Saturday, January 15, 2022

रविचंद्रन अश्विन से निराश आकाश चोपड़ा, बोले- आपसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी January 15, 2022 at 12:48AM

नई दिल्ली आकाश चोपड़ा ने साउथ अफ्रीका के साथ समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में (Ravichandran Ashwin) के प्रदर्शन पर निराशा जाहिर की है। अश्विन सीरीज के तीसरे मैच में विकेट हासिल नहीं कर पाए। इस बात से पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज काफी निराश दिखे। साउथ अफ्रीका में खेली गई तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में अश्विन ने 64.1 ओवर बॉलिंग की। उन्होंने इस दौरान सिर्फ तीन विकेट हासिल किए। इसमें से दो बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में लिए थे। अपने यूट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा ने कहा कि अश्विन का विकेट न ले पाना भी सीरीज में भारत की हार की एक वजह रही। चोपड़ा ने कहा, 'रविचंद्रन अश्विन से काफी उम्मीदें थीं। मेरी राय में अश्विन का विकेट न ले पाना, खास तौर पर चौथी पारी में... मुझे लगता है कि इससे भारतीय टीम को काफी नुकसान हुआ।' क्रिकेटर से कॉमेंटेटर बने चोपड़ा ने कहा कि अश्विन के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव देखा गया। वह सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए लेकिन बल्ले से भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। उन्होंने कहा, 'जडेजा वहां नहीं थे, तो अश्विन का खेलना तय था। उन्हें नंबर सात पर बल्लेबाजी करनी थी, तो उनसे रनों की उम्मीद थी। उन्होंने एक अच्छी पारी भी खेली। 46 रन बनाए। पर क्या उन्होंने हर बार रन बनाए- नहीं, क्या वह हर बार रन बनाएंगे, नहीं।' अश्विन ने छह पारियों में कुल 89 रन बनाए। तीन मैचों की सीरीज में उनका हाईऐस्ट 46 रन का रहा जो उन्होंने वॉन्डर्स की पहली पारी में बनाए थे। अश्विन और जडेजा की प्रतिस्पर्धा पर भी चोपड़ा ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अगर अश्विन विदेशी मैदानों पर विकेट नहीं लेते हैं तो जडेजा को ही टीम में जगह मिलेगी।' उन्होंने कहा, 'चूंकि जडेजा और अश्विन में मुकाबला है तो आपको हमेशा विकेट लेने होंगे। अगर आपको बल्लेबाजी के आधार पर किसी को चुनना पड़े तो फिर जडेजा की जगह बनती है। अगर आपको गेंदबाजी के आधार पर चुनना है, तो उन दोनों का प्रदर्शन बराबर ही है।' चोपड़ा ने माना कि विदेशी पिचें अश्विन के मुफीद नहीं होतीं लेकिन उन्होंने माना कि इसके बावजूद वह कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए। उन्होंने कहा, 'मैं थोड़ा निराश हूं। मुझे काफी उम्मीदें थीं। मुझे लगता था कि वह कुछ करेंगे, वह कुछ अधिक योगदान देंगे। फिर चाहे वह जोहानिसबर्ग की पिच हो या फिर केपटाउन का विकेट। बेशक, वहां पिचें बहुत ज्यादा टर्न नहीं होंगे लेकिन गेंद से उनका योगदान कुछ भी नहीं था।'

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