Tuesday, March 31, 2020

कोविड-19: कोच से विडियो कॉल पर टिप्स ले रहे हैं सुशील March 31, 2020 at 05:30PM

नई दिल्ली दिग्गज रेसलर सुशील कुमार ने तीसरे ओलिंपिक्स मेडल की उम्मीद नहीं छोड़ी है। कोरोना के चलते भले ही वह घर में कैद हैं, लेकिन इसके बावजूद वह जितना संभव हो प्रैक्टिस कर लेते हैं। सुशील छत्रसाल स्टेडियम में रहते हैं जहां काफी संख्या में रेसलर्स प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन, इन दिनों दो-चार पहलवान ही स्टेडियम में हैं। बाकी सभी अपने-अपने घर चले गए हैं। मैट प्रैक्टिस नहीं रेसलिंग में प्रैक्टिस के लिए पार्टनर की जरूरत होती है। लेकिन, कोरोना के चलते पहलवानों को प्रैक्टिस पार्टनर नहीं मिल रहे हैं। सुशील ने बताया, 'प्रैक्टिस नहीं कर पाने से काफी दिक्कतें हो रही हैं। रेसलिंग में असली तैयारी तो मैट पर होती है, लेकिन काफी दिनों से मैं मैट पर गया ही नहीं। मैट पर जाऊं तो पार्टनर चाहिए। लेकिन जिस तरह की यह बीमारी है उसमें पार्टनर के साथ प्रैक्टिस कर ही नहीं सकते। फिटनेस बरकरार रखने के लिए घर में ही थोड़ा-बहुत जिम कर लिया करता हूं। मेरे कोच गुरु सतपाल तो हैं दिल्ली में ही लेकिन वह मेरे घर से दूर हैं। ऐसे में जब जरूरत पड़ती है तो मैं उनको विडियो कॉल करके टिप्स ले लिया करता हूं।' डाइट नहीं किया कम रेसलिंग में डाइट का काफी महत्व होता है। हालांकि, अगर रेग्युलर डाइट के बाद पहलवान प्रैक्टिस नहीं करते हैं तो इससे वजन बढ़ने का भी खतरा रहता है। इस बारे में सुशील ने बताया, 'डाइट तो कम कर नहीं सकते क्योंकि इससे कमजोरी हो जाएगी। फिर जब दोबारा प्रैक्टिस शुरू करेंगे तो इसे फिर से हासिल करने में काफी समय लग जाएगा।' तोक्यो टलने से फायदा सुशील अभी ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर सके हैं। उनके भार वर्ग 74 किग्रा में अभी ओलिंपिक्स क्वॉलिफाइंग इवेंट होने हैं। सुशील से जब पूछा कि ओलिंपिक्स को एक साल तक टालने से उन्हें कितना फायदा होगा तो उन्होंने कहा, 'यह केवल मेरे लिए नहीं बल्कि कई ऐथलीट्स के लिए फायदेमंद रहेगा। कई खेलों में ओलिंपिक्स क्वॉलिफाइंग इवेंट अभी होने हैं। ऐसे में उन खिलाड़ियों को मौका मिल जाएगा जिन्हें अब तक लग रहा था कि कहीं उन्हें ओलिंपिक्स से वंचित ना होना पड़ पाए। जहां तक मेरी बात है तो मेरी चोट में काफी सुधार है और इससे मुझे भी पूरी तरह फिट होकर देश के लिए एक और मेडल जीतने का मौका मिल जाएगा।'

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