Thursday, May 7, 2020
मिसबाह-उल-हक चाहते हैं जल्द क्रिकेट की शुरुआत May 07, 2020 at 07:15PM
जर्मनी में फंसा दिग्गज, पत्नी और बेटा कर रहे इंतजार May 07, 2020 at 07:59PM
57 की उम्र में कमबैक, महान बॉक्सर को आप भी करेंगे सलाम May 07, 2020 at 06:43PM
सोहेल के बयान पर अकरम का जवाब, कहा- संन्यास के 17 साल बाद भी लोग मेरे नाम का इस्तेमाल खुद को आगे बढ़ाने में कर रहे May 07, 2020 at 06:15PM
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने पूर्व बल्लेबाज आमिर सोहेल के एक बयान के जवाब में कहा कि आज भी कुछ लोग खुद को आगे बढ़ाने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अकरम ने एक वेब शो पर यह बात कही।
सोहेल ने अकरम पर आरोप लगाया था कि 1992 के बाद से उनकी वजह से ही पाकिस्तान आज तक कोई वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया है।
लोग चर्चा में बने रहने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करते: अकरम
अकरम ने वेब शो में इसी आरोप पर जवाब देते हुए कहा- जब भी मैं अपने बारे में इस तरह की नकारात्मक बातें सुनता हूं तो बहुत दुखी हो जाता हूं। मुझे क्रिकेट छोड़े हुए 17 साल हो गए हैं। लेकिन फिर भी कुछ लोग चर्चा में बने रहने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी ऐसी बातें कर सकता हूं। लेकिन फिर सोचता हूं कि इसका क्या फायदा। इसलिए चुप्पी साध लेता हूं।
'अकरम ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जीतने नहीं दिया'
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सोहेल ने अकरम पर निशाना साधते हुए कहा था कि 1996 और 1999 के वर्ल्ड कप में कप्तान और 2003 के टूर्नामेंट में बतौर सीनियर खिलाड़ी उनकी भूमिका यही थी कि पाकिस्तान कभी 1992 की तरह दोबारा विश्व कप नहीं जीत पाए।
'सलीम मलिक सरल कप्तान थे'
सोहेल ने कहा था कि यह बहुत आसान है, 1992 वर्ल्ड कप को एक तरफ रखकर अगर 1996 वर्ल्ड कप की बात करें तो इस टूर्नामेंट से एक साल पहले यानी 1995 में रमीज राजा कप्तान थे, उससे पहले सलीम मलिक के पास यह जिम्मेदारी थी, वो काफी सफल कप्तान थे। वो अगर एक साल और कप्तानी कर लेते तो वसीम अकरम को शायद कप्तानी करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
अकरम जिम्मेदारी अच्छे से निभाते तो पाकिस्तान 1996 में विश्व चैम्पियन होता: सोहेल
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप देखें तो 2003 तक हर वर्ल्ड से पहले यही होता रहा कि मौजूदा कप्तान को हटाकर वसीम अकरम को टीम की कमान सौंप दी जाए।
अगर वह अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाते तो पाकिस्तान 1996 और 1999 में वर्ल्ड कप जरूर जीतता। इन दोनों विश्व कप में पाकिस्तान के कप्तान अकरम ही थे। 1996 में पाकिस्तान क्वार्टरफाइनल से ही बाहर हो गया था। तब भारत ने उसे हराया था। वहीं 3 साल बाद इंग्लैंड में हुए विश्व कप में टीम फाइनल तक पहुंचीं थी। लेकिन खिताब नहीं जीत सकी। तब ऑस्ट्रेलिया ने उसे शिकस्त दी थी।
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फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू जनवरी-मार्च में 84% घटकर 292 करोड़ रु. रह गया, पिछले साल की इसी तिमाही में 1845 करोड़ था May 07, 2020 at 04:48PM
कोरोनावायरस की वजह से फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च के बीच में 84 फीसदी घटकर 39 मिलियन डॉलर (292 करोड़ रुपए) रह गया। पिछले साल की इसी तिमाही में रेवेन्यू 246 मिलियन डॉलर यानी करीब 1845 करोड़ रुपए था। फार्मूला वन की पैरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इस दौरान लिबर्टी मीडिया का रेवेन्यू भी 200 मिलियन डॉलर (करीब 1511 करोड़ रु.) घट गया। वहीं, लीग के संचालन का घाटा भी पिछले साल के 47 मिलियन डॉलर (352 करोड़ रुपए) से बढ़कर 137 मिलियन डॉलर (1027 करोड़ रुपए) हो गया।
