Tuesday, February 25, 2020

कोहली से पुजारा तक... यूं डिफेंसिव दिखे भारतीय February 25, 2020 at 05:27PM

वेलिंग्टनवेलिंग्टन में पहले टेस्ट में मिली 10 विकेटों की हार के बाद भारतीय कप्तान ने अपने बल्लेबाजों को रक्षात्मक रवैया छोड़ने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि विदेशी दौरों में इस तरह के खेल से कभी फायदा नहीं मिलता। भारत को बेसिन रिजर्व में पहले टेस्ट मैच में दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। वह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर दोनों पारियों में 200 रन तक भी नहीं पहुंच पाया था। इससे पुजारा, रहाणे विहारी ही नहीं, खुद कप्तान विराट कोहली की बैटिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ ज्यादा ही रक्षात्मक दिखे पुजारा दूसरी पारी में तकनीकी तौर पर मंझे हुए बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा बेहद रक्षात्मक दिखे। उन्होंने 81 गेंदों पर महज 11 रन बनाए। ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए। बल्लेबाजी यूनिट किसी भी समय लय हासिल करने में नाकाम रही। पुजारा ने बीच में 28 गेंद तक एक भी रन नहीं बनाया और ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीले शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। पढ़ें- चुनिंदा भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन (पहले टेस्ट में)
बैट्समैन रन औसत स्ट्राइक-रेट
ऋषभ पंत 44 22.00 46.81
विराट कोहली 21 10.50 42.00
अजिंक्य रहाणे 75 37.50 35.21
हनुमा विहारी 22 11.00 22.22
चेतेश्वर पुजारा 22 11.00 17.89
...तो आप आउट होने का इंतजार कर रहे हैंभारतीय कप्तान को यह कतई पसंद नहीं है कि आप दौड़कर एक रन न लो और किसी अच्छी गेंद का इंतजार करो जो आपका विकेट ही ले लेगी। कोहली ने कहा, ‘आपको संदेह पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में एक रन भी नहीं बन रहा है, आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी।’ पढ़ें- विकेट पर घास है तो आक्रामक होना पड़ेगाभारतीय कप्तान को विरोधी टीम पर हावी होने के लिए जाना जाता है और वह चाहते हैं कि उनके कुछ बल्लेबाज भी इसका अनुसरण करें। उन्होंने कहा, ‘मैं परिस्थितियों का आकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं हमलावर तेवर दिखाता हूं ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं।’ कप्तान ने अपनी राय को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है विशेषकर विदेशी पिचों पर।’

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