Saturday, August 21, 2021

दो पैरालिंपिक, दोनों बार गोल्ड- 40 की उम्र में भारत के लिए तीसरा गोल्ड जीतना चाहते हैं देवेंद्र झाझरिया August 20, 2021 at 11:46PM

नई दिल्ली देवेंद्र झाझरिया ने दो बार पैरालिंपिक में भाग लिया है। और दोनों ही बार उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। भारत के पहले पैरालिंपियन हैं झाझरिया जिन्होंने पीला मेडल अपने नाम किया है। देवेंद्र झाझरिया के उम्र के साथ-साथ अनुभव भी हासिल किया है। जब वह 2004 में एथेंस ओलिंपिक में गए थे तब उनकी उम्र 23 साल थी और अब वह 40 साल के हो गए हैं। इस उम्र में भी झाझरिया लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वह भारत के लिए तोक्यो में जैवलिन थ्रो के इवेंट में पदक के मजबूत दावेदार हैं। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में माना कि न तो एथेंस आसान था और न ही रियो और तोक्यो भी आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'लेकिन बीते कुछ वर्षों में मेरी सोच में एक बदलाव आया है। यह बदलाव अनुभव और कामयाबी के साथ आता है। इस बात में कोई शक नहीं कि मैं काफी शांत हो गया हूं और मेरी ट्रेनिंग भी ठीक चल रही है।' अपनी ट्रेनिंग के लिए झाझरिया अपने कोच को काफी श्रेय देते हैं। वह कहते हैं, 'मेरे कोच सुनील, स्ट्रैंथ ऐंड कंडीशनिंग कोच लक्ष्य बत्रा और फिजियोथेरेपिस्ट बिरेन शाह ने काफी मेहनत की और यह सुनिश्चित किया कि मैं तोक्यो के लिए क्वॉलिफाइ करूं और मेडल का दावेदार बना रहूं।' एक अन्य समाचार पत्र ने उन्होंने कहा था कि वह कैंसर से जूझ रहे अपने पिता के लिए तोक्यो में गोल्ड मेडल जीतना चाहते हैं। भारतीय एथलेटिक्स में देवेंद्र झाझरिया एक बड़ा नाम हैं। वह इस इवेंट के मौजूदा चैंपियन हैं। उन्होंने 2016 में रियो में गोल्ड मेडल जीता था। इससे पहले 2004 में एथेंस में भी उन्होंने सोने का तमगा हासिल किया था। इस बीच के 12 साल में एफ-46 जैवलिन पैरालिंपिक का हिस्सा नहीं था। भारत के सर्वश्रेष्ठ पैरालिंपियन माने जाने वाले झाझरिया ने रियो में रेकॉर्ड 63.97 मीटर का भाला फेंका था। इसके बाद जुलाई 2021 में 65.71 मीटर भाला फेंककर उन्होंने तोक्यो के लिए क्वॉलिफाइ किया था। वहीं एथेंस में उन्होंने 62.15 मीटर भाला फेंककर वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया था। 40 साल के झाझरिया को 2021 में पद्मश्री दिया गया। वह यह सम्मान हासिल करने वाले पहले पैरा एथलीट हैं। इससे पहले उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड 2017 में और 2005 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। हो सकता है कि यह उनका आखिरी पैरालिंपिक हो। झाझरिया इसे यादगार बनाने का पूरा प्रयास करेंगे। वह भारत के लिए मेडल जीतने के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

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