5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से फॉर्मूला-1 सीजन शुरू होगा
कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल सीजन शुरू नहीं हो पाया है। 10 रेस या तो रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी 5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से सीजन शुरू होगा।
दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से रेस शुरू होने की उम्मीद है। इसे हम दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान हमारा लक्ष्य 15 से 18 रेस कराना है। हालांकि, इस दौरान दर्शक मौजूद रहेंगे या नहीं, फिलहाल ये तय नहीं हो पाया है।
अमेरिकी कंपनी के पास 3 साल से फॉर्मूला-1 का स्वामित्व
अमेरिकी अरबपति जॉन मालोन के स्वामित्व वाले लिबर्टी मीडिया के पास 2017 से फॉर्मूला वन का मालिकाना हक है। कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा ग्रां प्री रेस के आयोजकों द्वारा चुकाई गई फीस, ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सरशिप से आता है। लेकिन कोरोना की वजह से एफ-वन रेस पूरी तरह बंद है। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट से बंधे होने की वजह से इस अमेरिकन ग्रुप को अलग-अलग टीमों को 1.5 बिलियन डॉलर की राशि देनी पड़ी।
लिबर्टी मीडियाके स्टॉक की वैल्यू 33 फीसदी कम हुई
इस बीच, गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डैक में लिबर्टी मीडियाके शेयर में 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस साल की शुरुआत से कंपनी के स्टॉक की कीमत 33 फीसदी कम हो गई है।
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इंग्लिश क्रिकेटरों को 9 हफ्ते तक परिवार से दूर रहना होगा, तब टीम में जगह मिलेगी May 07, 2020 at 03:13PM
इंग्लैंड की क्रिकेट टीम को जुलाई से मैदान पर उतरना है। टीम को वेस्टइंडीज और पाकिस्तान से छह टेस्ट मैच खेलने हैं। खिलाड़ियों को बोर्ड की ओर से सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं। टीम में चुने जाने वाले संभावित खिलाड़ियों को 9 हफ्ते परिवार से दूर रहना होगा। रोज उन्हें शरीर का तापमान और स्वाब चेक कराना होगा।
कप्तान जो रूट और टीम के खिलाड़ियों को इस बारे में जानकारी दी गई। 8 जुलाई से शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले 30 खिलाड़ियों को चुना जा सकता है।
बिना फैंस के मैच कराए जा सकते हैं
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को सरकार की ओर से दिए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में इंतजार करना होगा। बोर्ड दो मैदान एजिअस बाउल और ओल्ड ट्रैफर्ड का उपयोग करेगा। इसके एक ओर होटल है। रिस्क को कम करने के लिए बिना फैंस के मैच कराए जा सकते हैं। सभी खिलाड़ियों को 23 जून को इकट्ठा होना है। उन्हें अगस्त तक साथ में रहना होगा।
टेस्ट के बाद छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग करेंगे खिलाड़ी
टेस्ट के बाद खिलाड़ी छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग करेंगे। टीमों को अलग-अलग मैदान पर प्रैक्टिस की सुविधा दी जाएगी। इंग्लैंड को खिलाड़ियों को रोटेट करना होगा क्योंकि उन्हें 7 हफ्ते में 6 टेस्ट खेलने हैं। संक्रमण का स्तर कम होने पर पाक सीरीज के पहले घर जाने की अनुमति मिल सकती है।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मई के अंत से ट्रेनिंग कर सकते हैं
इधऱ, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) महीने के अंत से ट्रेनिंग की तैयारी कर रहा है। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. जान आर्चर्ड और स्पोर्ट साइंस व स्पोर्ट्स मेडिसिन के हेड एलेक्स कोंटूरिस रणनीति बना रहे हैं।
