नई दिल्ली एक वक्त था जब भारतीय टीम में सिर्फ मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों के खिलाड़ी ही जगह पाते थे। नए दशक में नया दौरा आया। भारतीय क्रिकेट ने टैलेंट हंट प्रोग्राम चलाया। खेल के दमपर देश के छोटे-छोटे शहरों से खिलाड़ियों को चुना जाता। इस प्रयोग के शुरुआती क्रिकेटर्स में मोहम्मद कैफ का नाम आता है। मगर भारत के लिए कई यादगार पारियां खेलने वाले कैफ आज भी अपने शहर और वहां के लोगों को नहीं भूले। अपनी अगुवाई में भारत को साल 2000 का अंडर-19 वर्ल्ड कप दिलाने वाले मोहम्मद कैफ ने 2018 में संन्यास लिया। अपनी दूसरी पारी में वह क्रिकेट कमेंट्री करते देखे जा सकते हैं। स्टार ब्रॉडकास्टर्स के साथ जुड़े कैफ प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) के रहने वाले हैं। पुराने दिन याद करने के लिए कैफ अपने लोगों के बीच जा पहुंचे और दो फोटो भी शेयर की। 'वही गलियां, वही लोग, वही प्यार'कैफ ने फोटो के साथ लिखा, 'वही गलियां, वही लोग, वही प्यार। इलाहाबाद के कीडगंज में मेरे पुराने घर की ओर का सफर। इस मोहल्ले ने मुझे क्रिकेट, जिंदगी और रिश्तों के बारे में समझदार बना दिया।' कैफ ने रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। अपनी कप्तानी में यूपी को पहली बार रणजी चैंपियन बनाने वाले कैफ ने छत्तीसगढ़ के खिलाफ आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खेला था। नेटवेस्ट ट्रॉफी के लिए याद आते हैं कैफ मोहम्मद कैफ को लोग इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल की जीत के लिए याद रखते हैं। खिताबी मुकाबले में मोहम्मद कैफ (87) ने युवराज सिंह के मिलकर 121 रन की पार्टनरशिप की थी। जब सारे दिग्गज आउट हो चुके थे, तब छठे विकेट के लिए उन्होंने युवी के साथ मोर्चा संभाला और तीन गेंद पहले आठ विकेट खोकर 326 रन का टारगेट हासिल किया।
No comments:
Post a Comment