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नई दिल्ली विनेश फोगाट ओलिंपिक में भारत के लिए पदक जीतने की प्रबल दावेदार थीं। इस महिला पहलवान से उम्मीद थी कि वह रियो की हार को भुलाकर तोक्यो में पदक के साथ लौटेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालांकि इसके बाद जो हुआ वह अधिक दुखद था। विनेश पर अनुशासनहीनता के आरोप लगे। उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद तमाम तरह की अटकलें चलने लगीं। इन सब पर अब विनेश ने जवाब दिया है। इसके साथ ही इस पहलवान ने इशारों ही इशारों में कुश्ती से ब्रेक लेने की भी बात कही। विनेश ने कहना था कि वह तोक्यो ओलिंपिक के बाद हो रही आलोचनाओं और सवालों के मद्देनजर कुश्ती से ब्रके ले सकती हैं। उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर भी आरोप लगाए। इसके साथ ही चोट के साथ अपने संघर्ष, फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उन्होंने तमाम मुद्दों पर बात की। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में विनेश ने लिखा, 'मैंने कुश्ती को सब कुछ दिया और अब यह छोड़ने का सही समय है। लेकिन वहीं दूसरी ओर अगर मैंने छोड़ दिया और मैं नहीं लड़ी, तो यह मेरी ज्यादा बड़ी हार होगी।' विनेश ने लिखा कि कुश्ती के मुकाबले के दिन उनके शरीर में दर्द था। इसके साथ ही उस दिन वजन कम करने को लेकर उनके संघर्ष को भी उन्होंने बयान किया। इतना ही नहीं विनेश ने पहले हुए कोविड और सिर की एक पुरानी चोट का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, '2017 में मुझे कनकशन हुआ था। तब से मैं इससे पीड़ित हूं। चीजें धुंधली हो जाती हैं। यह काफी कम हो गया है लेकिन जब सिर किसी चीज से टकराता है तो यह वापस लौट आता है।' विनेश ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि WFI ने उन्हें उनका फिजियो साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जो फिजियो दिया गया था वह शूटिंग टीम का फिजियो था। वह उनके शरीर को समझता नहीं था। उन्होंने कहा कि वजन कम करने को लेकर इतना संघर्ष कर रही थी कुश्ती के लिए जाते समय बस में उन्होंने उल्टी कर दी थी। विनेश के मुताबिक इसके बाद उन्होंने अपने पुराने फिजियो को फोन करके पूछा था कि क्या किया जाए। उन्होंने कहा कि कुश्ती वाले दिन वह फिजियो को समझा रही थीं कि क्या करना चाहिए। विनेश ने कहा कि क्या ऐसा होना चाहिए। उन्होंने हालांकि कहा कि वह उस फिजियो की आलोचना भी नहीं करना चाहतीं क्योंकि यह सही नहीं होगा। विनेश ने अपने कॉलम में लिखा, 'मैं 2-3 दिन इससे दूर रहना चाहती थी। ताकि यह आश्वस्त हो सके कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। इसमें क्या बड़ी बात है? 2-3 दिन बाद मैं उनके साथ जाने वाली थी और यहां तक कि सीमा बिस्ला के साथ ट्रेनिंग भी करने वाली थी। तो ऐसे में मेरे टीम-प्लेयर न होने का सवाल ही नहीं उठता।' विनेश ने यह भी बताया कि साल 2019 में वह डिप्रेशन से जूझ रही थीं। यह तब की बात है जब उन्होंने अपनी वेट कैटेगिरी कम की थी। इसके बाद से उन्हें नींद को लेकर समस्या है। उन्होंने कहा कि तोक्यो ओलिंपिक के बाद उन्हें और उनकी टीम को जिस तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है उससे हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। उन्होंने कहा, 'अब मुझे रोने में भी दिक्कत है। मेरी मेंटल स्ट्रेंथ जीरो है। उन्होंने मुझे मेरी हार पर दुख भी नहीं मनाने दिया। हर कोई हाथ में चाकू लेकर तैयार बैठा है।' विनेश ने अपने कोच वूलर अकोस और बाकी पूरे सपॉर्ट स्टाफ का बचाव किया। उन्होंने बीते तीन साल की अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी टीम को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मेंटल हेल्थ पर बात करना भारतीय ऐथलीट्स के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, 'हम सिमोन बाइल्स की बात की तारीफ करते हैं। जब वह कहती हैं कि मैं ओलिंपिक में उतरने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं। वह अपने इवेंट में नहीं उतरतीं। जरा सोचिए ऐसा अगर भारत में होता। रेसलिंग छोड़ने की बात तो रहने ही दीजिए सिर्फ इतना कहने की कोशिश कीजिए मैं तैयार नहीं हूं।' विनेश ने कहा कि किसी ने उनसे पूछने की कोशिश नहीं की कि आखिर मैट पर क्या हुआ। सबने अपने आप फैसले लेने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि मैट पर क्या हुआ यह मैं ही बेहतर बता सकती हूं।
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