कोंटूरिस ने कहा- वायरस के कारण पैदा हुई स्थिति का क्रिकेट जैसे खेल की ट्रेनिंग पर अधिक असर नहीं पड़ेगा। नेट्स पर खिलाड़ियों के बीच दूरी होती है। प्रत्येक नेट पर 2-3 गेंदबाज होते हैं। एक बार में एक गेंदबाज गेंद फेंकता है, बल्लेबाज 22 गज की दूरी पर होता है इसलिए यह बड़ी समस्या नहीं है।
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देश में खेल से जुड़े सामान के बाजार को 4700 करोड़ के घाटे की आशंका, अगले साल मार्च में ही हालात सुधरने की उम्मीद May 07, 2020 at 03:01PM
कोरोनावायरस से देश का स्पोर्ट्स मार्केट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गर्मी में समर कैंप और अन्य खेलकूद की गतिविधियां होती थीं। वे भी लॉकडाउन के कारण शुरू नहीं हुईं। खेल के व्यापार और बाजार से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो देश में खेल से जुड़े सामान की इंडस्ट्री को 4700 करोड़ रु. का नुकसान होने की आशंका है। इसमें देश में बिकने वाले सामान के अलावा निर्यात होने वाले सामान की भी हिस्सेदारी है।
लॉकडाउन से संकट खड़ा हुआ
जालंधर मेंपूरे देश का 70% स्पोर्ट्स गुड्स बनता है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इंडस्ट्री की हालत अब मार्च में ही सुधरेगी। मेरठ के हिंद स्पोर्ट्स के मालिक कुलदीप सिंंह कहते हैं, ‘इस साल ओलिंपिक सहित कई बड़े स्पोर्ट्स इवेंट होने वाले थे। मांग ज्यादा रहती इसलिए मार्केट भी पूरी तरह से तैयार था। लेकिन लॉकडाउन से संकट खड़ा हो गया। इससे उबरने में पूरा एक साल लगने वाला है।’
देश के खेल सामान का 60% निर्यात होता है
भारतीय स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चररर्स के अनुसार, देश में बनने वाले खेल सामान का 60% निर्यात होता है। मेरठ से निर्यात होने वाले सामान का हिस्सा 45% है। अप्रैल में मेरठ की कंपनियों को 200 करोड़ का नुकसान हुआ है।
अकेले मेरठ-जालंधर में 50 लाख मजदूर
जालंधर और मेरठ में कुल 4 हजार से ज्यादा कंपनियां है। ये इंडस्ट्री कुल 319 खेल सामग्री का निर्माण करती हैं। यहां करीब 50 लाख मजदूर-कारीगर काम करते हैं। इन्हें एक दिन की मजदूरी 300-400 रुपए मिलती है।
नुकसान की राज्यवार स्थिति
राज्य | कितना नुकसान (रुपए में) |
महाराष्ट्र | 200 करोड़ |
राजस्थान | 150 करोड़ |
मध्यप्रदेश | 150 करोड़ |
पंजाब | 100 करोड़ |
गुजरात | 100 करोड़ |
उत्तरप्रदेश | 60 करोड़ |
प.बंगाल | 50 करोड़ |
छत्तीसगढ़ | 40 करोड़ |
2 हजार करोड़ के क्रिकेट मार्केट का विकेट गिरा
इस साल क्रिकेट के सामान की बहुत ज्यादा खपत होने वाली थी क्योंकि आईपीएल के अलावा टी20 वर्ल्ड कप भी होना था। लेकिन इनके आयोजन पर संकट है। ऐसे में क्रिकेट के बाजार को दो हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसमें भी क्रिकेट गुड्स की कंपनियों का 1300 करोड़ का स्पोर्ट्स इक्विपमेंट निर्यात होने वाला था।
ये सामान बनकर गोदामों में पड़ा
सामान | संख्या |
बल्ले | 3.5 लाख |
गेंद | 2.7 लाख |
विकेट | 80 हजार |
पैड्स | 90 हजार |
ग्लव्स | 1 लाख |
हेलमेट | 1.25 लाख |
किट | 2 लाख |
अन्य खेलों के मार्केट को 1500 करोड़ रु. का घाटा
फुटबॉल, बैडमिंटन, शतरंज, हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स, टेटे, वॉलीबॉल, फेंसिंग आदि खेलों का सामान बनाने वाले कारोबारियों के 1500 करोड़ डूबने की आशंका है। निर्यात न होने से इन खेलों का सामान भी गोदामों में भरा है। स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनियों को भी 500 करोड़ का नुकसान हुआ है।
इन खेलों के बाजार को बड़ा नुकसान
खेल | नुकसान (करोड़ रु. में) |
