Friday, June 26, 2020

डैरेन सैमी को बाउंसर नियम में दिखा रंगभेद June 25, 2020 at 10:48PM

नई दिल्ली क्रिकेट की प्रतिष्ठित पत्रिका विज़डन ने 21वीं सदी की टेस्ट के मोस्ट वैल्यूबल प्लेयर्स की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन टॉप पर हैं। वहीं दूसरे स्थान पर भारत के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा का नाम है। मुरलीधरन के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हैं। मुरली ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 800 विकेट लिए हैं। क्रिकेट को बाउंसर से तब कोई समस्या नहीं थी जब वाइट टीम के तेज गेंदबाज बाउंसर्स फेंकते थे तब तक कोई परेशानी नहीं थी लेकिन जब वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों ने इसमें महारत हासिल कर ली तो बाउंसर्स को लिमिट करने का नियम लागू कर दिया गया। उन्होंने गुरुवार को कहा, ''फायर इन बेबीलोन' को देखने पर पता चलता है, 'जेफ थॉमसन और डेनिस लिलि तेज गेंदबाजी करते थे और लोगों को चोटिल करते थे। तब मैं देखता हूं जब ब्लैक टीम ने दबदबा बनाना शुरू किया तब आप देखते हैं कि बाउंसर का नियम आ जाता है। और इस तरह के तमाम नियम आ जाते हैं। और जितना मैं समझ पा रहा हूं यह ब्लैक टीम को रोकने के लिए था। यह उस कामयाबी को रोकने के लिए था जब एक ब्लैक टीम हासिल कर सकती थी।' उन्होंने कहा, 'मैं गलत हो सकता हूं लेकिन मैं इसे ऐसे ही देख रहा हूं। और सिस्टम को ऐसा नहीं होने देना चाहिए।' 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने एक बल्लेबाज को एक ओवर में एक बाउंसर फेंकने का नियम लागू किया। इस नियम से बाउंसर को लिमिट करने की कोशिश की गई। वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज कर्टली ऐम्ब्रोस ने अपनी आत्मकथा में लिखा था- 'लोगों को यह गलतफहमी है कि वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज बल्लेबाजों को आउट करने के बजाए उन्हें चोटिल करके मैदान से बाहर भेजना चाहते हैं लेकिन यह सच नहीं है... बाउंसर्स तेज गेंदबाज के तरकश का तीर है। अगर मैं आपको बाउंसर्स के जरिए थोड़ा असहज कर सकता हूं तो इससे मुझे आपको आउट करने के ज्यादा मौके होंगे। और ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमने ही बाउंसर्स फेंके हैं बल्कि हमारे खिलाड़ियों को भी चोट लगी है। यह खेल का हिस्सा है।'

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