Tuesday, December 7, 2021

एशेज: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में महायुद्ध कल से, क्यों दांव पर लगी है रूट एंड कंपनी की इज्जत? December 06, 2021 at 10:15PM

ब्रिस्बेनतेज गेंदबाज पैट कमिंस की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया बुधवार से यहां शुरू होने वाली एशेज सीरीज में अपने नए क्रिकेट युग की शुरुआत करने उतरेगा तो इंग्लैंड की निगाह 11 साल पुराने प्रदर्शन को दोहराने पर होगी जब उसने आखिरी बार ऑस्ट्रेलियाई धरती पर सीरीज जीती थी। दोनों टीम के लिए ऐतिहासिक एशेज सीरीज की शुरुआत अनुकूल नहीं रही। इंग्लैंड की टीम नस्लीय टिप्पणियों के आरोपों के साए में यहां पहुंची है जबकि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन को अपनी सहयोगी को अश्लील संदेश भेजने के कारण न सिर्फ अपना पद छोड़ना पड़ा बल्कि वह अनिश्चितकाल के लिए अवकाश पर चले गए। यही नहीं खराब मौसम के कारण दोनों टीम को पर्याप्त अभ्यास का मौका भी नहीं मिला। लेकिन अब दोनों टीम इन बातों को पीछे छोड़कर एशेज की दशकों पुरानी परंपरा और प्रतिद्वंद्विता में नए अध्याय जोड़ने के लिए मैदान पर उतरेंगी। ऑस्ट्रेलिया ने पेन के हटने के बाद कमिंस को कप्तानी सौंपी है और यह 1956 के बाद पहला अवसर होगा जबकि कोई तेज गेंदबाज उसकी कमान संभालेगा। पेन के अनिश्चितकाल के अवकाश पर चले जाने से विकेटकीपर एलेक्स कैरी को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला है। कैरी पर्याप्त अनुभवी हैं। उन्होंने 45 वनडे और 38 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और सीमित ओवरों में ऑस्ट्रेलिया की अगुवाई भी कर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के आक्रमण में हालांकि वे चारों गेंदबाज शामिल हैं जिन्होंने चार साल पहले टीम की 4-0 से जीत में अहम भूमिका निभायी थी। मिशेल स्टार्क को झाय रिचर्डसन पर प्राथमिकता मिलने से यह तय है कि वह जोश हेजलवुड के साथ नयी गेंद संभालेंगे। कमिंस और ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के अन्य प्रमुख स्तंभ है। कैमरन ग्रीन आलराउंडर की भूमिका निभाएंगे। ऑस्ट्रेलिया ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 11 महीने पहले खेला था और लियोन तब से 400 टेस्ट विकेट के क्लब में शामिल होने के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें केवल एक विकेट की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया से अब तक शेन वॉर्न और ग्लेन मैकग्रा ही इस मुकाम पर पहुंचे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को ही अपनी अंतिम एकादश घोषित कर दी थी। उसने पारी का आगाज करने के लिए डेविड वॉर्नर के साथ मार्कस हैरिस को रखा है। वॉर्नर पिछले 23 महीनों में केवल दो टेस्ट मैच खेल पाए हैं लेकिन टी20 विश्व कप की शानदार फॉर्म से उनका आत्मविश्वास बढ़ा होगा। मार्नस लाबुशेन और अनुभवी स्टीव स्मिथ मध्यक्रम की जिम्मेदारी संभालेंगे जिसमें ट्रैविस हेड उनका साथ देंगे। हेड को उस्मान ख्वाजा पर प्राथमिकता दी गयी है। वह शैफील्ड शील्ड की अपनी शानदार फॉर्म को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में आखिरी सीरीज 2010-11 में 3-1 से जीती थी। जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड उस सीरीज का भी हिस्सा थे और फिर से इंग्लैंड के आक्रमण की कमान इन दोनों के हाथों में होगी। इंग्लैंड ने हालांकि छह सप्ताह के अंदर पांच टेस्ट मैचों के आयोजन को देखते हुए कार्यभार प्रबंधन नीति के तहत एंडरसन को पहले टेस्ट मैच में विश्राम देने का फैसला किया है ताकि वह एडीलेड में होने वाले दूसरे डे-नाइट टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें। ऐसे में इंग्लैंड का आक्रमण ब्रॉड, मार्क वुड, क्रिस वोक्स और ओली रॉबिन्सन संभालेंगे। बेन स्टोक्स की वापसी से इंग्लैंड की टीम में संतुलन स्थापित हुआ है लेकिन उन्होंने लंबे समय से प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला है। इंग्लैंड को अगर सीरीज जीतनी है तो रोरी बर्न्स को शीर्ष क्रम में जबकि कप्तान रूट को मध्यक्रम में अहम भूमिका निभानी होगी। रूट अभी अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं और अगर वह उसे बरकरार रखते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए सरदर्द बन सकते हैं। ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर इंग्लैंड ने 1986-87 के बाद कोई मैच नहीं जीता है लेकिन रूट पहले ही कह चुके हैं कि उनकी टीम भारत के प्रदर्शन से प्रेरणा लेगी जिसने इस साल के शुरू में इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का अजेय अभियान रोका था। टीमें इस प्रकार हैं...ऑस्ट्रेलिया: डेविड वॉर्नर, मार्कस हैरिस, मार्नस लाबुशेन, स्टीवन स्मिथ, ट्रैविस हेड, कैमरून ग्रीन, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पैट कमिंस (कप्तान), मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन, जोश हेजलवुड। इंग्लैंड: रोरी बर्न्स, हसीब हमीद, जॉक क्राउली, डाविड मालन, जो रूट (कप्तान), बेन स्टोक्स, ओली पोप, जॉनी बेयरस्टॉ, जोस बटलर (विकेटकीपर), डॉम बेस, क्रिस वोक्स, ओली रॉबिन्सन, मार्क वुड, स्टुअर्ट ब्रॉड, जैक लीच में से।

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