क्रिकेट | 2000 |
फुटबॉल | 1200 |
टेनिस | 500 |
बास्केटबॉल | 300 |
बॉक्सिंग औरफेंसिंग | 200 |
स्पोर्ट्स वियर | 500 |
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पार्थिव का खुलासा- मैथ्यू हेडन ने धमकी दी थी अगर दोबारा छेड़ा तो मुंह पर मुक्का मार दूंगा May 07, 2020 at 01:51AM
भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडल की दोस्ती और हल्की-फुल्की लड़ाई को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि एक समय 2004 की वनडे सीरीज के एक मैच में मेरे जश्न मनाने के तरीके से हेडन चिढ़ गए थे और उन्होंने मुझे मुंह पर मुक्का मारने की धमकी दी थी। मेरे जश्न मनाने के तरीके से वे चिढ़ गए थे, लेकिन आज सबकुछ ठीक है। पार्थिव ने कहा कि वे और हेडन अब बहुत अच्छे दोस्त बन चुके हैं। दरअसल, दोनों ही खिलाड़ी आईपीएल की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए साथ खेल चुके हैं।
पार्थिव ने रेडियो प्रोग्राम में 2004 की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आईपीएल में एक साथ खेलने के बाद हेडन मेरे बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं। साथ ही आईपीएल के बाद हेडन ने पार्थिव को डिनर के लिए ऑस्ट्रेलिया में अपने घर पर बुलाया भी था।
पार्थिव ने हेडन को आउट होने के बाद चिड़ाया था
उन्होंने 2004 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन में मैच खेला जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया की हालत खराब थी। हेडन शतक बना चुके थे। तभी इरफान पठान ने उन्हें आउट कर दिया। मैं ग्राउंड में ड्रिंक्स लेकर जा रहा था। हेडन मेरे बगल से गुजरे तभी मैं जश्न मनाते हुए ‘हू-हू’ करने लगा। वे गुस्सा हो गए।’’
हेडन की धमकी के बाद पार्थिव ने सॉरी कहा था
भारतीय विकेटकीपर ने कहा, ‘‘जब वे (हेडन) आउट होकर ब्रिसबेन के ड्रेसिंग रूम पहुंचे, तो उन्होंने मुझे काफी कुछ कहा। उन्होंने कहा कि अगर फिर से मैंने उन्हें छेड़ा तो वे मुझे मुंह पर मुक्का मार देंगे। मैने उनकी बातों का जवाब नहीं दिया और उन्हें सॉरी बोलकर चला गया।’’ पटेल ने कहा कि आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलने के दौरान दोनों अच्छे दोस्त बन गए। दोनों एक साथ चेन्नई सुपर किंग्स के लिए पारी की शुरूआत करते थे।
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एआईबीए की बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को चेतावनी, कहा- जुर्माने की राशि न जमा करने पर मान्यता रद्द होगी May 06, 2020 at 11:57PM
एम्योचोर इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) के अंतरिम अध्यक्ष मोहम्मद मुस्ताहसाने ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया(बीएफआई) को चेतावनी दी अगर उसने जल्द ही जुर्माने की राशि नहीं जमा की तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
पिछले महीने ही एआईबीए ने भारत से 2021 में होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की मेजबानी छीन ली थी। साथ ही5 लाख डॉलर (3 करोड़ 70 लाख रुपए) जुर्माना भी लगाया था।एआईबीए का कहना था कि बीएफआई ने मेजबानी की फीस निर्धारित तारीख तक नहीं भरी।
यह था विवाद
इंटरनेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन ने 2021 में होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए पहली परबीड 2017 में निकाली थी। उस समय मेजबानी की फीस 41 लाख डॉलर निर्धारित की गई थी। तब भारत के अलावा किसी अन्य देश ने मेजबानी में रूचि नहीं दिखाई। इसलिए भारत को इसके आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बीएफआई का आरोप-बिना जानकारी मेजबानी की फीस बदली
