चेन्नई भारत को अगले महीने साउथैम्पटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ का फाइनल खेलना है। इस मैदान पर भारत ने जब अपना पिछला मुकाबला खेला था तब चेतेश्वर पुजारा ने नाबाद 132 रन बनाए थे। हालांकि भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था लेकिन पुजारा ने भारतीय टीम को मुकाबले में बनाए रखा था। 33 वर्षीय यह बल्लेबाज एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजी की अहम कड़ी है। इस पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पुजारा पर काफी कुछ निर्भर करेगा। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ पुजारा ने कोरोना, टीम इंडिया की बैंच स्ट्रेंथ और अन्य कई मुद्दों पर बात की।
कोरोनावायरस ने इंग्लैंड दौरे के लिए आपकी तैयारियों पर कैसा असर डाला है? यह पूरी दुनिया के लिए मुश्किल वक्त है। ऐसा 100 साल या उससे भी ज्यादा बाद हुआ है। किस्मत की बात है कि हम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेल पाएंगे और यह अपने शेड्यूल के हिसाब से हो रहा है। अगर तैयारियों के लिहाज से हम थोड़ा पीछे भी रह जाएं तो मुझे लगता है कि टीम के पास इतना अनुभव है कि वह मजबूत प्रदर्शन कर सके। इस भारतीय टीम ने हालिया वक्त में दिखाया है कि यह किसी भी तरह की पिच और परिस्थिति में जीतने का दम रखती है और इसी आत्मविश्वास के साथ न्यूजीलैंड और फिर उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उतरेंगे।
|
मैच |
पारी |
रन |
उच्चतम |
औसत |
100 |
50 |
कुल मैच |
85 |
142 |
6244 |
206* |
46.59 |
18 |
29 |
इंग्लैंड |
9 |
18 |
500 |
132* |
29.41 |
1 |
2 |
इंग्लैंड में खेली कुल 18 पारियों में से 11 में उन्होंने 25 से कम रन बनाए। छह पारियों में उन्होंने दहाई का आंकड़ा भी हासिल नहीं किया वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद तैयारी के तरीकों में कोई अंतर आया है? जहां तक बात मेरी बल्लेबाजी की है- आप अलग तरीका नहीं आजमा सकते। पर बात जब ट्रेनिंग की आती है तो आपको इसे करने के अलग तरीके आजमाने पड़ते हैं, खास तौर पर जब आप क्वॉरनटीन में हों तब। खुद को फिट और बिजी रखने के लिए आपको अपने ट्रेनर से बात करनी पड़ती है। हर सीरीज से पहले का क्वॉरनटीन का वक्त सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है। अच्छी बात यह है कि खिलाड़ी क्वॉरनटीन में भी ट्रेनिंग करने को तैयार रहते हैं। प्रैक्टिस शुरू होने से पहले यह हमें फिट रखने में काफी मदद करता है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर आपके क्या विचार हैं? भारतीय टीम ने बीते दो साल में शानदार सफर तय किया है। हमने अच्छा खेला है और इसके फाइनल के लिए क्वॉलिफाइ किया है। हम इस मुकाबले को लेकर काफी उत्साहित हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला, दो उच्च-स्तरीय टीमों का मुकाबला होगा। दोनों टीमें टक्कर की हैं तो यह बेशक एक अच्छा मैच होगा।
न्यूजीलैंड की गेंदबाजी के बारे में आपकी क्या राय है, किस गेंदबाज पर आपकी खास नजर रहेगी? मैं किसी खास गेंदबाज का नाम नहीं लेना चाहूंगा। उनका गेंदबाजी आक्रमण काफी संतुलित है। हम पहले भी उनके गेंदबाजों को खेल चुके हैं और हमें इस बात की ठीक-ठाक समझ है कि वे कैसे गेंदबाजी करते हैं, किस तरह के ऐंगल का इस्तेमाल करते हैं। और हम इसके लिए तैयार होंगे।
पिछले साल आप न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज हार गए थे। क्या इससे उन्हें एक मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी? मुझे ऐसा नहीं लगता। जब हमने 2020 में कीवी टीम का सामना किया था, तो वह उनका घरेलू मैदान था। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के साथ ऐसा नहीं है। यह दोनों टीमों के लिए न्यूट्रल मैदान है। किसी भी टीम के पास होम अडवांटेज नहीं होगा। हमने तैयारी पूरी कर ली है और अगर हम अपनी पूरी क्षमता के साथ खेले तो हमारे पास दुनिया की किसी भी टीम को हराने की काबिलियत है।
2018 में साउथैम्टन में भारत को अपने पिछले मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। क्या उससे मिले कुछ ऐसे सबक हैं, जो आपको इस मैच में मदद कर सकते हैं? किसी एक मैच का आकलन करना आसान नहीं होता। हम उस मैच में इंग्लैंड के खिलाफ मजबूत स्थिति में थे। हमारे पास मौके थे। लेकिन मैं उस मैच का आकलन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के साथ नहीं करूंगा चूंकि इस बार हम अलग टीम के खिलाफ खेल रहे हैं। किसी भी मैच से हमें सकारात्मक चीजें ही लनी चाहिए। मैं हमेशा से इसी बात पर विश्वास करता हूं।
पिछली तीन विदेशी दौरों पर पुजारा का प्रदर्शन
बनाम |
सीरीज |
टेस्ट |
पारी |
रन |
सर्वाधिक |
औसत |
100 |
50 |
WI |
2019 |
2 |
4 |
60 |
27 |
15 |
0 |
0 |
NZ |
2019-20 |
2 |
4 |
100 |
54 |
25 |
0 |
1 |
Aus |
2020-21 |
4 |
8 |
271 |
77 |
33.87 |
0 |
3 |
कुल |
|
8 |
16 |
431 |
77 |
26.93 |
0 |
4 |
पिछले एक दशक में जब आप भारतीय टीम का हिस्सा हैं- क्या यह सबसे मजबूत बैंच स्ट्रेंथ है? बेशक, भारतीय टीम के पास बहुत ज्यादा टैलंट है। फिर चाहे हमारी बोलिंग हो या बैटिंग या फिर हमारे बैकअप प्लेयर्स ही क्यों न हों। इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज इसका उदाहरण है। हमारे कई खिलाड़ी चोटिल थे, लेकिन बैकअप खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया और हमने सीरीज जीती। भारतीय टीम में हर खिलाड़ी अच्छा खेलना चाहता है और यह एक अच्छी टीम की निशानी है।
भारत ने आखिरी बार इंग्लैंड में 2007 में टेस्ट सीरीज जीती थी। क्या आपको लगता है कि इस बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने का सबसे अच्छा मौका है? बेशक, हमारे पास इंग्लैंड में जीत हासिल करने वाली टीम है। हाल के कुछ अर्से में हमने विदेश में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस टीम का आत्मविश्वास काफी ऊंचा है। खेल के हर विभाग में हमारे पास काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और अगर हम उस दिन अपने प्लान को सही तरीके से मैदान पर उतार सके- तो इंग्लैंड के खिलाफ भी नतीजा हमारे पक्ष में होगा।