Monday, January 11, 2021

पंत ने चार महीने में घटाया 10 किलो वजन, ऑफ साइड के खेल में किया सुधार January 11, 2021 at 08:02PM

अरानी बसु, नई दिल्ली ने जिस तरह नाथन लायन के खिलाफ आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की उसने उनके फर्स्ट-क्लास डेब्यू की याद ताजा कर दी। 2015 में पंत ने बंगाल के खिलाफ फिरोजशाह कोटला में इसी अंदाज में बल्लेबाजी की थी। चौथे दिन की पिच पर इस 18 साल के लड़के ने बेफिक्र होकर बल्लेबाजी की। अनुभवी स्पिनर प्रज्ञान ओझा भी पंत पर लगाम नहीं लगा पाए। हालांकि इसके लिए उन्होंने लॉन्ग-ऑफ, लॉन्ग-ऑन, थोड़ा सा सीधा डीप-मिडविकेट और डीप स्क्वेअर लेग रखा हुआ था। इस फील्ड के बावजूद पंत लगातार आगे बढ़कर खेल रहे थे और ओझा की गेंदबाजी पर सीधे शॉट लगा रहे थे। उन्होंने बाद में कहा था, 'अगर मुझे लगता है कि मैं किसी गेंद पर सिक्स मार सकता हूं तो मैं ऐसा करने की पूरी कोशिश करूंगा, फिर चाहे फील्ड कोई भी हो।' सोमवार को पंत ने जिस अंदाज मं बल्लेबाजी की, वहां तक का सफर बहुत आसान नहीं रहा है। उनके सिर पर हमेशा तलवार लटकी रहती है। उनके हर शॉट पर सबकी गहरी नजर होती है। सितंबर में टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने तो यहां तक कहा था कि पंत को बेफिक्र और लापरवाह में अंतर समझने की जरूरत है। 97 रनों की धमाकेदार पारी के बाद ऐसा लगता है कि शायद टीम प्रबंधन अब उनके खेल की तारीफ जरूर करेगा। कप्तान अजिंक्य रहाणे ने इसकी पुष्टि की और कहा: बेशक, उनमें एक्स-फैक्टर है। उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजना हमारी रणनीति का हिस्सा था ताकि स्कोरकार्ड चलता रहे। हमें पता है कि वह किसी भी परिस्थिति से मैच जितवा सकते हैं और वह बल्ले और दस्तानों, दोनों से लगातार बेहतर हो रहे हैं। टीम प्रबंधन का भरोसा हासिल करना इतना आसान भी नहीं था। 2020 में पंत तीनों प्रारूपों से बाहर हो चुके थे। और जब लॉकडाउन के बाद आईपीएल के साथ खेल दोबारा शुरू हुआ तो पंत के सामने फिटनेस का बड़ा सवाल था। इसका संबंध मोटे तौर पर उनके वजन के साथ था। इस बीच वह बल्ले से भी अपना फॉर्म हासिल करने में जुटे थे। उनके बचपन कोच तारक सिन्हा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'लॉकडाउन के दौरान वह रुड़की में अपने घर में फंस गए थे। उनके पास ट्रेनिंग की वैसी सुविधाएं नहीं थीं जैसी भारतीय टीम के एक खिलाड़ी के पास होनी चाहिए। लेकिन आईपीएल के लिए दुबई पहुंचने के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की।' आईपीएल के दौरान वह सख्त डायट पर रहे। पंत ने अपने क्रिकेटिंग हुनर को मांजने के लिए जितनी मेहनत की, वजन कम करने के लिए भी उन्होंने काफी पसीना बहाया। उन्होंने पिछले चार महीनों में कम से कम 10 किलो वजन किया है। उनका लक्ष्य अभी और वजन घटाने का है। कई बार ऐसा भी हुआ कि वह अपने शॉट्स में जरूरी ताकत नहीं डाल पाए क्योंकि वह डायट पर थे और वजन कम करने की राह पर चल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उन्होंने क्रिकेट ट्रेनिंग को पीछे रखा और सख्ती से फिटनेस हासिल करने में जुट गए। फिटनेस से ज्यादा तारक सिन्हा को उनके बैट फ्लो की चिंता थी। उन्होंने बताया, 'मुझे पता है कि वह दोबारा फिटनेस हासिल कर लेंगे लेकिन जरूरी है कि उनका बैट फ्लो ठीक हो जाए। वह इतना कन्फ्यूज हो गए थे कि वह जरूरत से ज्यादा संभलकर खेल रहे थे और इसी वजह से आईपीएल में वह डिफेंसिव माइंडसेट में चले गए थे। फिटनेस और आत्मविश्वास आने के बाद उनकी विकेटकीपिंग में भी सुधार होगा।' आईपीएल के दौरान उन्होंने फैसला किया कि उन्हें अपने ऑफ-साइड के खेल में सुधार करना होगा। वह अपना समय ले सकते थे क्योंकि दिल्ली कैपिटल्स उस समय काफी अच्छा कर रही थी। उन्होंने पॉश्चर और ग्रिप में सुधार किया। इसके बाद कुछ ही समय में वह अच्छी तरह ड्राइव लगाने लगे। आईपीएल के बीच में ही पंत ने खुद को दुनिया से अलग कर लिया। 'खुश रहो' यही उनकी जिंदगी का मकसद बन गया था। वह बहुत कम लोगों से मिल रहे थे ताकि जरूरत से ज्यादा सलाह उन्हें न मिलें। सिन्हा ने दावा किया, 'हमने उन्हें सलाह दी कि वह खुश रहें और उसी तरह खेलें जैसा कि बचपन से खेलते आए हैं।' पंत आखिर बल्ले से रंग दिखाने लगे। अब, अगर वह इसी सुधार को विकेटकीपिंग में भी ले जाएं, तो भारतीय टीम प्रबंधन कुछ समय के लिए सुकून से रह सकता है।

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