बीएफआई का आरोप है कि इसके बाद एआईबीए ने बिना जानकारी दिए 2018 में दूसरी बीड निकाली। इसमें मेजबानी फीस को घटाकर 20 लाख डॉलर कर दिया। बीएफआई और एआईबीए के बीच इस मसले पर विवाद चलता रहा। इस बीच, बीएफआई ने नई बीडिंग के तहत मेजबानी के लिए तय की गई 20 लाख डॉलर की फीस चुकाने पर हामी भर दी। लेकिन इंटरनेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन पुरानी मेजबानी फीस की मांग करता रहा।
बीएफआई इसके खिलाफ कोर्ट जाएगी
पिछले साल 31 दिसंबर तक दोनों पक्षों में मेजबानी की फीस को लेकर सहमति नहीं बन पाई।बीएफआई जुर्माना के विरोध में लुसाने स्थित कोर्ट ऑफ अब्रिटेशन फोर स्पोर्ट्समें जाने की तैयारी में है।
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मैं भी दबाव महसूस करता हूं, डरता हूं: MS धोनी May 07, 2020 at 01:12AM
लॉकडाउन खत्म होने तक किचन का मास्टर बन जाऊंगा: रोहित May 07, 2020 at 12:43AM
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मई के अंत में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं, मेडिकल चीफ आर्चर्ड सुरक्षा के लिए गाइडलाइन तैयार करेंगे May 06, 2020 at 11:56PM
कोरोनावायरस के बीच ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट मई के अंत में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। यह सब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल चीफ ऑफिसर डॉ जॉन आर्चर्ड की निगरानी में होगा, जो प्रैक्टिस के लिए गाइडलाइन तैयार करवा रहा है। इसी साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, जिसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है। आर्चर्ड के साथ स्पोर्ट्स एंड साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसन के हेड काउंटोरिस भी शामिल हैं।
डॉ जॉन आर्चर्ड आईसीसी के समितियों के भी सदस्य हैं। जो खेलों को फिर से शुरू करने और जो गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने के इस्तेमाल को रोकने के लिए उपाय खोज रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई अखबार के एक रिपोर्ट के मुताबिक सीए की पहली प्राथमिकता खिलाड़ियों के ट्रेनिंग के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना है।
प्रैक्टिस में बहुत कम खिलाड़ी होने से ज्यादा समस्या नहीं
क्रिकेट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के स्पोर्ट्स एंड साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसन के हेड काउंटोरिस का कहना है कि कोरोना ने ट्रैनिंग के तरीकों में बदलाव के लिए मजबूर कर दिया है। अब क्रिकेट के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नेट्स पर 2 या 3 बॉलर ही गेंदबाजी करते हैं। बल्लेबाज 22 गज की दूरी पर होता है, इसलिए इसको लेकर कोई समस्या नहीं है। वहीं, दूरी बनाए रखना और गेंद को कैसे संभालना है यह भी आसान है।
मैच में जश्न मनाने के दूसरे विकल्प तलाशने होंगे
काउंटोरिस ने कहा कि फिल्ड पर सेलिब्रेशन एक बहुत बड़ी समस्या है। इसके लिए भी तरीके ढृंढने होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना के लिए वैक्सिन या दवा नहीं मिलती है तब तक विकेट लेने और जीतने के बाद खुशी जाहिर करने के लिए नए तरीके ढूंढने की जरूरत है।
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ब्रावो की यह बात दूसरी टीमों के लिए है चैलेंज! May 06, 2020 at 09:05PM
Vizag Gas Leak: पंड्या और यादव ने ट्वीट कर जताया दुख May 06, 2020 at 11:43PM
धोनी ने कहा- भारतीय क्रिकेटर मानसिक परेशानी पर बात करने से कतराते हैं, इसलिए टीम के साथ हमेशा मेंटल कंडिशनिंग कोच रहना चाहिए May 06, 2020 at 03:22PM
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी मानसिक परेशानी के बारे में बात करने से कतराते हैं। ऐसे में टीम के साथ कुछ दिनों के लिए नहीं, बल्कि हर वक्त एक मेंटल कंडिशनिंग कोच रहना चाहिए।
