Friday, June 26, 2020

कैसे धोनी ने IPL में चेन्नै को बनाया था अपना 'घर' June 25, 2020 at 08:38PM

नई दिल्लीटीम इंडिया के पूर्व कैप्टन रांची से ताल्लुक रखते हैं लेकिन इससे जुड़ी उनकी कोई टीम नहीं है। ऐसे में उन्हें पहली बार 2008 में चेन्नै सुपरकिंग्स ने आईपीएल नीलामी में खरीदा था, जिससे एक साल पहले ही उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को पहली बार टी20 वर्ल्ड कप दिलाया था। भले ही पहले सीजन में चेन्नै टीम खिताब से चूक गई थी और उपविजेता रही लेकिन धोनी ने अपना करिश्मा दिखा दिया। उन्होंने चेन्नै को भी अपनी कप्तानी में सबसे सफल टीमों में शुमार करा दिया। आईपीएल के पूर्व सीओओ ने इससे जुड़ा किस्सा शेयर किया है। पढ़ें, साल 2008 में चेन्नै फ्रैंचाइजी ने धोनी को नीलामी में खरीदने के लिए बड़ी राशि लगाई। पहली बार आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी 20 फरवरी 2008 को आयोजित की गई थी। आईपीएल की पहली नीलामी में 89 खिलाड़ियों को खरीदा गया था। सुंदर रमन ने गौरव कपूर के साथ बातचीत में जानकारी दी कि किस तरह सीएसके फ्रैंचाइजी इस दिग्गज खिलाड़ी के पीछे बड़ी राशि खर्च करने में सक्षम थी। तब कोलकाता नाइट राइडर्स ने पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली को अपना आइकन खिलाड़ी बनाया, दिग्गज सचिन तेंडुलकर मुंबई इंडियंस के आइकन खिलाड़ी थे लेकिन चेन्नै टीम के पास एक कोई आइकन खिलाड़ी नहीं था। पढ़ें, साल 2008 में आईपीएल की पहली नीलामी में चेन्नै फ्रैंचाइजी को बड़ा फायदा इसी बात का मिला कि आइकन खिलाड़ी नहीं होने के कारण टीम फ्री ऑक्शन में हिस्सा ले सकती थी। सुंदर रमन ने कहा, '2008 के आईपीएल में दिग्गज खिलाड़ियों को उनकी संबंधित फ्रैंचाइजी को देना था। जैसे मुंबई के लिए सचिन, पंजाब के लिए युवराज सिंह, दिल्ली के लिए वीरेंदर सहवाग, कोलकाता के लिए सौरभ गांगुली.. लेकिन धोनी, जो स्टारडम के पीक पर थे, घरेलू टीम के बिना थे।' रमन ने आगे कहा, 'उन्होंने फिर चेन्नै को अपना घर बनाया, उस समय आइकन खिलाड़ी को सैलरी निर्धारित नहीं थी और टीम पर सबसे अधिक भुगतान किए जाने वाले खिलाड़ी की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा फीस देनी थी। जब चेन्नै में एक आइकन खिलाड़ी नहीं था, इसलिए अपनी पसंद के खिलाड़ी के लिए बोली लगाने के लिए थोड़ा ज्यादा स्वतंत्र थी। इसलिए धोनी चेन्नै टीम में गए।' 38 वर्षीय धोनी ने अपनी कप्तानी में चेन्नै की टीम को साल 2010, 2011 और 2018 में आईपीएल चैंपियन बनाया। पहले सीजन में भी टीम फाइनल में पहुंची थी लेकिन राजस्थान रॉयल्स के हाथों उसे शिकस्त झेलनी पड़ी।

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