भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वनडे मैच सिडनी में खेला जा रहा है। लेकिन सुबह मैच के दौरान दो प्रदर्शनकारी सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में घुस गए। इनमें से एक शख्स ने प्लेकार्ड ले रखा था। प्लेकार्ड पर शख्स ने 'नो 1 बिलियन डॉलर अडाणी लोन' लिखा था। दरअसल, पिछले दिनों सरकारी बैंक SBI द्वारा अडाणी ग्रुप को ऑस्ट्रेलिया में कोल माइनिंग के लिए 5 हजार करोड़ रुपए का लोन दिए जाने की खबरें सामने आई थी।
SBI से लोन की खबर
17 नवंबर को मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक SBI, अडाणी ग्रुप को ऑस्ट्रेलियाई कोल माइनिंग प्रोजेक्ट के लिए 1 बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर की रकम देगी। यह रकम अडाणी इंटरप्राइजेज की ऑस्ट्रेलियन माइनिंग कंपनी ब्रेवस माइनिंग एंड रिसोर्सेज को दी जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक SBI और अडाणी ग्रुप के बीच लोन संबंधी बातचीत आखिरी चरण में है। इस पर बैंक अधिकारियों की कमिटी जल्द ही मंजूरी दे सकती है। इससे पहले सिटी बैंक, डॉयशे बैंक, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड, एचएसबीसी और बार्कलेज ने ग्रुप को लोन देने से इंकार कर दिया था।
मैच के 7वें ओवर की घटना
ये घटना नवदीप सैनी के 7वें ओवर से पहले हुई। शख्स ने पिच के बिलकुल नजदीक पहुंचकर विरोध जताया। हालांकि, सिक्योरिटी गार्ड्स दोनों प्रदर्शनकारियों को मैदान से बाहर कर दिया। कोरोना के बीच 50% क्रिकेट फैंस को पहली बार स्टेडियम में मैच देखने की अनुमति मिली। सभी टिकट्स आधे दिन में बिक गए थे।
ऑस्ट्रेलिया में स्टॉप अडाणी मूवमेंट
बता दें कि, स्टॉप अडाणी मूवमेंट ऑस्ट्रेलिया में एक चर्चित नाम है। लोग अडाणी के प्रोजेक्ट को जलवायु परिवर्तन का दोषी मान रहे हैं। वहीं, अडाणी ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया में लगभग एक दशक बाद 2019 में 16 बिलियन डॉलर के कोल प्रोजेक्ट को हासिल कर लिया। इससे सालाना लगभग 6 करोड़ टन कोयला उत्पादन का अनुमान है।
इसी साल सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के इस कंट्रोवर्सियली अडाणी कोल माइन ने एनवायरोमेंट एक्टीविस्ट के खिलाफ जीत हासिल की थी। अडाणी ग्रुप ने कहा था कि उनके प्रोजेक्ट ने कंस्ट्रक्शन के दौरान स्टेट ऑफ क्विंसलैंड में 1500 लोगों को रोजगार दिया था।
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अडानी के प्रोजेक्ट को लेकर ऑस्ट्रेलिया में काफी समय से विरोध चल रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे सीरीज के पहले वनडे इंटरनैशनल के दौरान भी कुछ ऐसा देखने को मिला।







अर्जेंटीना के एथलीट डिएगो माराडोना (Diego Maradona Death) का ऐसा करियर रहा है, जिसे दुनिया कभी नहीं भूलेगी। फुटबॉल राइटर्स एसोसिएशन ने तो उन्हें 4 बार फुटबॉलर ऑफ द ईयर का भी खिताब दिया है। माराडोना ने 1986 में महज 25 साल की उम्र में अर्जेंटीना टीम के कैप्टन की भूमिका अदा करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप जीता था। उनका एथलीट करियर तो कभी नहीं भूला जा सकता है, साथ ही उनके जूते को भी भुलाया नहीं जा सकता है। माराडोना का निधन बुधवार को स्थानीय समयानुसार लगभग 12.00 बजे राजधानी के उत्तरी बाहरी इलाके सैन एंड्रेस के पास उनके घर पर हुआ। 30 अक्टूबर को, माराडोना ने अपना 60 वां जन्मदिन मनाया था।करिश्मा से कॉन्ट्रोवर्सी तक, जानें डिएगो माराडोना की जिंदगी में कब क्या हुआ