उन्होंने पूर्व क्रिकेटर एस. बद्रीनाथ के एमफोर (मेंटल हेल्थ को लेकर काम करने की संस्था) के ऑनलाइन सेशन में क्रिकेट, वॉलीबॉल, टेनिस के शीर्ष कोचों के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही।
टीम के लिए कंडिशनिंग कोच जरूरी
धोनी नेकहा कि मेंटल कंडिशनिंग कोच अगर कुछ दिनों के लिए टीम के साथ जुड़ता है तो उसका ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा। क्योंकि तब वह कुछ दिनों के लिए खिलाड़ियों से अपने अनुभव साझा कर पाएगा।अगर वह टीम के साथ लगातार रहताहै, तो समझ सकताहैकि ऐसे कौन से क्षेत्र हैं, जो किसी खिलाड़ी के खेल पर असर डाल रहे हैं।
'देश में मानसिक परेशानी को स्वीकार करना बड़ा मु्द्दा'
उन्होंने कहा किभारत में आज भी मानसिक परेशानी को स्वीकार करना बड़ा मुद्दा है। खासतौर पर खिलाड़ियों के साथ ऐसा है। कोई भी वास्तव में यह नहीं कहता है कि, जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं, तो पहली 5 से 10 गेंदे खेलते वक्त दिल की धड़कनें बहुत तेज हो जाती हैं। मुझे दबाव महसूस होता है, मुझे थोड़ा डर लगता है। हर कोई ऐसामहसूस करता है। लेकिन इसका सामना कैसे करना है, यह कोई नहीं बताता?
खिलाड़ी और कोच का रिश्ता अहम: धोनी
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे कहा कि यह मामूली परेशानी है। लेकिन ज्यादातर मौकों पर कोई खिलाड़ी कोच से इस बारे में बात नहीं करता है। इसलिए मैं कहता हूं कि खेल में खिलाड़ी और कोच का रिश्ता बहुत अहम होता है। इस सेशन में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने मेंटल हेल्थ को लेकर कहा किसिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि जिंदगी में भी यहजरूरी है।
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सभी फॉर्मेट खेलना चाहते हैं जेसन होल्डर May 06, 2020 at 09:45PM
ब्राजीलियन क्लब फ्लेमिंगो के 3 खिलाड़ी संक्रमित, अब तक कुल 38 पॉजिटिव मिले; टॉरिनो क्लब का एक खिलाड़ी भी संक्रमित May 06, 2020 at 09:21PM
कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी महामारी ने खेल जगत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। ब्राजील के फुटबॉल क्लब फ्लेमिंगो के 3 खिलाड़ी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। क्लब की ओर से बुधवार को कहा गया कि 30 अप्रैल से 3 मई तक 239 लोगों का टेस्ट किया गया, जिसमें से 38 पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, इटली के क्लब टॉरिनो का भी एक खिलाड़ी संक्रमित पाया गया है। दोनों क्लब ने पीड़ित खिलाड़ियों के नाम नहीं बताए हैं।
हाल ही में 2022 कतर फीफा वर्ल्ड कप के ब्रांड एंबेसडर आदिल खामिस (54) का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। इससे पहले भी वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटे 3 स्टेडियम के 8 कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए थे। इन सभी के बावजूद फीफा वर्ल्ड कप की सभी तैयारियां जारी हैं। यह टूर्नामेंट नवंबर-दिसंबर 2022 में होना है।
मैच में 5 सब्सटिट्यूशन के नियम की तैयारी
कोरोना महामारी के बाद फुटबॉल के लिए फेडरेशन इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) नया नियम बनाने जा रहा है। फुटबॉल मैच में अब तीन की बजाय 5 सब्सटिट्यूशन उतारने की अनुमति मिल सकती है। यह नियम अस्थायी तौर पर ही रहेगा, जिसकी घोषणा इसी हफ्ते हो सकती है। यह छठी बार है, जब इस तरीके का अस्थायी नियम बनाया जा रहा है। इससे पहले 2018 में 4 सब्सटिट्यूशन की अनुमति दी गई थी।
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