Friday, January 29, 2021

इंग्लैंड को हराकर जब सचिन को युवी ने गोद मे उठाया.. देखें- 5 सबसे यादगार टेस्ट January 28, 2021 at 10:19PM

भारत और इंग्लैंड के बीच काफी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलती है। साल 1932 में सीके नायुडू की कप्तानी में भारतीय दल ने इंग्लैंड का दौरा किया था और एक टेस्ट मैच खेला। हालांकि तब इंग्लैंड ने 158 रनों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इंग्लैंड ने फिर 1933-34 में भारत का दौरा किया और 3 टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से जीती।

भारत और इंग्लैंड के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज 5 फरवरी से होना है। दोनों टीमें कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं। इससे पहले भारतीय सरजमीं पर भारत और इंग्लैंड के बीच 5 यादगार टेस्ट मैचों पर डालते हैं एक नजर..


IND vs ENG: भारतीय सरजमीं पर इंग्लैंड और भारत के बीच 5 सबसे यादगार टेस्ट

भारत और इंग्लैंड के बीच काफी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलती है। साल 1932 में सीके नायुडू की कप्तानी में भारतीय दल ने इंग्लैंड का दौरा किया था और एक टेस्ट मैच खेला। हालांकि तब इंग्लैंड ने 158 रनों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इंग्लैंड ने फिर 1933-34 में भारत का दौरा किया और 3 टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से जीती।



​1933 - मुंबई में सीरीज का पहला टेस्ट, इंग्लैंड 9 विकेट से जीता
​1933 - मुंबई में सीरीज का पहला टेस्ट, इंग्लैंड 9 विकेट से जीता

यह भारत में पहला टेस्ट मैच था। चार दिन चले इस मुकाबले में इंग्लैंड ने नौ विकेट से जीत हासिल की। लेकिन इस मैच को लाला अमरनाथ के शतक के लिए भी याद किया जाता है। वह भारत की ओर से टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज थे। भारत की दूसरी पारी में उन्होंने 118 रन बनाए थे। उन्होंने कप्तान सीके नायुडू (67) के साथ मिलकर 186 रन की साझेदारी की थी।



​1952- चेन्नै में पांचवां टेस्ट- भारत ने पारी और 8 रन से जीत हासिल की
​1952- चेन्नै में पांचवां टेस्ट- भारत ने पारी और 8 रन से जीत हासिल की

भारत की इंग्लैंड के खिलाफ यह पहली टेस्ट जीत थी। यह जीत पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में मिली। वीनू मांकड ने 55 रन देकर 8 विकेट लिए और इंग्लैंड को 266 पर रोक दिया। पंकज रॉय ने 111 और पॉली उमरीगर ने नाबाद 130 रन बनाए। भारत ने अपनी पहली पारी 9 विकेट पर 457 रन पर घोषित की। जवाब में इंग्लैंड 183 रन पर ऑल आउट हो गई थी। दूसरी पारी में गुलाम अहमद और मांकड ने 4-4 विकेट लिए। इस जीत के साथ पांच मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर रही।



​1984-85: कोलकाता में तीसरा टेस्ट- मैच ड्रॉ
​1984-85: कोलकाता में तीसरा टेस्ट- मैच ड्रॉ

