Tuesday, April 28, 2020

वॉर्न को अपने इशारों पर नचाते थे तेंडुलकर: ब्रेट ली April 27, 2020 at 11:01PM

नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज दुनिया के महान बल्लेबाज की बैटिंग तकनीक की तारीफ की है। ली ने एक टीवी कार्यक्रम में बताया कि सचिन दिग्गज स्पिनर के सामने भी इतने मजबूत थे कि वह उन्हें मनचाही जगह शॉट लगाते थे। सचिन और वॉर्न जब खेला करते थे तब उनके बीच की जंग बहुचर्चित हुआ करती थी। अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदगबाज ब्रेट ली ने भी मान लिया है कि इस जंग में जीत लिटिल मास्टर की होती थी। ली ने कहा कि तेंडुलकर ने उनके साथी गेंदबाज को कई बार अपने इशारों पर नचाया है। तेंडुलकर ने वॉर्न के खिलाफ कई यादगार पारियां खेली हैं। उन्होंने वॉर्न के रहते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो 12 टेस्ट मैच खेले उनमें 60 से अधिक औसत से रन बनाए। इसमें 5 शतक और 5अर्धशतक भी शामिल है। वॉर्न की मौजूदगी वाले 17 वनडे में उन्होंने 58.70 की औसत और 5 शतकों की मदद से 998 रन बनाए। ब्रेट ली ने वॉर्न और तेंडुलकर के बीच मुकाबले के अलावा खुद इस स्टार बल्लेबाज का विकेट लेने की खुशी को भी बयां किया। ली ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम 'क्रिकेट कनेक्टेड' में कहा, 'वह (तेंडुलकर) कुछ अवसरों पर विकेट से आगे आकर वॉर्न को शॉर्ट पिच गेंद करने के लिए मजबूर करते थे। कुछ अवसरों पर वह बैकफुट पर जाकर गेंद का इंतजार करते और खूबसूरत शॉट खेलते थे।' इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, 'यह वॉर्न को अपने इशारों पर नचाने जैसा था। शेन वॉर्न के साथ बहुत कम बल्लेबाज ऐसा कर सकते थे क्योंकि वह बेहद प्रतिभाशाली थे। लेकिन कई अवसरों पर सचिन तेंडुलकर ऐसा करते थे।' ली ने कहा कि तेंडुलकर को आउट करने के लिए वॉर्न कई तरह के वैरीएशन भी अपनाते थे लेकिन भारतीय दिग्गज गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटते ही उसका सही अनुमान लगाने में माहिर थे और ऐसे में दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले वॉर्न उनके सामने नाकाम रहे। ब्रेट ली ने कहा, 'सचिन जिस तरह गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटते ही उसे समझ जाते थे और भिन्न तरह की गेंदों को खेलने के लिए भिन्न तकनीक का उपयोग करते थे वह लाजवाब था। वॉर्न कई बार हवा में गेंद को दिशा देने की कोशिश करते थे तो कई बार नहीं। जब भी वह गेंद में वैरीएशन लाते थे कि सचिन उसे समझ लेते थे।' उन्होंने कहा, 'वॉर्न ने दुनिया भर के अन्य बल्लेबाजों को परेशानी में डाला लेकिन सचिन अन्य बल्लेबाजों की तुलना में गेंद का सही अनुमान लगाते थे। वॉर्न को इससे नफरत थी। वह वापस आकर कहते थे कि उन्होंने सचिन को आउट करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए।' वॉर्न 12 टेस्ट मैचों में केवल 3 बार तेंडुलकर को आउट कर पाए थे। ली ने 2003 मेलबर्न में खेले गए 'बॉक्सिंग डे' टेस्ट मैच का भी जिक्र किया, जब उन्होंने पहली बार तेंडुलकर का सामना किया और पहली गेंद पर ही उन्हें विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के हाथों कैच कराया। उन्होंने कहा, 'मैं तब 22 साल का था, जब मुझे लिटिल मास्टर के खिलाफ खेलने का पहला अवसर मिला। मेरी गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर गई और मुझे लगा कि मैंने अपना काम कर दिया। मुझे टेस्ट मैच की परवाह नहीं थी क्योंकि मैं सचिन तेंडुलकर को आउट करके बहुत खुश था।'

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