Tuesday, March 24, 2020

किताबें, इंग्लिश क्लास और फिल्में- यूं मन बहला रहे हॉकी खिलाड़ी March 23, 2020 at 10:58PM

नई दिल्ली बेंगलुरु के साइ सेंटर में ओलिंपिक की तैयारी में जुटे भारतीय हॉकी खिलाड़ी महामारी के कारण परिसर से बाहर नहीं जा सकते। लिहाजा अभ्यास से इतर समय का सदुपयोग वे अंग्रेजी सुधारने, किताबें पढ़ने और अपनी मनपसंद बॉलिवुड फिल्में देखने में बिता रहे हैं। तोक्यो ओलिंपिक के स्थगित होने की पूरी संभावना के बीच भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमों अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही अभ्यास कर रही हैं। पहले इन खिलाड़ियों को ब्रेक मिलना था लेकिन फिर बेंगलुरु स्थित साइ सेंटर ही रहने को कहा गया। खिलाड़ी परिसर से बाहर नहीं जा सकते और ना ही कोई अनधिकृत व्यक्ति परिसर के भीतर आ सकता है। ऐसे में कड़े अभ्यास के बीच मनोरंजन के सभी के अपने तरीके हैं। पुरुष टीम के सीनियर सदस्य गोलकीपर पीआर श्रीजेश किताबें पढ़कर समय काट रहे हैं। उन्होंने कहा, 'वैसे तो हमारा अभ्यास का रूटीन काफी व्यस्त है लेकिन रविवार और बुधवार की शाम अवकाश रहता है। ऐसे में हम फिटनेस और रिकवरी पर ज्यादा ध्यान देते हैं। मैंने दा विंची कोड, हेलर केलर की आत्मकथा पढ़ डाली है और कुछ अच्छी किताबें और पढ़ना चाहता हूं।' केरल के रहने वाले श्रीजेश ने कहा कि ऐसे माहौल में खिलाड़ियों को घर की चिंता होना लाजमी है लिहाजा घरों पर विडियो कॉल की संख्या भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा, 'मेरे पापा 60 से अधिक उम्र के हैं और बच्चे 7 साल से छोटे हैं। मैने उन्हें घर से बिल्कुल बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है।' वहीं जालंधर के रहने वाले भारत के स्टार फॉरवर्ड मनदीप सिंह ने कहा कि सभी खिलाड़ी अपनी अंग्रेजी सुधारने पर जोर दे रहे हैं, जिसके लिए होमवर्क भी मिलता है। उन्होंने कहा, 'क्रिस सिरिएलो (भारतीय टीम के विश्लेषण कोच) की पत्नी सप्ताह में एक बार खिलाड़ियों की अंग्रेजी की क्लास लेती हैं। हमें किताबें पढ़कर असाइमनमेंट करने होते हैं और इसमें मजा आ रहा है। मैं ओलिंपिक पर आधारित किताब पढ़ रहा हूं।' भारतीय महिला टीम की अनुभवी गोलकीपर सविता की मां उन्हें हरियाणा के सिरसा से विडियो कॉल पर रोज कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घरेलू नुस्खा देती हैं। सविता का कहना है कि साइ सेंटर के सुरक्षित माहौल में होने से घरवाले भी निश्चिंत हैं। उन्होंने कहा, 'हम अभ्यास के साथ टीम बॉन्डिंग पर काम कर रहे हैं। वहीं सारे चेहरे रोज होते हैं तो हम रूममेट बदलकर आपसी तालमेल और बेहतर कर रहे हैं। इसके अलावा तैराकी करते हैं। मनोरंजक खेलों की जिम्मेदारी भी कुछ खिलाड़ियों को दी गई है, जो कुछ ना कुछ नए खेल खिलाते हैं।' भारतीय महिला टीम ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन शाम पांच बजे परिसर के भीतर ही तालियां बजाकर के खिलाफ संघर्ष में जुटे लोगों को धन्यवाद दिया था। सविता ने कहा, 'हम बाहर नहीं जा रहे और जाना भी नहीं चाहते लेकिन हमें पता है कि हालात कितने कठिन है। हमें भी लगा कि पूरे देश के साथ इस मुहिम में जुड़ना चाहिए।' टीम की युवा खिलाड़ी नवनीत कौर ने बताया कि खिलाड़ी भी सफाई और दूरी बनाए रखने के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यहां हर जगह हैंडवॉश और सेनिटाइजर रखे हैं। हम जिम भी सेनिटाइज होने के बाद इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा दूरी भी बनाकर रख रहे हैं।' नवनीत ने बताया कि खाली समय में खिलाड़ियों ने मीटिंग रूम में कई मनपसंद फिल्में देख डालीं। उन्होंने कहा, 'आम तौर पर हम बाहर शॉपिंग या मूवी के लिए ही जाते थे। हमने पिछले सप्ताह मिले समय में कई फिल्में देखीं, जिनमें पानीपत, प्यार का पंचनामा, वॉर आदि शामिल थी।'

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