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नई दिल्ली तोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic 2020) में पाकिस्तानी एथलीटों के लचर प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान सरकार ने () के अध्यक्ष सयैद आरिफ हसन (Syed Arif Hasan) से इस्तीफे की मांग की है। पाकिस्तान का खाता भी नहीं खुला साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तब पाकिस्तान अलग मुल्क बना। एक-साथ दोनों ही देशों को विकास की सीढ़ियां चढ़नी थी। मगर तोक्यो में पाकिस्तान का खाता तक नहीं खुल पाया। हालांकि स्वर्णवीर नीरज चोपड़ा के साथ फाइनल में पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम (Arshad Nadeem) भी पहुंचे थे। अपनी देश की ओर से फाइनल में पहुंचने वाले वह पहले पाकिस्तानी थे। आरिफ हसन 2004 से पाकिस्तान ओलिंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। तीन दशक से मेडल नहीं जीत पाया पाकिस्तान तोक्यो ओलिंपिक में पाकिस्तान का 22 सदस्यीय दल गया था, जिसमें 10 एथलीट और 12 अधिकारी थे। पाकिस्तान लगभग तीन दशकों से पदक जीतने का इंतजार कर रहा है। आखिरी बार 1992 में बार्सिलोना ओलिंपिक में हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल आया था। तब पाकिस्तान की टीम तीसरे नंबर पर रही थी। पाकिस्तान के लिए आखिरी व्यक्तिगत मेडल मुक्केबाज हुसैन शाह पदक लाए थे, 1988 के बाद से यह सूखा भी खत्म नहीं हुआ है। ओलिंपिक में पाकिस्तान के नाम हैं कुल 10 मेडल पाकिस्तान की ओर से सबसे अधिक 1956 मेलबर्न ओलिंपिक में 62 ऐथलीटों ने क्वॉलिफाइ किया था। रोचक बात यह है कि ओलिंपिक में पाकिस्तान के नाम कुल मिलाकर 10 मेडल ही हैं। इसमें 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।
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