इस मैच में जो विवाद हुआ उसका कारण पिछला मैच था। सुनील गावसकर की कप्तानी में भारत ने मुंबई में सीरीज का पहला मैच 8 विकेट से जीता था। दिल्ली में सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था। भारत ने अपने आखिरी छह विकेट सिर्फ 28 रन पर खो दिए थे। संदीप पाटिल (41) और कपिल देव (7) खराब शॉर्ट खेलकर आउट हुए। इसे मैच में भारत की हार का मुख्य कारण बताया गया। कोलकाता में कपिल देव को प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप किया गया। पाटिल को भी जगह नहीं मिली। लेकिन इसके बाद काफी विवाद हुआ। नो कपिल-नो टेस्ट के पोस्टर और नारे लगे। लोगों ने महान ऑलराउंडर को अंतिम 11 में नहीं रखने पर सुनील गावसकर का विरोध किया। कपिल के करियर में कोलकाता का वह मैच इकलौता टेस्ट था जिसमें वह नहीं खेले थे। हालांकि गावसकर ने कई बार कहा है कि कपिल को टीम से बाहर करने का फैसला उनका नहीं बल्कि सिलेक्टर्स का था। इस बीच के बीच भारत को एक क्लासिकल बल्लेबाज मिल गया। नाम था मोहम्मद अजहरुद्दीन। उन्होंने अपने पहले टेस्ट में सेंचुरी लगाई। इसके बाद अगले दो मैचों में भी उन्होंने शतक जड़ा। यह रेकॉर्ड अब तक कायम है।



​2008- चेन्नै में पहला टेस्ट, भारत छह विकेट से जीता
​2008- चेन्नै में पहला टेस्ट, भारत छह विकेट से जीता

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के बाद इंग्लैंड टीम दौरा बीच में ही छोड़ गई थी। लेकिन दिसंबर में वह टेस्ट सीरीज खेलने वापस आई। सचिन तेंडुलकर ने कहा था कि इंग्लैंड ने वापस आकर बड़ा दिल दिखाया था। भारत ने इस टेस्ट मैच में 387 रन का रेकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया था। इस मैच में इंग्लैंड ने लंबे समय तक भारत पर दबाव बनाए रखा। ऐंड्रू स्ट्रॉस और पॉल कॉलिंगवुड ने सेंचुरी लगाई। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 9 विकेट पर 311 के स्कोर पर घोषित कर दी। उन्हें नहीं लगता था कि भारत यह लक्ष्य हासिल करेगा। गौतम गंभीर और वीरेंदर सहवाग की जोड़ी ने तेज शुरुआत की। सिर्फ 108 गेंद पर 100 रन की साझेदारी कर ली। सहवाग ने इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा दीं। सिर्फ 32 गेंद पर उन्होंने हाफ सेंचुरी पूर की ली। उन्होंने 68 गेंद पर 83 रन की पारी खेली। गंभीर ने भी 66 रनों का योगदान दिया। भारत का स्कोर दो विकेट पर 141 रन था जब राहुल द्रविड़ (4) रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद गंभीर का साथ देने सचिन तेंडुलकर आए। तेंडुलकर ने हाफ सेंचुरी पूरी की और वीवीएस लक्ष्मण के साथ स्कोर को 200 के पार ले गए। युवराज सिंह (85*) के साथ मिलकर तेंडुलकर ने भारत को एक यादगार जीत दिलाई। सचिन ने विनिंग शॉट लगाकर सेंचुरी पूरी की। युवराज ने जीत के बाद सचिन को गोद में उठा लिया। सचिन ने (103*) रन की अपनी पारी को मुंबई हमलों में शहीद होने वालों को समर्पित किया।



​2012- मुंबई में दूसरा टेस्ट, इंग्लैंड 10 विकेट से जीता
​2012- मुंबई में दूसरा टेस्ट, इंग्लैंड 10 विकेट से जीता

इंग्लैंड ने 2012-13 में भारत में टेस्ट सीरीज जीती थी। भारत ने अहमदाबाद में पहला टेस्ट मैच 9 विकेट से जीता था, लेकिन केविन पीटरसन के शानदार 186 रन की मदद से इंग्लैंड ने मुंबई में दूसरा टेस्ट 10 विकेट से जीता। पीटरसन ने कप्तान एलिस्टर कुक (122) के साथ मिलकर भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को खूब परेशान किया। भारत ने तेज गेंदबाज के रूप में सिर्फ जहीर खान को खिलाया और साथ ही तीन स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन, हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा को खिलाया। सबकी पीटरसन ने जमकर खबर ली।



No comments:

Post a Comment