन अस्त व्यस्त है और खेल प्रतियोगिताएं भी ठप हैं लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही मैदान पर खिलाड़ियों को उतारा जाएगा। उन्होंने साथ ही बताया कि भले ही मैदान पर सब रुका हुआ है लेकिन आंतरिक तौर पर काम चल रहा है। रिजिजू ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा, 'कोरोना के कारण खिलाड़ियों की ट्रेनिंग छूट रही है। फिटनेस काफी जरूरी है, इस महामारी के कारण किसी भी खेल की तैयारी को नहीं हो पा रही है लेकिन मंत्रालय ने प्लानिंग शुरू कर दी है। हम एनआईएस, साई के सेंटर, टॉप ऐथटेलिक्स केंद्र को खोलने के लिए रोडमैप बना रहे हैं।' पढ़ें, उन्होंने कहा, 'घर में बैठे खिलाड़ियों को संदेश है कि सब्र रखिए, हम सभी आपके साथ खड़े हैं। बहुत जल्द ग्राउंड पर उतारेंगे, लॉकडाउन के बाद जैसे ही सब ठीक होगा। आपके माध्यम से देश का नाम रोशन होगा, फिर से खेलों की रौनक लौटाएंगे।' अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सांसद ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होते ही इन सभी ट्रेनिंग सेंटर को खोलने पर काफी काम किया जा रहा है और रोडमैप भी तैयार किया जा रहा है। खेल मंत्री ने कहा, 'हमारे लिए सुरक्षा संबंधी योजना भी जरूरी हैं। किसी भी खिलाड़ी या टॉप ऐथलीट को कुछ हो गया, जिन्हें हाल में किसी बड़े टूर्नमेंट में खेलना है, तो यह बड़ी परेशानी हो जाएगी। यह खुशी की बात है कि कोई भी खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया है और इसका कारण यही है कि हमने काफी पहले ही इससे बचाव की तैयारी शुरू कर दी थी।' पढ़ें, रिजिजू ने कहा, 'ट्रेनिंग सेशन शुरू करने के लिए प्लानिंग की हुई है। जो ग्रुप में खेल होते हैं जैसे हॉकी तो उसके लिए मेडिकल एक्सपर्ट्स भी मौजूद रहेंगे। हां यह सच है कि सभी खेल और खिलाड़ियों को एक साथ इजाजत देना संभव नहीं है।' उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन खुलने के बाद केवल टॉप ऐथलीट को मौका देंगे, जो ओलिंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नमेंट में खेलने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें चिन्हिंत करेंगे और फिर चरणों में शुरू किया जाएगा। इसके लिए थोड़ा सब्र करना होगा।' खिलाड़ियों और कोच की नौकरी के बारे में उन्होंने कहा, 'नौकरी, सामान और दूसरे तरीकों से भी खेलों से करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं, सभी कुछ रुकने से नुकसान हो रहा है। इसलिए हमें सोच समझकर फैसला लेना है। सभी खेल महासंघों के साथ संपर्क में हैं। लॉकडाउन में किसी की रोजी-रोटी ना छिन जाए। हमारी इस पर नजर है। जिन खिलाड़ियों और कोच के पास नौकरी नहीं है, हम उन्हें कुछ समय देकर बुलाएंगे और उन्हें फिर से जोड़ेंगे।'

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